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UPPCS Pre 1994 - दिल्ली सल्तनत शासनकाल | Delhi Sultanate history quiz

 नमस्कार दोस्तों ,  UPPCS (Prelims)  – 1994  में   दिल्ली सल्तनत शासनकाल ( Delhi Sultanate) से आये हुए प्रश्नों को व्याख्या सहित हल किया गया है | प्रश्नों का व्याख्या Civil services के  मानक पुस्तकों से लिया गया है |

जो Students Civil services, Railway, UPSC, SSC, Banking, State PSC, CDS, NDA, SSC CGL, SSC CHSL, Patwari, Samvida, Police, SI, CTET, TET, Army, MAT, CLAT, NIFT, IBPS PO, IBPS Clerk, CET, Vyapam , Lekhpal , VDO  etc.   तथा अन्य प्रतियोगी  परीक्षा की तैयारी कर रहे है उनके  लिए   “  UPPCS Pre 1994 - दिल्ली सल्तनत शासनकाल  “ के History Quiz   रामबाण साबित होगी  |

Written by : Arvind Kushwaha

 

उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग प्रारंभिक परीक्षा -1994  -दिल्ली सल्तनत | Delhi Sultanate

( व्याख्यात्मक हल प्रश्न पत्र )

 

प्रश्न 1- दिल्ली सल्तनत का प्रथम वैधानिक सुल्तान कौन था ?

( a ) कुतुबुद्दीन ऐबक

( b ) इल्तुतमिश

( c ) मोहम्मद गोरी

( d ) बलवन

 

उत्तर - ( b ) इल्तुतमिश

व्याख्या :

* दिल्ली सल्तनत का प्रथम वैधानिक या मान्यता प्राप्त सुल्तान इल्तुतमिश था ।

* फरवरी 1229 ई० को बगदाद  के खलीफा से प्राप्त मानाभिषेक के बाद इल्तुतमिश दिल्ली  सल्तनत का प्रथम वैध शासक बना ।

* इल्तुतमिश से पूर्व गुलाम वंश के शासक कुतुबुद्दीन ऐबक को दिल्ली सल्तनत का पहला वैधानिक शासक इस लिए नहीं माना जाता क्योंकि उसने सुल्तान की उपाधि न धारण कर मुहम्मद गोरी के सिपहसालार के रूप में शासन किया ।

स्रोत - दिल्ली सल्तनत , आर्शीवादी लाल श्रीवास्तव

 

प्रश्न 2 - बलबन अपने को किसका वंशज मानता था ?

( a ) चंगेज खाँ का

( b ) महमूद गजनी का

( c ) अब्बासी खलीफा का

( d ) अफरासियाव का

 

उत्तर - ( d )  अफरासियाव का

व्याख्या :

* बलबन दिल्ली सल्तनत का पहला सुल्तान था जिसने सुल्तान के पद - अधिकार एवं राजत्व के सम्बन्ध में अपने विचार प्रकट किए ।

* बलबन ने वंशावली पर बहुत जोर दिया । वह स्वयं अफरासियाब का वंशज मानता था । बलबन का राजतन्त्र का सिद्धान्त फारस से अत्यधिक प्रभावित था ।

स्रोत - मध्यकालीन भारत , N.C.E.R.T

 

प्रश्न 3 - तबकाते नासिरी का लेखक कौन था ?

( a ) नासिरुद्दीन महमूद

( b ) मिनहाज उस सिराज

( c ) अमीर खुसरु

( d ) जियाउद्दीन बरनी

               

उत्तर - ( b )  मिनहाज उस सिराज

व्याख्या :

* तबकाते नासिरी का लेखक मिनहाज - उस सिराज था जिसने उसे फारसी में लिखा था ।  इतिहासकार इलियट और डाउसन ने उसका अंग्रेजी भाषा में अनुवाद किया ।

* 1193 ई० मिन्हाज- उस- सिराज का जन्म हुआ था ।

* 1228 ई० में सुल्तान इल्तुतमिश ने उसे अपनी सेवा में लिया  था । उस समय से केवल बीच में एक वर्ष के समय को छोड़कर वह सुल्तान नासिरुद्दीन महमूद के शासन काल तक राज्य की सेवा में रहा ।

स्रोत- मध्यकालीन भारत , एल० पी० शर्मा

 

प्रश्न 4 - निम्नलिखित में से किस सुल्तान ने ' द्वितीय सिकन्दर ' का विरुद धारण किया ?

( a ) बलबन

( b ) मोहम्मद बिन तुगलक

( c ) अलाउद्दीन खिलजी

( d ) फिरोज तुगलक

 

उत्तर - ( c )  अलाउद्दीन खिलजी

व्याख्या :

* सुल्तान अलाउद्दीन खिलजी ( 1296 - 1316 ई ० ) योग्य तथा महत्वाकांक्षी शासक था । उसकी विजयों और सफलताओं ने उसे इतना प्रोत्साहित किया कि उसने सिकन्दर द्वितीय " ( सानी ) की उपाधि ग्रहण की और उसे अपने सिक्कों पर अंकित कराया ।

* वह सम्पूर्ण विश्व को जीतने और एक नवीन धर्म को आरम्भ करने की इच्छा भी करने लगा । किंतु अपने वफादार मित्र कोतवाल अला-उल-मुल्क की सलाह पर उसने यह विचार त्याग दिया ।

स्रोत - मध्यकालीन भारत , एल० पी० शर्मा

 

प्रश्न 5 - वह कौन शासक था जिसने एक सैनिक को निरीक्षक लिपिक को घूस देने का लिये सोने का एक सिक्का दिया था ।

( a ) नासिरुद्दीन महमूद

( b ) जलालुद्दीन खिलजी

( c ) कुतुबुद्दीन मुबारक खिलजी

( d ) फिरोज तुगलक

 

उत्तर - ( d )  फिरोज तुगलक

व्याख्या :

* सुल्तान फिरोज तुगलक के समय सेना का सम्पूर्ण संगठन भ्रष्टाचार से भरा था । अफीफ एक घुड़सवार का मामला बताता है कि जिसे सुल्तान ( फिरोजतुगलक ) ने सोने का टंका ' दिया ताकि वह संबंधित लिपिक को घूस देकर अपना घोड़ा " अर्ज " में स्वीकृत करवा ले ।

स्रोत- दिल्ली सल्तनत , मोहम्मद हबीब , के० ए० निजामी

 

प्रश्न 6 - निम्नलिखित में से कौन - सी नगरी लोदी सुल्तानों की राजधानी थी ?

( a ) आगरा

( b ) लाहौर

( c ) दिल्ली

( d ) फिरोजाबाद

 

उत्तर - ( c )  दिल्ली

व्याख्या :

* लोदी वंश के संस्थापक बहलोल लोदी ( 1451-1489 ई ० ) के समय में लोदी वंश की राजधानी दिल्ली थी । बहलोल लोदी के बाद सिकन्दर लोदी ने लगभग 1504 ई ० तक दिल्ली को लोदी वंश की राजधानी के रूप में प्रयोग किया ।

* 1506 ई ० में सिकन्दर ने पूर्वी राजस्थान के प्रदेशों और मालवा तथा गुजरात को जाने वाले मार्गों पर नियन्त्रण के उद्देश्य से आगरा को राजधानी बनाया ।

* सिकन्दर के बाद लोदी वंश के अगले और अन्तिम शासक इब्राहिम लोदी ने पुनः दिल्ली को ही राजधानी के रूप में प्रयोग किया ।

* चूंकि आगरा की अपेक्षा दिल्ली का अधिक समय तक के लिए राजधानी के रूप में प्रयोग हुआ इसलिये उत्तर दिल्ली ही होगा ।

स्रोत - मध्यकालीन भारत , एल० पी० शर्मा

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