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UPPCS Pre 2000 - दिल्ली सल्तनत शासनकाल | Delhi Sultanate Quiz

नमस्कार दोस्तों ,  UPPCS (Prelims)  2000  में   दिल्ली सल्तनत काल ( Delhi Sultanate) से आये हुए प्रश्नों को व्याख्या सहित हल किया गया है | प्रश्नों का व्याख्या Civil services के  मानक पुस्तकों से लिया गया है |

जो Students Civil services, Railway, UPSC, SSC, Banking, State PSC, CDS, NDA, SSC CGL, SSC CHSL, Patwari, Samvida, Police, SI, CTET, TET, Army, MAT, CLAT, NIFT, IBPS PO, IBPS Clerk, CET, Vyapam , Lekhpal , VDO  etc.   तथा अन्य प्रतियोगी  परीक्षा की तैयारी कर रहे है उनके  लिए   “  UPPCS Pre 2000 - दिल्ली सल्तनत शासनकाल  “ के History Quiz   रामबाण साबित होगी  |

Written by : Arvind Kushwaha

 

उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग प्रारंभिक परीक्षा -2000  -दिल्ली सल्तनत | Delhi Sultanate  (Medieval History)

( व्याख्यात्मक हल प्रश्न पत्र )

 

प्रश्न 1 -   ' तारीख - ए - सुबुक्तगीन पुस्तक का लेखक था :

( a ) फिरदौसी

( b ) अल्बेरुनी

( c ) बैहाकी

( d ) उपर्युक्त में कोई नहीं

 

उत्तर ( c ) बैहाकी

व्याख्या :

* तारीख - ए - सुबुक्तगीन पुस्तक का लेखक अबुल फजल बैहाकी है ।

 

प्रश्न 2 -  निम्नलिखित में से किसे ' कुरान - खां ' कहा जाता था :

( a ) मुइज्जुद्दीन को

( b ) कुतुबुद्दीन ऐबक को

( c ) इल्तुतमिश को

( d ) रुक्नुद्दीन फिरोजशाह को

 

उत्तर ( b ) कुतुबुद्दीन ऐबक को

व्याख्या :

*  कुतुबुद्दीन ऐबक नामक तुर्क जनजाति का था । बाल्यकाल में ही वह तुर्किस्तान में अपने परिवार से पृथक् हो  गया और नैशापुर के दासों के बाजार में लाया गया । यहाँ काजी फखरुद्दीन ने उसे खरीद लिया । उसने कुतुबुद्दीन को बड़े स्नेह से पाला और उसकी इच्छा के लिए धनुर्विद्या और घुड़सवारी की वही सुविधाएँ उपलब्ध करायी जो अपने पुत्रों के लिए की थी । शीघ्र ही कुतुबुद्दीन ने बौद्धिक तथा भौतिक सभी कलाओं में कुशलता प्राप्त कर ली ।

* उसने अत्यन्त सुरीले स्वर में कुरान पढ़ना सीख लिया और इसलिए वह ' कुरानखाँ ' ( कुरान का पाठ करने वाला ) नाम से प्रसिद्ध हो गया ।

स्रोत- दिल्ली सल्तनत , के ० सी ० निजामी

 

प्रश्न 3 -  टंक पर टकसाल का नाम अंकित करने की परम्परा का आरम्भ किया :

( a ) मुज्जुद्दीन ने

( b ) कुतुबुद्दीन ऐबक ने

( c ) इल्तुतमिश ने

( d ) रज़िया ने

 

उत्तर - ( c )

व्याख्या :

* वह पहला तुर्क सुल्तान था जिसने शुद्ध अरबी सिक्के चलाये ।

* सल्तनत युग के दो महत्वपूर्ण सिक्के चाँदी का टंका और ताँबे का जीतल उसी ने प्रारम्भ किये थे ।

* इसके अतिरिक्त नेल्सन राइट के अनुसार " विदेशों में प्रचलित टंकों पर टकसाल का नाम लिखने की परम्परा को भारत में प्रचलित करने का श्रेय भी इल्तुतमिश को दिया जा सकता है ।

स्रोत- मध्यकालीन भारत , एल ० पी ० शर्मा

 

प्रश्न 4 -  निम्नलिखित में से किस सुल्तान की माता विद्वानों एवं पवित्रजनों को उपहार एवं दान देने के लिए प्रसिद्ध थी ?

( a ) आरामशाह

( b ) इल्तुतमिश

( c ) रुक्नुद्दीन फिरोजशाह

( d ) बलबन

 

उत्तर - ( c )

व्याख्या :

* रुक्नुद्दीन फिरोज शाह की माता खुन्दा बन्देशाह तुर्कान , विद्वानों , सय्यदों और पवित्र आत्माओं को दान उपहार देने के लिए प्रसिद्ध थी ।

स्रोत - दिल्ली सल्तनत - के० ए० निजामी

 

प्रश्न 5 -  इतिहासकार मिनहाज के अनुसार दिल्ली का आदर्श सुल्तान था :

( a ) इल्तुतमिश

( b ) नासिरुद्दीन महमूद

( c ) बलबन

( d ) फिरोजशाह तुगलक

 

उत्तर - ( b ) नासिरुद्दीन महमूद

स्रोत - दिल्ली सल्तनत , के ० ए ० निजामी

 

प्रश्न 6 -  " बलबन एक उत्तम अभिनेता था और अपने दर्शकों को आधुनिक फिल्मी सितारों की भाँति मंत्रमुग्ध रखता था " यह कथन है

( a ) ए० बी० एम० हबीबुल्लाह

( b ) के ० ए ० निजामी

( c )  के ० एस ० लाल

( d ) आर ० पी ० त्रिपाठी

 

उत्तर ( b )  उपरोक्त कथन के० ए० निजामी का है ।

स्रोत- दिल्ली सल्तनत -के ० ए ० निजामी

 

प्रश्न 7 -  अलाउद्दीन खल्जी के आर्थिक आदेशों का प्रमुख उद्देश्य था :

( a ) व्यापार को प्रोत्साहित करना

( b ) शक्तिशाली सेना रखना

( c ) दुकानदारों को दण्डित करना

( d ) जन - कल्याण

 

उत्तर - ( b ) शक्तिशाली सेना रखना

व्याख्या :

* अलाउदीन ने केन्द्र पर एक बड़ी सेना रखी और उसे नकद वेतन दिया । उस सेना का व्यय बहुत अधिक था ।

* बरनी के अनुसार " यदि उतनी बड़ी सेना को साधारण वेतन भी दिया जाता तो राज्य का खजाना पाँच या छः वर्ष में ही समाप्त हो जाता ।

* अतः अलाउद्दीन ने सेना के खर्च में कमी करने के लिए सैनिकों के वेतन में कमी की परन्तु उसके सैनिक सुविधापूर्वक रह सके इसके लिए उसने वस्तुओं का मूल्य निश्चित किया ।

स्रोत- मध्यकालीन भारत , एल० पी० शर्मा

 

प्रश्न 8 -  अलाउद्दीन द्वारा दिल्ली में मद्यनिषेध के आदेश का प्रमुख कारण था :

( a ) आर्थिक

( b ) नैतिक

( c ) राजनीतिक

( d ) धार्मिक

 

उत्तर - ( c ) राजनीतिक

व्याख्या :

* अलाउद्दीन खिलजी ने राजनीतिक उद्देश्य के लिए अनेक आदेश जारी किये । रणथम्भौर के घेरे के समय उसने अपने विश्वासपात्र सरदारों से इस बारे में सलाह की और अन्त में इस निर्णय पर पहुँचा कि विद्रोहों के मुख्यतया चार कारण हैं । इस विद्रोह को समाप्त करने के लिए अलाउद्दीन ने चार अध्यादेश जारी किये । इन अध्यादेशों में तीसरे अध्यादेश के द्वारा अलाउद्दीन ने शराब और भाँग जैसे मादक द्रव्यों का प्रयोग तथा जुआ खेलना बन्द करा दिया ।

स्रोत- मध्यकालीन भारत , एल० पी० शर्मा

 

प्रश्न 9 -   ' इक्ता का आवंटन आरम्भ किया :

(a ) इमुइज्जुद्दीन ने

(b ) कुतबुद्दीन ऐबक ने

( c ) इल्तुतमिश ने

( d ) बलबन ने

 

उत्तर - ( a )

व्याख्या :

* भारत में सर्वप्रथम इक्ता देने की प्रथा का आरम्भ सुल्तान इमुइजुद्दीन ने किया  जिसने 1192 ई ० में कुतुबुद्दीन ऐबक को कोहराम तथा मलिक नासिरुद्दीन को एतिमुर तथा मुल्तान की इक्ताएँ प्रदान की थी ।

स्रोत- मध्यकालीन भारतीय संस्कृति , डॉ० लईक अहमद

 

प्रश्न 10 -  नकद वेतन के बदले ' इक्ता ' का आवंटन बन्द किया सुल्तान :

( a ) कैकुबाद ने

( b ) जलालुद्दीन खल्जी ने

( c ) अलाउद्दीन खल्जी ने

( d ) मुबारकशाह खल्जी ने

 

उत्तर - ( c ) अलाउद्दीन खल्जी ने

 

प्रश्न 11 -  आगरा की स्थापना किसने की ?

( a ) अलाउद्दीन खल्जी

( c ) बहलोल लोदी 

( b ) मुबारकशाह खल्जी

( d ) सिकंदर लोदी

 

उत्तर - ( d ) सिकंदर लोदी

 * आगरे के नगर की नींव डालने का श्रेय सिकन्दर लोदी को है । इस निर्णय का कारण यह था कि सुल्तान इटावा , बयाना , कोल , ग्वालियर तथा धौलपुर के जागीरदारों पर अधिक प्रभावशाली नियन्त्रण चाहता था ।

* 1504 ई ० में आगरे के नगर की नींव डाली और बहुत ही जल्दी यहाँ पर एक बहुत सुन्दर नगर का निर्माण हो गया । सुल्तान ने भी अपना निवास स्थान दिल्ली से आगरा बदल दिया ।

स्रोत- मध्यकालीन भारत , बी० डी० महाजन

 

प्रश्न 12 -  लोदियों का राजत्व सिद्धान्त आधारित था :

( a ) अफ़गान सरदारों की समानता पर

( b ) तुर्की सरदारों की समानता पर

( c ) सभी सरदारों की समानता पर

( d ) राजाओं के दैवी अधिकार पर

 

उत्तर - ( a ) अफ़गान सरदारों की समानता पर

व्याख्या :

* लोदी अफगान थे तथा अफगानों का राजत्व सिद्धान्त तुर्की से सर्वथा भित्र था । वे राजत्व को एक ईश्वरीय देन ही स्वीकार करते थे । वे सुल्तान को अपने अफगान सरदारों में एक बड़ा सरदार मानते थे । अफगानों का राजत्व सिद्धान्त अफगान सरदारों की समानता अथवा भ्रातृत्व भावना पर आधारित था । उनकी शासन व्यवस्था एक तन्त्रीय न होकर कुलीन तंत्रीय थी ।

स्रोत- मध्यकालीन भारतीय संस्कृति . डॉ ० लईक अहमद

 

प्रश्न 13 -  सल्तनत काल में शाही सचिवालय का प्रधान कहलाता था :

( a ) आरिज़ - ए - मुमालिक

( b ) बरीद - ए - मुमालिक

( c ) दबीर - ए - मुमालिक 

( d ) काजी - ए - मुमालिक

 

उत्तर - ( c ) दबीर - ए - मुमालिक 

व्याख्या :

* दीवान-ए-इशा शाही सचिवालय का प्रधान था । दबीर - ए - मुमालिक कहलाता था । मिन्हाज इस विभाग  को दीवान - ए - अशरफ के नाम से सम्बोधित करता है ।

* इस विभाग का प्रमुख कार्य शाही घोषणाओं एवं पत्रों का पाण्डुलेख तैयार करना तथा स्थानीय प्रशासकीय अधिकारियों से सम्पर्क रखना था । राजकीय अभिलेख भी इस विभाग में रखे जाते थे ।

* दबीर - ए - मुमालिक ( प्रधान सचिव ) के अन्तर्गत अनेक दबीर अथवा सचिव होते थे ।

स्रोत- मध्यकालीन भारतीय संस्कृति , डॉ ० लईक अहमद

 

प्रश्न 14 -  निम्नलिखित में से कौन सही सुमेलित है ?

( a ) बरीद   -   राजस्व

( b ) हाजिब    -  दरबारी शिष्टाचार

( c ) वकील -ए- दर   -     गुप्तचर

( d ) वजीर       -   सेना

 

उत्तर ( b )

व्याख्या :

* अमीर- ए- हाजिब दरबार के शिष्टाचार को कार्यान्वित करता था तथा उसके वैभव को बनाये रखने का प्रयास करता था |

* बरीद गुप्तचर था ।

* वकील- ए- दर राजपरिवार विभाग से सम्बन्धित अधिकारी था ।

* वजीर मुख्य रूप से राजस्व एवं अर्थव्यवस्था का प्रभारी होता था ।

स्रोत- मध्यकालीन भारतीय संस्कृति , डॉ ० लईक अहमद

 

प्रश्न 15 -  निम्नलिखित में से ' उश्री भूमि ' के स्वामी कौन थे ?

( a ) तुर्की मुस्लिम

( b ) भारतीय मुस्लिम

( c ) हिन्दू राजा

( d ) हिन्दू सामन्त

 

उत्तर ( a ) तुर्की मुस्लिम

व्याख्या :

* उश्री वह भूमि थी जिनके भू - स्वामी तुर्की मुसलमान थे ।

* उश्री भूमि से उपज का 1/10 अथवा 1/20 भाग उर ( भूराजस्व ) के रूप में लिया जाता था ।

स्रोत - मध्यकालीन भारतीय संस्कृति .. डॉ ० लईक अहमद , पृ ० 179 संस्करण 2003


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