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IAS Prelims– 2009 – मौर्य शासनकाल | Mauryan reign quiz

नमस्कार दोस्तों , इस पोस्ट में UPSC (Prelims) IAS – 2009 –  मौर्य शासनकाल से आये हुए प्रश्नों को व्याख्या सहित हल किया गया है | प्रश्नों का व्याख्या मानक पुस्तकों से लिया गया है |

छात्रों से अनुरोध है कि वो व्याख्या को भी पढ़ें क्योंकि ये परीक्षा की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण हैं |

जो Students Civil services, Railway, UPSC, SSC, Banking, State PSC, CDS, NDA, SSC CGL, SSC CHSL, Patwari, Samvida, Police, SI, CTET, TET, Army, MAT, CLAT, NIFT, IBPS PO, IBPS Clerk, CET, Vyapam , Lekhpal , VDO  etc.   तथा अन्य प्रतियोगी  परीक्षा की तैयारी कर रहे है उनके  लिए   “ IAS Pre 2009 - मौर्य शासनकाल  “ के History Quiz   रामबाण साबित होगी  |

Written by : Arvind Kushwaha

UPSC (Prelims) IAS – 2009 - Solved Questions With Explanations

मौर्य शासनकाल | Mauryan reign

 

प्रश्न 1-  मौर्य शासनकाल में ' पिण्डकर ' एक कर था

( a ) श्रम के रूप में दिया जाने वाला

( b ) सिंचाई पर लगने वाला

( c ) गैर - कृषि उत्पाद पर लगने वाला

( d ) एक ग्राम से संयुक्त रूप से संगृहीत

 

उत्तर – ( d )  एक ग्राम से संयुक्त रूप से संगृहीत

व्याख्या- मौर्य शासनकाल में ' पिण्डकर ' एक ग्राम से संयुक्त रूप से संगृहीत एक कर था ।

मौर्यकालीन विभिन्न प्रकार के कर

* प्रणय  ---  संकट काल में प्रजा द्वारा वसूला जाने वाला कर

* विष्टि   ---  निःशुल्क श्रम अर्थात् बेगार

* उत्संग   --- प्रजा द्वारा राजा को दिया जाने वाला उपहार

* बलि   ---  एक प्रकार का धार्मिक कर

* भोगागम ज्येष्ठकों ( शिल्पी संघ का मुखिया ) के निर्वाह हेतु राजा की ओर से मिलने वाले ग्राम का राजस्व

* तरदेय  --- पुल को पार करने पर लिया जाने वाला कर

* गुल्मदेय सैनिकों की फीस अतिवाहिका मार्गदर्शन कर

* हिरण्य  --- यह कर अनाज के रूप में न लेकर नगद लिया जाता था अर्थात् नगद कर ।

* रज्जू  --- भूमि की माप के समय लिया जाने वाला कर

* चोर रज्जुचोरों को पकड़ने के लिए लिया जाने वाला कर

* विवीत चरागाह कर

* परहीनकराजकीय भूमि में पशुओं द्वारा चरने पर लिया जाने वाला कर ।

स्त्रोत   --  मौर्यकाल का इतिहास - रोमिला थापर

 

प्रश्न 2-  निम्नलिखित स्थानों पर विचार कीजिए

1. अहिरौरा    2. धौली   3. गिरनार

उपरोक्त स्थान / स्थानों में कहाँ पर अशोक के शिलालेख मिलते हैं ?

( a ) केवल 1

( b ) 1 और 2

( c ) 2 और 3

 ( d ) 1 , 2 और 3

 

उत्तर- ( c ) 2 और 3

व्याख्या-

1. शहबाजगढ़ी - ( पाकिस्तान के पेशावर जिले में स्थित )

2. मानसेहरा -  ( पाकिस्तान के हजारा जिले में स्थित )

3. कालसी -  ( उत्तराखण्ड के देहरादून जिले में स्थित )

4. गिरनार - ( काठियावाड़ में जूनागढ़ के समीप स्थित गिरनार की पहाड़ी )

5. धौली - ( उड़ीसा के पुरी जिले में स्थित एक ग्राम )

6. जौगढ़ - ( उड़ीसा के गंजाम जिले में स्थित )

7. एरंगुड़ी - ( आन्ध्र प्रदेश के कर्नूल जिले में स्थित )

8. सोपारा - ( महाराष्ट्र प्रान्त के थाणा जिले में स्थित ) अशोक के शिलालेखों को दीर्घ एवं लघु शिलालेखों दो वर्गों में बाँटा गया है ।

उपरोक्त शिलालेख दीर्घ शिलालेख है ।

* लघु शिलालेख 14 शिलालेखों के मुख्य वर्ग में सम्मिलित नहीं हैं । इस कारण इन्हें लघु शिलालेख कहा गया है |

* लघु शिलालेख में अशोक के व्यक्तिगत जीवन की जानकारी मिलती है |

स्रोत : मौर्यकाल का इतिहास -  रोमिला थापर

 

प्रश्न 3-  निम्नलिखित में से किसने ब्राह्मी लिपि का अर्थ उद्घाटन किया ?

( a ) विलियम जोन्स

( b ) जेम्स प्रिंसेप

( c ) जॉन मार्शल

( d ) ई ० जे ० एच ० मैके

 

उत्तर- ( b )

व्याख्या-

* जेम्स प्रिसेप ने ब्राह्मी लिपि का अर्थ उद्घाटन किया था । जेम्स प्रिंसेप एक विख्यात पुरातत्त्ववेत्ता था । यह ईस्ट इण्डिया कम्पनी में एक साधारण कर्मचारी के रूप में सम्मिलित हुआ , किन्तु शीघ्र ही ऊँचे पद पर पहुंच गया ।

* अशोक के अभिलेखों को पढ़ने में सफलता उसे 1837 ई ० में मिली । इसने दिल्ली में स्थित अशोक के दो स्तम्भों को पढ़कर यह उपलब्धि प्राप्त की ।

* इन्हें 14 वीं सदी में फिरोजशाह तुगलक ने मेरठ तथा टोपरा ( हरियाणा ) से मंगवाकर रखवाया था ।

स्त्रोत- प्राचीन भारत का इतिहास तथा संस्कृति के ० सी ० श्रीवास्तव

 

प्रश्न 4-  निम्नलिखित में से अशोक के किस एक अभिलेख में कलिंग युद्ध का उल्लेख है ?

( a ) स्तम्भ लेख

( b ) स्तम्भ लेख VII

( c ) शिलालेख XI

 ( d ) शिलालेख XIII

 

उत्तर- ( d )   शिलालेख XIII

व्याख्या -

* तेरहवें शिलालेख में अशोक ने कलिंग का युद्ध , वैदेशिक सम्बन्ध धर्म प्रचार आदि पर प्रकाश डाला है ।

* अपने अभिषेक के 8 वर्ष पश्चात् ( 9 वें वर्ष ) देवताओं के प्रिय राजा प्रियदर्शी ने कलिंग पर विजय प्राप्त की ।

* इस अभिलेख में अशोक अपने राज्य की जंगली जनजातियों को सन्तुष्ट रखता है , लेकिन वह उन्हें चेतावनी भी देता है कि पश्चाताप के बावजूद उसमें शक्ति है ।

स्त्रोत - मौर्यकालीन इतिहास - रोमिला थापर


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