नमस्कार दोस्तों , UPPCS (Prelims) – 2001 में दिल्ली
सल्तनत काल ( Delhi Sultanate) से आये हुए प्रश्नों को व्याख्या सहित हल किया गया है | प्रश्नों का व्याख्या Civil services के
मानक पुस्तकों से लिया गया
है |
जो Students Civil services, Railway, UPSC, SSC, Banking, State
PSC, CDS, NDA, SSC CGL, SSC CHSL, Patwari, Samvida, Police, SI, CTET, TET,
Army, MAT, CLAT, NIFT, IBPS PO, IBPS Clerk, CET, Vyapam , Lekhpal ,
VDO etc. तथा अन्य प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे है उनके लिए “ UPPCS Pre 2001 - दिल्ली सल्तनत शासनकाल “ के History Quiz रामबाण साबित होगी |
Written by : Arvind Kushwaha
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग प्रारंभिक परीक्षा -2001 -दिल्ली
सल्तनत | Delhi Sultanate (Medieval History)
( व्याख्यात्मक हल प्रश्न पत्र )
प्रश्न 1 - दिल्ली को राजधानी बनाने वाला सुल्तान कौन था :
( a ) आलाउद्दीन
खिलजी
( b ) बलबन
( c ) गयासुद्दीन तुगलक
( d ) इल्तुतमिश
उत्तर - ( d ) इल्तुतमिश
व्याख्या :
* इल्तुतमिश ने लाहौर के स्थान पर दिल्ली
को अपनी राजधानी बनाया और उसे दिल्ली सल्तनत के सम्मान के अनुकूल सुन्दर और वैभव
पूर्ण बनाया ।
* उसने कुतुबमीनार को पूरा कराया जो
प्रारम्भिक इस्लामी कला का एक श्रेष्ठ नमूना माना गया है ।
स्रोत- मध्यकालीन भारत , एल० पी० शर्मा , पृ० 65 , संस्करण 1999
प्रश्न 2 - प्रथम
इल्बरी शासक कौन था :
( a ) इल्तुतमिश
( b ) बलबन
( c ) कुतुबुद्दीन
ऐबक
( d ) गयासुद्दीन
तुगलक
उत्तर ( a ) इल्तुतमिश
व्याख्या :
* इल्तुतमिश
का वंश इल्बारी तुर्क था । इल्तुतमिश प्रथम इल्बरी शासक था ।
* कुतुबुद्दीन ऐबक ने इल्तुतमिश को दिल्ली
से खरीदा था | ऐबक
ने इसे आरम्भ से ही सर - ए - जाँदार ( अंगरक्षकों ) का महत्वपूर्ण पद दिया । शीघ्र
ही वह अमीर - ए - आखूर के पद पर पहुँच गया ।
* ग्वालियर विजय के पश्चात् उसे वहाँ का
इक्ता सौंपा गया । ऐबक ने अपनी पुत्री का विवाह उसके साथ कर दिया । 1211 ई ० में आरामशाह को परास्त कर दिल्ली
का सुल्तान बना | इल्तुतमिश की भाँति बलबन भी इल्बरी तुर्क था ।
स्रोत- मध्यकालीन भारत , एल० पी० शर्मा , पृ ० 60 संस्करण 1999
प्रश्न 3 - ' टंकों ' पर टकसाल का नाम अंकित करने की प्रथा
का प्रारम्भ किसने किया ?
( a ) मुइज्जुद्दीन ने
( b ) रजिया
ने
( c ) इल्तुतमिश
ने
( d ) कुतुबुद्दीन ऐबक ने
उत्तर ( c ) इल्तुतमिश ने
व्याख्या :
* इल्तुतमिश
पहला तुर्क सुल्तान था जिसने शुद्ध अरबी के सिक्के चलाये ।
* सल्तनत युग के दो महत्वपूर्ण , सिक्के चाँदी का टँका और ताँबे का जीतल
उसी ने आरम्भ किये थे ।
* नेल्सन राइट के अनुसार " विदेशों
में प्रचलित टंकों पर टकसाल का नाम लिखने की परम्परा को भारत में प्रचलित करने का
श्रेय भी इल्तुतमिश को दिया जा सकता है ।
स्रोत - मध्यकालीन भारत , एल० पी० शर्मा , पृ० 66 संस्करण 1999
प्रश्न 4 - सुल्तान
इल्तुतमिश के शासन काल में न्याय चाहने वाले व्यक्ति को पहनना पड़ता था :
( a ) काला
वस्त्र
( b ) लाल
वस्त्र
( c ) श्वेत
वस्त्र
( d ) हरा
वस्त्र
उत्तर ( b ) लाल वस्त्र
व्याख्या :
* इल्तुतमिश के शासन काल में लाल वस्त्र
वह पहनते थे जो न्याय चाहते थे ।
* रूकनुद्दीन फिरोजशाह के अत्याचार से
पीड़ित होकर रजिया शुक्रवार को नमाज के समय लाल वस्त्र पहनकर जनता के सम्मुख गयी ।
उसने जनता को इल्तुतमिश की इच्छा से अवगत कराया तथा क्रूर शाह तूर्कान के विरुद्ध
सहायता माँगी । दिल्ली की जनता ने रजिया का साथ दिया और उसे सिंहासन पर बैठाया ।
स्रोत- मध्यकालीन भारत , एल० पी० शर्मा , पृ० 70 , संस्करण 1999
प्रश्न 5 - निजामुद्दीन
जुनेदी वजीर था :
( a ) मुइज्जुद्दीन
गोरी का
( b ) कुतुबुद्दीन
ऐबक का
( c ) इल्तुतमिश
का
( d ) बलबन
का
उत्तर ( c ) ) इल्तुतमिश का
व्याख्या :
* निजामुद्दीन जुनैदी सुल्तान इल्तुतमिश
का वजीर था । निजामुद्दीन न केवल वित्त विभाग ही देखता था बल्कि सैनिक अभियानों
में भी भाग लेता था ।
स्रोत- मध्यकालीन भारत , खण्ड -1 , हरिश्चन्द्र वर्मा , पृ०
324 , संस्करण 1997
प्रश्न 6 - सुल्तान बलबन ने अपने दरबार का गठन किया :
( a ) अरबी
पद्धति पर
( b ) फारसी
पद्धति पर
( c ) तुर्की
पद्धति पर
( d ) भारतीय
पद्धति पर
उत्तर - ( b ) फारसी
पद्धति पर
व्याख्या :
* बलबन ने सर्वप्रथम फारस के इस्लामी
राजत्व के राजनीतिक सिद्धान्तों एवं परम्पराओं के आधार पर अपने शासन को संगठित
किया । दिखावटी मान एवं मर्यादा और प्रतिष्ठा को बलबन ने राजत्व के लिए आवश्यक बना
दिया ।
* उसने फारसी परम्परा का अनुकरण करते हुए
अपने दरबार में सिजदा ( घुटने पर बैठकर सिर झुकाना ) और पायबोस ( सुल्तान का चरण
चुंबन ) को अपनाया जिसका पालन उन लोगों को पूरी तरह करना पड़ता था जिन्हें उसके
समक्ष आने का विशेषाधिकार प्राप्त होता था ।
* उसने फारसी त्योहार नवरोज मनाना शुरु किया ।
स्रोत- मध्यकालीन भारत , खण्ड -1 , हरिश्चन्द्र वर्मा , पृ०
151 , 154 , 155 , संस्करण 1997
प्रश्न 7 - निम्न में से किसने कहा कि उसे ' शरा
' की चिन्ता नहीं है :
( a ) बलबन
( b ) कैकुबाद
( c ) गयासुद्दीन
तुगलक
( d ) अलाउद्दीन
खिलजी
उत्तर - ( d ) अलाउद्दीन
खिलजी
व्याख्या :
* अलाउद्दीन खिलजी ने काजी मुगीसुद्दीन
से कहा था- " मुझे न कुछ ज्ञान है और न मैंने कोई पुस्तक पढ़ी है । तब भी मैं
मुसलमान पैदा हुआ हूँ और मेरे पूर्वज पीढ़ियों से मुसलमान रहे हैं । मैं अपनी
प्रजा को ऐसे आदेश देता हूँ जिन्हें राज्य के लिए लाभदायक और परिस्थितियों के
अनुकूल समझता हूँ । मैं नहीं जानता कि ' शरा
उनकी आज्ञा प्रदान करता है अथवा नहीं ।
स्रोत- मध्यकालीन भारत , एल० पी० शर्मा , पृ ० 109 संस्करण 1999
प्रश्न 8 - नकद
वेतन के बदले ' इक्ता ' का आवंटन बन्द कर दिया :
( a ) इल्तुतमिश
ने
( b ) जलालुद्दीन
खिलजी ने
( c ) अलाउद्दीन
खिलजी ने
( d ) फिरोज
तुगलक ने
उत्तर - ( c ) अलाउद्दीन
खिलजी ने
व्याख्या :
* अलाउद्दीन
ने केन्द्र पर एक बड़ी और स्थायी सेना रखी तथा उसे नकद वेतन दिया । ऐसा करने वाला
दिल्ली का पहला सुल्तान था ।
* उससे पहले के सुल्तान अपनी सेना की
संख्या और शक्ति के लिए अपने सरदारों इक्तादारों और मालिकों की सैनिक सहायता पर
निर्भर करते थे । अलाउद्दीन ने इस निर्भरता को समाप्त कर दिया ।
स्रोत- मध्यकालीन भारत , एल० पी० शर्मा , पृ० 116 , संस्करण 1999
प्रश्न 9 - अलाउद्दीन
खिलजी के गल्ला बाजार का प्रथम अधिनियम सम्बन्धित था :
( a ) शहना
की नियुक्ति से
( b ) सभी
प्रकार के गल्लों का भाव निश्चित करने से
( c ) सरकारी
गोदामों में गल्ला एकत्रित करने से
( d ) गल्ला
परिवहन करने वाले व्यापारियों
उत्तर - ( b ) सभी
प्रकार के गल्लों का भाव निश्चित करने से
व्याख्या :
* अलाउद्दीन
खिल्जी के गल्ला बाजार का प्रथम और सबसे कठिन अधिनियम ( जाब्ता ) सभी प्रकार के
गल्लों का भाव निश्चित करने से सम्बन्धित था ।
* दूसरा अधिनियम मलिक कबूल उलुग खानी को
गल्ला मण्डी का नियन्त्रक नियुक्त किये जाने से सम्बन्धित था ।
* तीसरा अधिनियम सरकारी गोदामों से गल्ला
एकत्रित करने से सम्बन्धित था ।
* चौथे अधिनियम के अन्तर्गत गल्ले का
परिवहन करने वाले व्यापारी मलिक काबुल के अधिकार में रखे गये ।
* पांचवें अधिनियम के द्वारा मुनाफाखोरी
का सामान्य रूप से कठोरता पूर्वक बहिष्कार किया गया ।
* छठे अधिनियम के अन्तर्गत देश के समस्त
प्रशासकीय और राजस्व अधिकारियों से इस आशय का दस्तावेज लिखा जाता था कि वे किसानों
द्वारा व्यापारियों को गल्ला अपने खेतों से एक निश्चित मूल्य पर देंगे और उसे अपने
घर न ले जायेंगे ।
* सातवें अधिनियम के अनुसार सुल्तान को
प्रतिदिन गल्ला मंडी से सम्बन्धित रिपोर्ट तीन स्वतन्त्र सूत्रों प्रथम मंडी
नियंत्रक दूसरी बरीदों से और तीसरी मुनहियों से प्राप्त होती थी ।
स्रोत - दिल्ली सल्तनत , भाग -1 , के० ए० निजामी , पृ
० 321-322 , संस्करण 1997 ( पुर्नमुर्दण )
प्रश्न 10 - अमीर
खुसरो ने किसके आदेश पर अपनी प्रसिद्ध मसनवी ' आशिका
' लिखी थी :
( a ) अलाउद्दीन
खिलजी
( b ) खिज्र
खां
( c ) राय
करन
( d ) रानी
कमला देवी
उत्तर ( b ) खिज्र खां
व्याख्या :
* मसनवी जिसका शीर्षक आशिका या देवल रानी
खिज्र खानी है ।
* इसमें अलाउद्दीन खिलजी के पुत्र खिजखान
तथा गुजरात के राणाकरण की पुत्री देवलरानी की प्रेम कथा का वर्णन है । इसमें
अलाउद्दीन के सैन्य अभियानों का भी संक्षिप्त वर्णन है ।
* इसकी रचना खिज खाँ के कहने पर अमीर
खुसरो ने की थी ।
स्रोत - मध्यकालीन भारत का वृहत इतिहास , खण्ड -1 , जे० एल० मेहता , पृ०
10. संस्करण 2002
प्रश्न 11 - दिल्ली का प्रथम सुल्तान जिसने दरबार में गैर - इस्लामी प्रथाओं का
प्रचलन किया , कौन था :
( a ) कुतुबुद्दीन
ऐबक
( b ) इल्तुतमिश
( c ) नासिरुद्दीन
महमूद
( d ) बलबन
उत्तर - ( d ) बलबन
व्याख्या :
* दिल्ली सल्तनत में बलबन ने अपने दरबार
में गैर इस्लामी प्रथाओं का प्रचलन किया । इस क्षेत्र में उसका आदर्श ईरानी बादशाह
था और उसने उनकी कई परम्पराओं को अपने दरबार में आरम्भ किया ।
* उसने सिजदा और पैबोस की रीतियाँ आरम्भ
की उसके दरबार में प्रत्येक वर्ष ईरानी त्यौहार नौरोजी बड़ी शान - शौकत के साथ
मनाया जाने लगा ।
स्रोत- मध्यकालीन भारत , एल० पी० शर्मा , पृ० 84 , संस्करण 1999
प्रश्न 12 - निम्नलिखित
में से दिल्ली का कौन पहला सुल्तान था जिसने होली के उत्सव में भाग लिया :
( a ) अलाउद्दीन
खिलजी
( b ) मुबारक
शाह खिलजी
( c ) मोहम्मद
बिन तुगलक
( d ) फिरोज
शाह तुगलक
उत्तर - ( c ) मोहम्मद बिन तुगलक
* मुहम्मद बिन तुगलक होली के त्योहार में
भाग लेने वाला पहला सुल्तान था ।
प्रश्न 13 - निम्नलिखित
सुल्तानों में किसका जैन विद्वानों से घनिष्ठ सम्बन्ध था :
( a ) कुतबुउद्दीन
ऐबक
( b ) बलबन
( c ) अलाउद्दीन
खिलजी
( d ) मोहम्मद
बिन तुगलक
उत्तर ( d ) मोहम्मद बिन तुगलक
व्याख्या :
* मुहम्मद बिन तुगलक ने अपनी गैर -
मुसलमान प्रजा और उनके धार्मिक नेताओं से अच्छा बर्ताव किया । उसने हिन्दुओं को
प्रश्रय दिया |
* उसने जिन प्रभुसूरी जैसे जैन विद्वान
का सम्मान किया , जो 1328 में दिल्ली में उसके दरबार आये । सुल्तान ने उन्हें अपने साथ बिठाया
और उन्हें धन , भूमि और घोड़े दिये , जिन्हें सन्त ने लेने से इनकार कर दिया
।
स्रोत- मध्यकालीन भारत , एन० सी० ई० आर० टी० . पृ० 83 , संस्करण 2003
प्रश्न 14 - निम्नलिखित
में से किसने दिल्ली के आठ - आठ सुल्तानों का शासन - काल देखा था :
( a ) जियाउद्दीन
बर्नी
( b ) शम्से
- सिराज अफीक
( c ) मिनहास
- उस - सिराज
( d ) अमीर
खुसरो
उत्तर - ( d )
अमीर खुसरो
व्याख्या :
* अमीर खुसरो का मूल नाम मुहम्मद हसन था | उसका जन्म 1253 ई ० में पटियाली में हुआ था ।
* अमीर खुसरो ने बलबन के ज्येष्ठ पुत्र
युवराज मुहम्मद खाँ के यहाँ दरबारी कवि के रूप में नौकरी कर ली और उसके बाद लगातार
बलबन से लेकर गियासुद्दीन तुगलक तक दिल्ली सुल्तानों की सेवा की ।
* आगे चलकर उसने संसार से वैराग्य ले
लिया और शेखनिजामुद्दीन औलिया का शिष्य बन गया ।
स्रोत- दिल्ली सल्तनत , आर्शीवादी लाल श्रीवास्तव , - पृ० 380
प्रश्न 15 - दिल्ली
के सुल्तानों में से किस सुल्तान ने ' गुलरुख
' के नाम से अनेक कवितायें लिखीं :
( a ) फिरोज
तुगलक
( b ) बहलोल
लोदी
( c ) सिकन्दर
लोदी
( d ) इब्राहीम
लोदी
उत्तर - ( c ) सिकन्दर
लोदी
* सिकन्दर लोदी ने लेखकों , कलाकारों , कवियों इत्यादि को संरक्षण प्रदान किया
और स्वयं गुलरूखी उपनाम से कविताएं लिखी ।
प्रश्न 16 - किसने
कहा था कि अभी दिल्ली दूर है ' :
( a ) अमीर खुसरो
( b ) निजामुद्दीन
औलिया
( c ) फिरोज
तुगलक
( d ) शेख
सलमी चिश्ती
उत्तर - ( b ) निजामुद्दीन
औलिया
व्याख्या :
* शेख निजामुद्दीन औलिया के सम्बन्ध
गयासुद्दीन तुगलक से अच्छे नहीं थे । जब गयासुद्दीन तुगलक बंगाल विजय कर वापस
दिल्ली लौट रहा था तो उसने शेख को आदेश भेजा था कि शेख ग्यासपुर खाली कर दे ।
किन्तु यह आदेश सुनकर शेख ने कहा कि " हूनूज देहली दूर अस्त ( अभी दिल्ली दूर
है ) ।
* सुल्तान दिल्ली पहुँचने से पूर्व ही गयासुद्दीन
तुगलक अचानक दुर्घटना का शिकार हो गया । शेख जीवन पर्यन्त वहीं रहे तथा 1325 ई ० में उनका स्वर्गवास हो गया ।
स्रोत - मध्यकालीन भारतीय संस्कृति , डा० लईक अहमद , पृ० 16 , संस्करण 2003
प्रश्न 17 - ' ढाई दिन का झोपड़ा मस्जिद में प्रयुक्त
प्रस्तर खण्डों में निम्न में से किस नाटक के अंश टंकित हैं :
( a ) सारिपुत्र
प्रकरण
( b ) प्रबन्ध
चन्द्रो
( c ) मालती
- माधव
( d ) हरकेलि
उत्तर - ( d ) हरकेलि
व्याख्या :
* चौहान वंश का शासक विग्रहराज चतुर्थ
विजेता होने के साथ साथ स्वयं विद्वानों का आश्रय दाता था । उसने हरिकेलि नामक
नाटक की रचना की । इसकी कुछ पंक्तियाँ अजमेर स्थित ढाई दिन का झोपड़ा की सीढ़ियों
पर उत्कीर्ण है ।
स्रोत- प्राचीन भारत का इतिहास तथा संस्कृति
, के० सी० श्रीवास्तव , पृ० 579 , संस्करण 2006
प्रश्न 18 - सल्तनतकाल
में शाही सचिवालय के प्रधान को जाना जाता था :
( a ) आरीज
- ए - मुमालिक
( b ) बरीद
- ए - मुमालिक
( c ) दबीर
- ए - मुमालिक
( d ) काजी
- ए - मुमालिक
उत्तर - ( c ) दबीर
- ए - मुमालिक
व्याख्या :
* दीवान - ए - इंशा शाही सचिवालय था ।
जिसका प्रधान दबीर - ए - मुमालिक होता था । इस विभाग का कार्य शाही घोषणाओं एवं
पत्रों का पाण्डुलेख तैयार करना तथा स्थानीय प्रशासकीय अधिकारियों से सम्पर्क रखना
था ।
* आरिज - ए - मुमालिक सैन्य विभाग का
प्रधान था ।
* बरीद - ए - मुमालिक गुप्तचर विभाग का
प्रधान होता था ।
* काजी - ए- मुमालिक न्याय विभाग का
प्रधान होता था ।
स्रोत- मध्यकालीन भारतीय संस्कृति , डॉ० लईक अहमद पृ० 139-140 , संस्करण 2003
प्रश्न 19 - निम्न
में से ' ऊसरी ' भूमि के स्वामी कौन थे :
( a ) तुर्की
मुस्लिम
( b ) भारतीय
मुस्लिम
( c ) हिन्दू
राजे
( d ) हिन्दू
सामन्त
उत्तर - ( a )
तुर्की मुस्लिम
व्याख्या :
* ऊश्री वह भूमि थी जिनके स्वामी तुर्की
मुसलमान होते थे ।
* ऊश्री भूमि से उपज का 1/10 भाग ऊश्र ( भूराजस्व ) के रूप में लिया
जाता था ।
योत- मध्यकालीन भारतीय संस्कृति , डॉ० लईक अहमद
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