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आधुनिक इतिहास के महत्वपूर्ण तथ्यों का संकलन | MODERN HISTORY INDIA: NOTES-3


इण्डियन एशोसिएशन:
* दिसंबर 1883 में इण्डियन एशोसिएशन ने  अखिल भारतीय राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया था और दिसम्बर 1885 में दूसरा सम्मेलन करने की घोषणा की थी
* यही कारण था कि अखिल भारतीय राष्ट्रीय सम्मेलन से जुड़े सुरेन्द्र नाथ बनर्जी 1885 में भारतीय  राष्ट्रीय कांग्रेस के स्थापना सत्र में शामिल न हो सके ।
Note:
* लाल , बाल और पाल त्रिगुट में केवल लाला लाजपत राय ने काँग्रेस के कोलकाता के विशेष अधिवेशन  की 1920 ई0 में अध्यक्षता की थी ।
* बाल गंगाधर तिलक कांग्रेस के 1918 में दिल्ली अधिवेशन के लिए अध्यक्ष चुने गये | थे परन्तु अपने  ऊपर चल रहे  मानहानि   के  मुकदमे  में  व्यस्त  होने  के  कारण   एवं  अध्यक्षता  के  लिए  उपलब्ध  न  होने  के  कारण मदन मोहन मालवीय ने अध्यक्षता की ।

मुस्लिम लीग:
* मुस्लिम नेताओं ने ढाका के नवाब सलीमुल्ला के नेतृत्व में 30 दिसम्बर , 1906 ई . को ढाका में मुस्लिम लीग की स्थापना की ।
* सलीमुल्ला खा मुस्लिम लीग के संस्थापक अध्यक्ष थे |
* प्रथम अधिवेशन की अध्यक्षता मुश्ताक हुसैन ने की ।
* 1908 ई . में आगा खां इसके स्थायी अध्यक्ष चुने गये जो 1913 तक इस पद पर रहे ।
स्रोत - आधुनिक भारत , डॉ० एस० के० गुप्ता
  
सुभाष चन्द्र बोस:
* सुभाष चन्द्र बोस वर्ष 1938 एवं 1939 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष चुने गये ।
* वर्ष 1939 में सुभाष चन्द्र बोस महात्मा गाधी के समर्थक उम्मीदवार पट्टाभि सीता रमैय्या को  1377 के मुकाबले 1580 मतों से पराजित करके निर्वाचित हुए |
* परन्तु कार्यकारिणी में अंतर्विरोध के फलस्वरूप उन्होंने कांग्रेस के अध्यक्ष पद एवं पार्टी सदस्यता से  त्यागपत्र देकर फारवर्ड ब्लोक ' नामक नये राजनीतिक दल का गठन किया ।
* सुभाष बोस के त्यागपत्र के फलस्वरूप डॉ० राजेन्द्र प्रसाद भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष चुने गये ।
स्रोत - आधुनिक भारत , डॉ० एस० के० गुप्ता

भारत छोड़ो आन्दोलन:
* भारत छोड़ो आन्दोलन में औरतों ने काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई  ,खास तौर से छात्राओं ने ।  अरूणा आसफ अली और सुचेता कृपलानी ने भूमिगत कार्रवाइयों के संगठन का काफी काम किया|
* ऊषा मेहता उस छोटे से समूह की महत्वपूर्ण सदस्या थीं जिन्होंने , कांग्रेस रेडियो का प्रसारण किया  था ।
स्रोत - सामान्य अध्ययन , यूनीक

विद्रोह :
* सन् 1817 - 25  के  दौरान बम्बई प्रेसीडेन्सी में भूराजस्व बन्दोबस्त  के समय  विद्रोह हुआ इसे  भील विद्रोह के नाम से जानते हैं ।
* कोल विद्रोह छोटा नागपुर में हुआ था ।
* संथाल विद्रोह बिहार के राजमहल क्षेत्र में में हुआ था ।
* रम्पा विद्रोह आंध्र प्रदेश में हुआ था ।

स्वराज पार्टी:
* 1 जनवरी , 1923 को चितरंजन दास ने मोती लाल नेहरू बिट्ठल भाई पटेल मदन मोहन मालवीय  और जयकर के साथ मिलकर इलाहाबाद में कांग्रेस से  अलग होकर  स्वराजपार्टी  की स्थापना की |
* अध्यक्ष चितरंजन दास एवं सचिव मोती लाल नेहरू बनाये गये ।
स्रोत - भारत का स्वतंत्रता संघर्ष , विपिन चन्द्र

1857 के विद्रोह का नेतृत्व:
* 1857 के विद्रोह का नेतृत्व खान बहादुर ने बरेली में किया था ।
* आरा ( बिहार )  में कुंवर सिंह ने किया था । ,
* अवध में मौलवी अहमद शाह ने किया था ।
* लखनऊ में विद्रोह का नेतृत्व विरजिंस कादिर ने किया था ।
* झांसी में रानी लक्ष्मीबाई ने विद्रोह का नेतृत्व किया था ।
* कानपुर में नाना साहब ने विद्रोह का नेतृत्व किया था ।
स्रोत - भारतीय इतिहास , वी० के० अग्निहोत्री

आनन्द मठ:
*  ' आनन्द मठ ' की कथावस्तु संन्यासी विद्रोह पर आधारित है ।
* ' आनन्द मठ ' की रचना बंकिम चन्द्र चटर्जी ने किया था ।
* हमारा राष्ट्रीय गीत ' वंदे मातरम ' इसी ग्रन्थ से लिया गया है ।
* अंग्रेजों की शोषणकारी नीतियों के विरुद्ध संन्यासी विद्रोह ( 1760 ) , प्रथम विद्रोह था ।

माउण्ट बेटन योजना:
* भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने जून 1947 में माउण्ट बेटन योजना को स्वीकार किया था ।
* माउण्ट बेण्टन योजना द्वि - राष्ट्र सिद्धान्त को साकार कर रही थी फिर भी कांग्रेस ने द्वि - राष्ट्र के  सिद्धान्त के उद्भव एवं विकास में कभी कोई प्रत्यक्ष योगदान नहीं दिया
* साम्प्रदायिक दंगे से उपजी नाजुक परिस्थितियां द्वि - राष्ट्र सिद्धान्त को एकमात्र विकल्प के रूप में  प्रस्तुत कर रही थी । कांग्रेस ने केवल परिस्थितियों से समझौता किया था । शेष भारत में कोई  भेदभाव की नीति नहीं अपनायी गई ।

नील आन्दोलन:
* नील आन्दोलन ( 1859 - 1860 ) की प्रथम शुरूआत सितम्बर, 1859 में बंगाल के नदिया जिले के गोविन्दपुर गांव में हुई ।
* इस आंदोलन की शुरूआत दिगम्बर विश्वास एवं विष्णु विश्वास ने की थी ।
* हिन्दू पैट्रियट के संपादक हरीश चन्द्र मुखर्जी ने नील आंदोलन में काफी काम किया ।
स्रोत- भारत का स्वतन्त्रता संघर्ष , विपिन चन्द्र

बाल गंगाधर तिलक:
* बाल गंगाधर तिलक ( 1856 - 1920  )  भारतीय  स्वाधीनता  आन्दोलन  के  समय  राष्ट्रीय  काँग्रेस  के  उग्र विचारों के पक्ष को नेतृत्व प्रदान करते थे ।
* तिलक ब्रिटिश साम्राज्य से संघर्ष को तीव्र करना चाहते थे  ।  तिलक  ने  भारतीय  राष्ट्रीय  काँग्रेस  के  लखनऊ ( 1916 )  अधिवेशन  में  कहा  कि  " स्वराज मेरा जन्म सिद्ध अधिकार है मैं इसे लेकर रहूंगा |
* इससे पहले दादाभाई नौरोजी 1906 में काँग्रेस के मंच से स्वराज की मांग प्रस्तुत कर चुके थे ।
स्रोत- आधुनिक भारत , डॉ० एस० के० गुप्ता

भारत में विलय:
* कश्मीर का भारत में विलय 17 अक्टूबर , 1948  को  राजा  हरिसिंह  के  भारत  में  विलय  पत्र  पर हस्ताक्षर करने से हुआ ।
* हैदराबाद का विलय तत्कालीन गृहमंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल द्वारा करवायी गयी पुलिस कार्यवाही  से 17 सितम्बर , 1947  को संभव हुआ ।
* जूनागढ़ का शासक पाकिस्तान भाग गया फलतः जनमत संग्रह को आधार बनाकर इसे 9 नवम्बर , 1948 को भारत संघ में विलय सुनिश्चित किया गया ।
स्रोत - आधुनिक भारत , एल० पी० शर्मा

रेग्यूलेटिंग एक्ट:
* रेग्यूलेटिंग एक्ट 1773 द्वारा कलकत्ता में एक सर्वोच्च न्यायालय ( Supreme Court of Judicature )  की  स्थापना  का प्रावधान किया गया ।  इसके अधिकार क्षेत्र में  कलकत्ता में  रहने वाले सभी भारतीय तथा अंग्रेज थे । कलकत्ता से बाहर रहने वाले भारतीयों के झगड़ों को यह न्यायालय तमी  सुन सकता था जब दोनों पक्ष इसके लिए स्वीकृति दे दें । सर एलिजा इम्पे इसके प्रधान न्यायाधीश  तथा चैम्बर्स , लिमैस्टर तथा हाइड तीन अन्य न्यायाधीश नियुक्त किये गये ।
स्रोत - आधुनिक भारत का इतिहास , बी० एल० ग्रोवर

अभिनव भारत :
* 1899 में नासिक में मित्र मेला नामक एक क्रांतिकारी संस्था की स्थापना हुई जिससे 1907 में  अभिनव भारत नामक संगठन अस्तित्व में आया ।
* इसके संस्थापक गणेश सावरकर तथा विनायक सावरकर थे ।
* अभिनव भारत एक ऐसी संस्था थी जिसमें युवकों को क्रांति के लिए प्रशिक्षित किया जाता तथा  युद्ध कला सिखायी जाती थी ।
* अभिनवं भारत ने पांडुरंग महादेव ' बापत को बम बनाने की तकनीक सीखने के लिए रूस भेजा था ।  कोल्हापुर बम केस में इस संस्था से जुड़े क्रांतिकारियों को लम्बी सजाएं हुई |

जतीन दास:
* जतीन दास लाहौर षडयंत्र के आरोप में बंदी बनाये गये थे ।
* जेलों की अमानवीय परिस्थितियों के विरोध में क्रांतिकारियों की भूख हड़तालें खास तौर पर प्रेरणाप्रद  थी । राजनीतिक बंदियों के रूप में उन्होंने जेलों में अपने साथ सम्मानित तथा सुसंस्कृत व्यवहार  किये जाने की मांग की ।
* ऐसी ही एक भूख हड़ताल में 63 दिनों की ऐतिहासिक भूख हड़ताल के बाद एक दुबले - पतले  क्रांतिकारी जतीन दास शहीद हुए ।
स्रोत - आधुनिक भारत , ' डॉ० एस० के० गुप्ता

असहयोग आन्दोलन:
* असहयोग आन्दोलन ( 1920 - 22 )  के  दौरान  देश  के  ख्यातिलब्ध  अधिवक्ताओं  यथा - चितरंजन दास , मोती लाल नेहरू , एम . आर . जयकर , सैफुद्दीन किचलूं , वल्लभ भाई पटेल, सी . राजगोपालाचारी . , टी . प्रकाशम और आसफ अली ने अपने वकालत के पेशे को त्याग दिया ।

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस महिला अध्यक्षा :
* भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का तैंतीसवां अधिवेशन  1917 ई . में कलकत्ता में आयोजित हुआ जिसकी  अध्यक्षता श्रीमती ऐनी बेसेण्ट ने की ।
* कांग्रेस की अध्यक्षता करने वाली प्रथम भारतीय महिला सरोजनी नायडू थीं जिन्होंने 1925 में  कानपुर अधिवेशन की अध्यक्षता की थी ।
* श्रीमती नलिनी सेन गुप्ता 1933 में कांग्रेस की अध्यक्षा रहीं ।
स्रोत - आधुनिक भारत , डॉ० एस० के० गुप्ता

गढ़करी विद्रोह :
* 1844 ई० में महाराष्ट्र ( कोल्हापुर ) में गडकरी जाति के विस्थापित सैनिकों ने अंग्रेजों के विरुद्ध विद्रोह कर दिया ।
फराजी विद्रोह :
* बंगाल के फरीदपुर का यह सम्प्रदाय शरीयतुल्ला द्वारा अनुमोदित विचारों से प्रभावित था । ये लोग  सामाजिक राजनतिक तथा धार्मिक परिवर्तन का प्रतिपादन करते थे ।
* शरीयतुल्ला के पुत्र दादू मियां के नेतृत्व में अंग्रेजों के विरुद्ध विद्रोहों की योजना बनाई साथ ही  जमींदारों के अत्याचार के विरुद्ध विद्रोह कर दिया । यह विद्रोह 1838 से 1857 तक चलता रहा ।
पागलपंथी विद्रोह:
* पागल पंथी अर्द्ध धार्मिक सम्प्रदाय था , जिसे उत्तर बंगाल में करमशाह ने चलाया था ।1825 ई . में करमशाह के उत्तराधिकारी उसके पुत्र टीपू ने जमींदारों के अत्याचार के खिलाफ विद्रोह  किया ।
* यह विद्रोह इस क्षेत्र में 1840 से 1850 तक चलता रहा ।

समाचार पत्र :

समाचार पत्र )
सम्पादक )
हिन्दू
जीसुब्रमण्य अय्यर
सुधारक
गोपाल कृष्ण गोखले
वायस आफ इण्डिया
दादा भाई नौरोजी
बंगाली
सुरेन्द्र नाथ बनर्जी

                      


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