नमस्कार दोस्तों , UPPCS (Prelims) – 2002 में दिल्ली
सल्तनत काल ( Delhi Sultanate) से आये हुए प्रश्नों को व्याख्या सहित हल किया गया है | प्रश्नों का व्याख्या Civil services के
मानक पुस्तकों से लिया गया
है |
जो Students Civil services, Railway, UPSC, SSC, Banking, State
PSC, CDS, NDA, SSC CGL, SSC CHSL, Patwari, Samvida, Police, SI, CTET, TET,
Army, MAT, CLAT, NIFT, IBPS PO, IBPS Clerk, CET, Vyapam , Lekhpal ,
VDO etc. तथा अन्य प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे है उनके लिए “ UPPCS Pre 2002 - दिल्ली सल्तनत शासनकाल “ के History Quiz रामबाण साबित होगी |
Written by : Arvind Kushwaha
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग प्रारंभिक परीक्षा -2002 -दिल्ली
सल्तनत | Delhi Sultanate (Medieval History)
( व्याख्यात्मक हल प्रश्न पत्र )
प्रश्न 1 - प्रथम
सुल्तान जिसने दोआब की आर्थिक क्षमता समझी , कौन
था :
( a ) कुत्बुद्दीन
ऐबक
( b ) इल्तुतमिश
( c ) रुक्नुद्दीन
फिरोजशाह
( d ) बलबन
उत्तर - ( b ) इल्तुतमिश
व्याख्या :
* इल्तुतमिश प्रथम तुर्क सुल्तान था
जिसने दोआब के आर्थिक महत्व को समझा , उसने
वहाँ पर दो हजार तुर्क सैनिक नियुक्त किये ।
स्रोत- मध्यकालीन भारत , भाग -1 , हरिश्चन्द्र वर्मा , पृ०
149 , संस्करण 1997
प्रश्न 2 - निम्नलिखित इतिहासकारों में से कौन
अलाउद्दीन के दक्षिणी अभियान में उसके साथ था :
( a ) हसन
निजामी
( b ) मिनहाज
( c ) अमीर
खुसरो
( d ) जियाउद्दीन
बरनी
उत्तर - ( c ) अमीर
खुसरो
व्याख्या :
* अलाउद्दीन ने दक्षिण अभियान के तहत
देवगिरि , तेलंगाना
, द्वार
समुद्र तथा पाण्ड्य राज्य के साथ युद्ध किया |इस अभियान के लिए अलाउद्दीन ने मलिक
काफुर को नियुक्त किया था । अमीर खुसरो इन अभियानों में मलिक काफूर के साथ दक्षिण
गया था ।
स्रोत - मध्यकालीन भारत , एल० पी० शर्मा , पृ० 130 , संस्करण 1999
प्रश्न 3 - निम्नलिखित में से कौन चार खान
अलाउद्दीन खिलजी के अति विश्वसनीय थे :
( a ) अल्प
खा , उलुग खा , नुसरत खा , जफर खा
( b ) अल्प
खां , अरकली खां , जफर खां , अकत खां
( c ) अरकली
खां , जफर खां , अकत खां , मंगू खां
( d ) अकत
खां , अरकली खां , मंगू खां , जफर खां
उत्तर - ( a ) अल्प
खा , उलुग खा , नुसरत खा , जफर खा
व्याख्या :
* अलाउद्दीन
खिलजी को कुछ विशिष्ट सेनापतियों की सेवाएं प्राप्त हुई थी जिनमें नुसरत खाँ , अल्पखाँ , उलुगखाँ , जफर खाँ और मलिक काफूर थे । इन
सेनापतियों के नेतृत्व में कई विजय अभियान किये गये थे ।
स्रोत- मध्यकालीन भारत , एल० पी० शर्मा , पृ० 117. संस्करण ,
1999
प्रश्न 4 - अलाउद्दीन
खल्जी के गल्ला बाजार का प्रथम अधिनियम संबंधित था :
( a ) शहना
की नियुक्ति से
( b ) सभी
प्रकार के गल्लों का भाव निश्चित करने से
( c ) सरकारी गोदामों में गल्ला एकत्रित करने से
( d ) गल्ला
परिवहन करने वाले व्यापारियों से
उत्तर - ( b ) सभी प्रकार के गल्लों का भाव निश्चित करने से
व्याख्या :
* अलाउद्दीन
खिल्जी के गल्ला बाजार का प्रथम और सबसे कठिन अधिनियम ( जाब्ता ) सभी प्रकार के
गल्लों के भाव निश्चित करने से सम्बन्धित था ।
* दूसरा अधिनियम मलिक कबूल उलुगखानी को
गल्ला मण्डी का नियंत्रक नियुक्त करने से सम्बन्धित था ।
* तीसरा अधिनियम सरकारी गोदामों से गल्ला एकत्रित करने से था ।
* चौथे अधिनियम के अन्तर्गत गल्ले का
परिवहन करने वाले व्यापारी मलिक कबूल के अधिकार में रखे गये ।
* पांचवे अधिनियम के द्वारा मुनाफा खोरी
का सामान्य रूप से कठोरता पूर्वक बहिष्कार किया गया ।
* छठे अधिनियम के देश के द्वारा समस्त
प्रशासकीय और राजस्व अधिकारियों से इस आशय का दस्तावेज लिखा जाता था कि वे किसानों
द्वारा व्यापारियों को गल्ला अपने खेतों से एक निश्चित मूल्य पर देंगे और उसे अपने
घर न ले जायेंगे ।
* सातवें अधिनियम के अनुसार सुल्तान को
प्रतिदिन गल्ला मंडी से सम्बन्धित रिपोर्ट तीन स्वतन्त्र सूत्रों से प्राप्त होती
थी- प्रथम मंडी नियन्त्रक ,
दूसरी बरीरों से तथा तीसरी मुनीहियों
से ।
स्रोत- दिल्ली सल्तनत -1 , के० ए० निजामी , पृ० 321-322 , संस्करण 1996
प्रश्न 5 - निम्नलिखित
सुल्तानों में से किसने बहराइच में सैयद सालार मसूद गाजी की दरगाह की यात्रा की थी
:
( a ) गयासुद्दीन
तुगलक
( b ) मुहम्मद
बिन तुगलक
( c ) फिरोजशाह
तुगलक
( d ) बहलोल
लोदी
उत्तर - ( b ) ) मुहम्मद बिन तुगलक
व्याख्या :
* मुहम्मद बिन तुगलक सल्तनत का पहला शासक
था जो अजमेर में शेख मुइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह और बहराइच में सालार मसूद गाजी के
मकबरे में गया । इसके अतिरिक्त उसने बदायूँ में मीरन मुलहीम , दिल्ली में शेखनिजामुद्दीन औलिया .
मुल्तान और अन्य कई संतो की कब्र पर मकबरे बनवाये ।
स्रोत- मध्यकालीन भारत , एन० सी० ई० आर० टी० . पृ ० 83 , संस्करण 2003
प्रश्न 6 - निम्नलिखित नगरों में से किसे ' कुब्बतुल
इस्लाम का नाम दिया गया :
( a ) देबल
( b ) देवगिरि
( c ) देहली
( d ) मदुरा
उत्तर - ( b ) देवगिरि
व्याख्या :
* मु०
बिन तुगलक ने अपनी राजधानी को दिल्ली से देवगिरि ( दौलताबाद ) स्थानान्तरित की थी
। सुल्तान ने देवगिरि का नाम कुव्वतुल ( इस्लाम का केन्द्र ) रखा और इस नगर को
पुनः बसाया ।
स्रोत- दिल्ली सल्तनत , भाग -1 , के० ए० निजामी , पृ०
436 , संस्करण 1997
प्रश्न 7 - '
सोन्धर ' शब्द का प्रयोग किसानों को दिये जाने वाले ऋण के रूप में किसके समय
में हुआ
( a ) बलवन
( b ) अलाउद्दीन
खल्ली
( c ) मुहम्मद
बिन तुगलक
( d ) फिरोज
तुगलक
उत्तर - ( c ) मुहम्मद बिन तुगलक
व्याख्या :
* तुगलक वंश के शासक मोहम्मद बिन तुगलक
ने दीवान- ए- कोही नामक कृषि विभाग की स्थापना की थी । कृषि के विकास हेतु उसने
किसानों को अग्रिम ऋण देने की व्यवस्था की जिसे सोन्धर कहा जाता था ।
स्रोत - दिल्ली सल्तनत , भाग -1 , के० ए० निजामी , पृ०
457 , संस्करण 1997
प्रश्न 8 - निम्नलिखित
सुल्तानों में से किसे खलीफा से ' सैय्यद्
- उस - सलातीन ' की पदवी प्राप्त हुई थी :
( a ) इलतुतमिश
( b ) बलबन
( c ) अलाउद्दीन
खल्जी
( d ) फिरोज शाह तुगलक
उत्तर - ( d ) फिरोज
शाह तुगलक
प्रश्न 9 - '
शशगनी चांदी का एक छोटा सिक्का था , जो बराबर था :
(a ) 4 जीतल के
( b ) 6 जीतल के
( c ) 8
जीतल के
( d ) 10 जीतल के
उत्तर ( b ) 6 जीतल के
व्याख्या :
* अफीफ
के अनुसार ' सुल्तान फिरोजशाह विभिन्न प्रकार के
सिक्के चलाये ।
* सोने का तनका , चाँदी का तनका , सिक्काये चिहल व हस्तगानी ( 48 जीतल के मूल्य की मुद्रा ) , मोहरविस्त व पंजगानी ( 24 जीतल के मूल्य की मुद्रा ), दूजदेह गानी ( 12 जीतल के मूल्य की मुद्रा ) , देहगानी ( 10 जीतल के मूल्य की मुद्रा , ) हस्तगानी ( 8 जीतल मूल्य की मुद्रा ) , शशगनी ( 6 जीतल की मुद्रा ) तथा मोहरे यक जीतल (
एक जीतल की मुद्रा ) ।
स्रोत - मध्यकालीन भारतीय सामाजिक आर्थिक , राजनीतिक संस्थाएँ , घनश्याम दत्त शर्मा , पृ० 256 , संस्करण 2001
प्रश्न 10 - निम्नलिखित
सुल्तानों में से किसकी मुद्रा अकबर के समय तक विनिमय का माध्यम रही : `
( a ) मुहम्मद बिन तुगलक की
( b ) फिरोजशाह
तुगलक की
( c ) बहलोल
लोदी की
( d ) इब्राहीम
लोदी की
उत्तर - ( c ) बहलोल
लोदी की
व्याख्या :
* बहलोल लोदी ने जीतल के स्थान पर बहलोली
नामक सिक्का चलाया । यह सिक्का अकबर के समय तक विनिमय का माध्यम बनी रही ।
स्रोत- मध्यकालीन भारत , एल० पी० शर्मा , पृ० 195 , संस्करण 1999
प्रश्न 11 - निम्नलिखित
में से कौन एक अष्टभुजीय मकबरा है -
( a ) बलबन
का मकबरा
( b ) गयासुद्दीन तुगलक का मकबरा
( c ) फिरोजशाह
तुगलक का मकबरा
( d ) सिकंदर
लोदी का मकबरा
उत्तर ( d ) सिकंदर लोदी का मकबरा
व्याख्या :
* दिल्ली के सुल्तानों ने चौकोर मकबरों के साथ - साथ बड़ी संख्या में
अष्टभुजाकार मकबरे भी बनवाये ।
* इनकी शुरूआत 1368-69 ई ० में दिल्ली में निजामुद्दीन में स्थित
खान -ए जहाँ तेलगानी के मकबरे से हुई । उसका एक अष्टभुजाकार हाल है जिसके चारों ओर
बरामदा है । तथा प्रत्येक अष्टभुजा की ओर तीन मेहराबें हैं तथा हाल की छत एक गुंबद
की बनी है ।
* इसके अन्य प्रतिरूप दिल्ली में मुबारक
सैयद का मकबरा ( 1434 ) ,
मुहम्मद सैय्यद का मकबरा ( 1444 ) . सिकन्दर लोदी का मकबरा ( 1517 ) तथा सासाराम हसत खों में सूर का मकबरा
( 1540-45 ), शेरशाह सूर का मकबरा ( 1545 ) तथा इस्लाम शाह सूर का मकबरा ( 1550 ) हैं ।
स्रोत- मध्यकालीन भारत , भाग -1 , हरिश्चन्द्र वर्मा , पृ०
468 , संस्करण 1997
Very Nice Ganga kahan se bahti hai
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