- भारत में ब्रिटिश साम्राज्य के अन्तर्गत अवध को 1856 ई . में कुशासन का आरोप लगाकर लखनऊ के रेजीडेण्ट में आउट्रम ने शामिल कर लिया ।
- उस समय अवध का नवाब वाजिद अली शाह था |
- ब्रिटिश गवर्नर जनरल लार्ड डलहौजी ( 1848 - 1856 ) था ।
राजा राममोहन राय:
- राजा राममोहन राय को भारतीय पुनर्जागरण का पितामह कहा जाता है ।
- राजा राममोहन राय ने एकेश्वरवाद में विश्वास करते हुए मूर्ति पूजा एवं अवतारवाद की निंदा की
- राजा साहब ने ब्रह्म समाज की स्थापना 20 अगस्त 1828 को कोलकाता में की ।
रेग्युलेटिंग एक्ट:
- रेग्युलेटिंग एक्ट 1773 में पारित किया गया था ।
- इस ऐक्ट का उद्देश्य भारत में ईस्ट इंडिया कम्पनी की गतिविधियों को ब्रिटिश सरकार की निगरानी में लाना था ।
- इसके अतिरिक्त कम्पनी की संचालक समिति में आमूल - चूल परिवर्तन करना तथा कम्पनी के राजनीतिक अस्तित्व को स्वीकार कर उसके व्यापारिक ढांचे को राजनीतिक कार्यों के संचालन योग्य बनाना था ।
- इसे 1774 में लागू किया गया था ।
भारतीय परिषद अधिनियम:
- भारतीय परिषद अधिनियम , 1909 को मार्ले - मिण्टों सुधार के नाम से भी जाना जाता है
- मुख्यतः इस अधिनियम का उद्देश्य कांग्रेस के उदारवादी दल के नेताओं एवं मुसलमानों को अपने पक्ष में करना था तथा उग्र राष्ट्रवादी तत्वों का दमन करना था ।
- अंग्रेज जो काम बंगाल विभाजन से नहीं कर पाये उसके लिए यह नया अस्त्र था ।
बंगाल विभाजन:
- बंगाल विभाजन के निणय की घोषणा 19 जुलाई , 1905 को की गई ।
- 7 अगस्त , 1905 को कोलकत्ता के टाउन हाल में एक ऐतिहासिक बैठक में स्वदेशी आन्दोलन की विधिवत घोषणा की गई ।
- इस बैठक में बहिष्कार प्रस्ताव पारित हुआ ।
- 16 अक्तूबर , 1905 का दिन जिस दिन विभाजन प्रभावी हुआ पूरे बंगाल में शोक दिवस मनाया गया ।
- स्वदेशी आन्दोलन ने प्रायः सम्पूर्ण भारत को अपने प्रभाव में ले लिया । लोकमान्य तिलक ने बम्बई एवं पुणे , लाला लाजपत राय ने पंजाब एवं उत्तर प्रदेश , सैयद हैदर रजा ने दिल्ली एवं चिदम्बरम पिल्लै ने मद्रास प्रेसीडेंसी में इसका नेतृत्व किया ।
डांडी मार्च:
- भारतीय इतिहास में तिथि 6 अप्रैल , 1930 महात्मा गांधी द्वारा डांडी मार्च के लिए जानी जाती है ।
- गांधी जी ने 12 मार्च , 1930 को साबरमती आश्रम के अपने 78 सहयोगियों के साथ अहमदाबाद मुख्यालय से गुजरात के गांवों में होते हुए 240 मील की यात्रा करके 6 अप्रैल ,1930 को नवसारी जनपद में स्थित डांडी में समुद्र के किनारे पहुंचकर नमक कानून तोड़ा ।
- इस प्रकार सविनय अवज्ञा आंदोलन की शुरूआत हुई ।
1857 का विद्रोह :
- मई 1857 में 85 सैनिकों ने चर्बी वाले कारतूसों के प्रयोग करने से इंकार कर दिया । उन्हें सैनिक न्यायालय ने दीर्घकालीन कारावास का दण्ड सुनाया ।
- 10 मई को सैनिकों ने खुला विद्रोह कर दिया और अपने अधिकारियों पर गोली चलायी । अपने साथियों को मुक्त करवाकर ये लोग दिल्ली की ओर चल पडे । जनरल हेविट के पास 2200 यूरोपीय सैनिक थे परन्तु उसने इस तूफान को रोकने का कोई प्रयास नहीं किया ।
- विद्रोहियों ने 12 मई को दिल्ली पर अधिकार कर लिया ।
- 5 जून , 1857 को कानपुर अंग्रेजों के हाथ से निकल गया ।
- 1 जून 1857 में झांसी में भी सैनिकों ने विद्रोह कर दिया ।
- अंग्रेज जुलाई 1858 तक विद्रोह को पूर्णतया शान्त कर सके ।
स्रोत - आधुनिक भारत का इतिहास , बी० एल० ग्रोवर
स्वराज पार्टी :
- भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष सी० आर० दास एवं महामंत्री मोती लाल नेहरू ने गया कांग्रेस अधिवेशन ( 1922 , दिसम्बर ) में विधान परिषदों से संबंधित कार्यक्रमों का प्रस्ताव रखा और तर्क दिया कि इससे या तो विधान परिषदों का स्वरूप बदलेगा या वे खत्म हो जायेंगी ।
- लेकिन कांग्रेस के दूसरे खेमे ने जिसका नेतृत्व बल्लभभाई पटेल , राजेन्द्र प्रसाद और सी० राजगोपालाचारी कर रहे थे , इसका विरोध किया ।
- प्रस्ताव 890 मतों के मुकाबले 1748 मतों से नामजूर हो गया ।
- सी० आर० दास एवं मोती लाल नेहरू ने कांग्रेस के पदों से त्यागपत्र देकर 1 जनवरी , 1923 को एक नई पार्टी कांग्रेस खिलाफत स्वराज पार्टी के गठन की घोषणा की ।
सोत - भारत का स्वतंत्रता संघर्ष , विपिन चन्द्र
संस्थाएं
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संस्थापक
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प्रार्थना समाज
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एम . जी . रानाडे ( 1867 )
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ब्रह्म समाज
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राजा राममोहन राय ( 1828 )
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आर्य समाज
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दयानंद सरस्वती ( 185 )
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रामकृष्ण मिशन
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विवेकानन्द ( 1896 )
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स्रोत - आधुनिक भारत , डॉ० एस० के० गुप्ता
आंदोलन
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प्रारंभ वर्ष
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चम्पारण आन्दोलन
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1917
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असहयोग आन्दोलन
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1920
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डांडी मार्च
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1930
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भारत छोड़ो आन्दोलन
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1942
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स्रोत - आधुनिक भारत , डॉ० एस० के० गुप्ता
होमरूल लीग:
- लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक ने अप्रैल 1916 में बेलगांव में हुए प्रांतीय सम्मेलन में होमरूल लीग के गठन की घोषणा की ।
- एनी बेसेण्ट ने सितम्बर , 1916 में लीग की स्थापना की ।
- तिलक की लीग कर्नाटक , महाराष्ट्र , ( बम्बई छोड़कर ) मध्य प्रांत तथा बरार था । शेष भारत ऐनी बेसेण्ट की लीग की कार्यभूमि था ।
स्रोत - भारत का स्वतंत्रता संघर्ष , विपिन चन्द्र
माउण्ट बेटन योजना:
- 24 मार्च , 1947 को लार्ड माउण्ट बेटन को लार्ड बेवेल के स्थान पर वायसराय नियुक्त किया गया ।
- 3 जून , 1947 को प्रस्तुत माउण्ट बेटन योजना के तहत भारत एवं पाकिस्तान दो डोमिनियनों में विभक्त किया गया ।
- यह योजना 15 अगस्त , 1947 को फलीभूत हुई ।
स्रोत - आधुनिक भारत का इतिहास , बी० एल० ग्रोवर
कैबिनेट मिशन:
- ब्रिटेन में 26 जुलाई , 1945 को क्लीमेण्ट एटली ने राजसत्ता ग्रहण की और 15 फरवरी , 1946 को भारतीय संविधान सभा एवं तत्कालीन ज्वलंत समस्याओं पर भारतीयों से विचार - विमर्श के लिए कैबिनेट मिशन ' को भारत भेजने की घोषणा की ।
- 24 मार्च , 1946 को दिल्ली पहुंचे कैबिनेट मिशन शिष्ट मण्डल के सदस्य थे - स्टेफोर्ड क्रिप्स , पैथिक लारेंस एवं ए० वी० अलेक्जेण्डर थे ।
- 16 मई , 1946 को इस मिशन ने अपना प्रतिवेदन प्रस्तुत किया ।
स्रोत - आधुनिक भारत , डॉ० एस० के० गुप्ता
हरिजन :
- 26 सितम्बर , 1932 को सम्पन्न पूना समझौता महात्मा गाधी और वी . आर . अम्बेडकर के मध्य हुआ ।
- महात्मा गाधी हरिजनोत्थान में लग गये । इस हेतु उन्होंने हरिजन सेवक संघ की स्थापना की जिसके अध्यक्ष घनश्याम दास बिड़ला थे ।
- 7 नवम्बर , 1933 को वर्धा से गांधी जी ने अपनी हरिजन यात्रा आरंभ की ।
- 29 जुलाई , 1934 तक उन्होंने लगातार देश का भ्रमण किया और इस दौरान 20 हजार किमी की यात्रा की ।
- हरिजन उत्थान के इस आन्दोलन का दौरान गांधी जी दो बार 8 मई व 16 अगस्त , 1933 को लम्बे अनशन पर बैठे ।
स्रोत - आधुनिक भारत , डॉ० एस० के० गुप्ता
बहावी आन्दोलन:
- बहावी आन्दोलन को भारत में सबसे ज्यादा प्रचारित करने का श्रेय सैयद अहमद बरेलवी एवं इस्लाम हाजी मौलवी मुहम्मद को दिया जाता है ।
- भारत में बहावी आन्दोलन ईरान से प्रेरित होकर चलाया गया ।
- सर्वप्रथम इस आन्दोलन ने ही मुसलमानों पर पड़ने वाले पाश्चात्य प्रभावों का विरोध किया
- आन्दोलन द्वारा इस्लाम धर्म की पवित्रता को बचाये रखने का प्रयास किया गया ।
- अपने प्रारंभिक दिनों में यह आन्दोलन पंजाब में सिक्ख सरकार के विरुद्ध चलाया गया ।
- इस आन्दोलन को 1870 ई . में दबा दिया गया । इस आन्दोलन का मुख्य केन्द्र पटना में था ।
स्रोत - आधुनिक भारत , डॉ० एस० के० गुप्ता