दिल्ली सल्तनत - मध्यकालीन भारतीय इतिहास
UPPCS Prelim- Solved Paper Delhi Sultanate (1994 - 1998)
प्रश्न 1 - दिल्ली सल्तनत का प्रथम वैधानिक सुल्तान कौन था ?
( a ) कुतुबुद्दीन ऐबक
( b ) इल्तुतमिश
( c ) मोहम्मद गोरी
( d ) बलबन
उत्तर - ( b ) इल्तुतमिश
व्याख्या : दिल्ली सल्तनत का प्रथम वैधानिक या मान्यता प्राप्त सुल्तान
इल्तुतमिश था । फरवरी 1229
ई ० को बगदाद के
खलीफा से प्राप्त मानाभिषेक के बाद इल्तुतमिश दिल्ली सल्तनत का प्रथम वैध शासक बना
। इल्तुतमिश से पूर्व गुलाम वंश के शासक कुतुबुद्दीन ऐबक को दिल्ली सल्तनत का पहला
वैधानिक शासक इस लिए नहीं माना जाता क्योंकि उसने सुल्तान की उपाधि न धारण कर
मुहम्मद गोरी के सिपहसालार के रूप में शासन किया ।
स्रोत - दिल्ली सल्तनत , आर्शीवादी लाल श्रीवास्तव
प्रश्न 2 - बलबन अपने को किसका वंशज
मानता था ?
( a ) चंगेज खाँ का
( b ) महमूद गज़नी का
( c ) अब्बासी खलीफा का
( d ) अफरासियाब का
उत्तर - ( d ) अफरासियाब का
व्याख्या : बलबन ने वंशावली पर बहुत जोर दिया । वह स्वयं को पौराणिक नामक
अफरासियाब का वंशज मानता था । वह कभी भी दरबार में पूरे राज चिह्नों और साज - समान
के बिना नहीं आया । बलबन का राजतन्त्र का सिद्धान्त सासानिद फारस से अत्यधिक
प्रभावित था ।
स्रोत - मध्यकालीन भारत , N.C.E.R.T
प्रश्न 3 - तबकाते नासिरी का लेखक कौन था ?
( a ) नासिरुद्दीन महमूद
( b ) मिनहाज उस सिराज
( c ) अमीर खुसरु
( d ) जियाउद्दीन बरनी
उत्तर - ( b ) मिनहाज उस सिराज
व्याख्या : तबकाते नासिरी का लेखक मिनहाज उस सिराज
था जिसने उसे फारसी में लिखा था । इतिहासकार इलियट और डाउसन ने उसका अंग्रेजी भाषा
में अनुवाद किया । 1193
ई में मिन्हाज -
उस - सिराज का जन्म हुआ था । 1228 ई
० सुल्तान इल्तुतमिश ने उसे अपनी सेवा में लिया था । उस समय से केवल बीच में एक
वर्ष के समय को छोड़कर वह सुल्तान
नासिरुद्दीन महमूद के शासन काल तक राज्य की सेवा में रहा ।
स्रोत - मध्यकालीन भारत , एल ० पी ० शर्मा
प्रश्न 4 - निम्नलिखित में से किस सुल्तान ने ' द्वितीय सिकन्दर ' का
विरुद धारण किया ?
( a ) बलबन
( b ) मोहम्मद बिन तुगलक
( c ) अलाउद्दीन खिलजी
( d ) फिरोज तुगलक
उत्तर - ( c ) अलाउद्दीन खिलजी
व्याख्या : सुल्तान अलाउद्दीन खिलजी ( 1296 -1316 ई ० ) योग्य तथा महत्वाकांक्षी शासक था
। अपनी प्रारम्भिक कठिनाइयों को दूर करने के पश्चात् उसने राज्य विस्तार और शासन
व्यवस्था हेतु महत्वाकांक्षी योजनाएँ बनायी । उसकी विजयों और सफलताओं ने उसे इतना
प्रोत्साहित किया कि उसने “
सिकन्दर द्वितीय
" ( सानी ) की उपाधि ग्रहण की और उसे अपने सिक्कों पर अंकित कराया । वह
सम्पूर्ण विश्व को जीतने और एक नवीन धर्म को आरम्भ करने की इच्छा भी करने लगा ।
किंतु अपने वफादार मित्र कोतवाल अला उल मुल्क की सलाह पर उसने यह विचार त्याग दिया
।
स्रोत - मध्यकालीन भारत , एल ० पी ० शर्मा ,
प्रश्न 5 - वह कौन शासक था जिसने एक सैनिक को निरीक्षक लिपिक को घूस देने k के लिये सोने का एक सिक्का दिया था ।
( a ) नासिरुद्दीन महमूद
( b ) जलालुद्दीन खिलजी
( c ) कुतुबुद्दीन मुबारक खिलजी
( d ) फिरोज तुगलक
उत्तर - ( d ) फिरोज तुगलक
व्याख्या : सुल्तान फिरोज तुगलक के समय सेना का सम्पूर्ण संगठन भ्रष्टाचार से
भरा था । अफीफ एक घुड़सवार का मामला बताता है कि जिसे सुल्तान ( फिरोजतुगलक ) ने
सोने का ' टंका ' दिया ताकि वह संबंधित लिपिक को घूस देकर अपना घोड़ा " अर्ज
" में स्वीकृत करवा ले ।
स्रोत - दिल्ली सल्तनत , मोहम्मद हबीब , के ० ए ० निजामी
प्रश्न 6 - निम्नलिखित में से कौन - सी नगरी लोदी सुल्तानों की राजधानी थी ?
( a ) आगरा ( b ) लाहौर
( c ) दिल्ली ( d ) फिरोजाबाद
उत्तर - ( c ) दिल्ली
व्याख्या : लोदी वंश के संस्थापक बहलोल लोदी ( 1451 - 1489 ई ० ) के समय में लोदी वंश की राजधानी
दिल्ली थी । बहलोल लोदी के बाद सिकन्दर लोदी ने लगभग 1504 ई ० तक दिल्ली को लोदी वंश की राजधानी
के रूप में प्रयोग किया । 1506 ई
० में सिकन्दर ने पूर्वी राजस्थान के प्रदेशों और मालवा तथा गुजरात को जाने वाले
मार्गों पर नियन्त्रण के उद्देश्य से आगरा को राजधानी बनाया । लेकिन सिकन्दर के
बाद लोदी वंश के अगले और अन्तिम शासक इब्राहिम लोदी ने पुनः दिल्ली को ही राजधानी
के रूप में प्रयोग किया । चूंकि आगरा की अपेक्षा दिल्ली का अधिक समय तक के लिए
राजधानी के रूप में प्रयोग हुआ इसलिये उत्तर दिल्ली
ही होगा ।
प्रश्न 7 - इब्नबतूता यात्री कहाँ का था :
( a ) अफ्रीका ( b ) अरब
( c ) ईरान ( d ) तुर्की
उत्तर - ( a ) अफ्रीका
व्याख्या : इब्नबतूता अफ्रीका का निवासी था जो यात्री के रूप में भारत आया था । 1333 ई ० में उसने भारत में प्रवेश किया और 14 वर्ष तक भारत में रहा । सुल्तान
मुहम्मद तुगलक ने उसे दिल्ली में काजी के पद पर नियुक्त किया । इस पद पर उसने दस
वर्ष कार्य किया । इब्नबतूता ने " रेहला " नामक ग्रन्थ लिखा था ।
स्रोत - मध्यकालीन भारत , एल ० पी ० शर्मा
प्रश्न 8 - सल्तनतकाल के दो प्रमुख सिक्कों , टंका और जीतल , का किसने प्रचलन किया था ?
( a ) मुहम्मद तुगलक
( b ) सुल्तान इल्तुतमिश
( c ) अलाउद्दीन खलजी
( d ) कुतुबद्दीन ऐबक
उत्तर - ( b ) सुल्तान इल्तुतमिश
व्याख्या : सुल्तान इल्तुतमिशं ने सल्तनत युग के दो महत्वपूर्ण सिक्के "
चाँदी का टंका " और ताँबे का " जीतल " का आरम्भ किया था । इसके अतिरिक्त नेल्सन राइट के अनुसार "
विदेशों में प्रचलित टंकों पर टकसाल का नाम लिखने की परम्परा को भारत में प्रचलित
करने का श्रेय भी इल्तुतमिश को दिया जा सकता है ।
स्रोत - मध्यकालीन भारत , एल ० पी ० शर्मा
प्रश्न 9 - निम्नलिखित में से किस एक को अलाउद्दीन
खलजी ने स्थापित किया था ?
( a ) दीवान - ए - इन्शा
( b ) दीवान - ए - अर्ज
( c ) दीवान - ए - रियासत
( d ) दीवान - ए - रिसालत
उत्तर - ( c ) दीवान - ए - रियासत
व्याख्या : अलाउद्दीन खिलजी ने जब बाजार नियन्त्रण प्रणाली लागू की तो उसके
कार्यान्वयन के लिए , ' दीवान - ए रियासत ' विभाग का गठन किया । इसका कार्य था
सुल्तान के द्वारा बनाई गई मूल्य सूची के आधार पर सभी सामानों के विक्रय का
प्रबन्ध करना ।
स्रोत - मध्यकालीन प्रशासन समाज एवं
संस्कृति , प्रो ० राधेश्याम
प्रश्न 10 - उस सुल्तान का नाम बतलाइए जिसने खाद्यान्न पर से ' जकात ' हटा लिया था ?
( a ) अलाउद्दीन खलजी
( b ) मुहम्मद बिन तुगलक
( c ) फिरोजशाह तुगलक
( d ) सिकन्दर लोदी
उत्तर - ( d ) सिकन्दर लोदी
व्याख्या : सिकन्दर लोदी स्वयं कृषि के विकास में
बड़ी रुचि लेता था । उसने खाद्यान्न से " जकात ( आयकर ) समाप्त कर दिया और
" गजे - सिकन्दरी " नामक एक प्रामाणिक माप प्रचलित किया जो मुगलकाल तक
प्रचलित रही ।
स्रोत - दिल्ली सल्तनत , हबीब एवं नजामी
प्रश्न 11 - सबसे पुराने को सर्वप्रथम रखते हुए , निम्नलिखित को तिथि के अनुसार क्रमबद्ध
करें :
1. अढाई दिन का झोपड़ा
2.दीन पनाह
3.बुलन्द दरवाजा
4.अलाई दरवाजा
नीचे दिए गए कूट से सही उत्तर - का
चयन कीजिए
( a ) 3 , 4 , 2 , 1 ( b ) 1 , 2 , 4 , 3
( c ) 1 , 3 , 2 , 4 ( d ) 1 , 4 , 2 , 3
उत्तर - ( d ) 1 , 4 , 2 , 3
व्याख्या : अढ़ाई दिन का झोपड़ा का निर्माण कुतुबुद्दीन ने करवाया था । अलाई
दरवाजा का निर्माण अलाउद्दीन खिलजी ने करवाया था । दीनपनाह महल का
निर्माण हुमायूँ ने करवाया था । बुलन्द दरवाजा का निर्माण अकबर ने करवाया था ।
स्रोत - मध्यकालीन भारत , एल ० पी ० शर्मा
प्रश्न 12 - निम्नलिखित में कौन सा भारतीय वाद्ययंत्र भारतीय - इस्लाम समन्वय का
सर्वश्रेष्ठ उदाहरण है ?
( a ) सारंगी ( b ) सितार
( c ) तबला ( d ) वीणा
उत्तर - ( b ) सितार
प्रश्न 13 - कुतुबमीनार के सम्बन्ध में निम्नलिखित में से कौन - सा कथन सत्य नहीं
है :
( a ) यह एक चार मंजिली संरचना है
( b ) यह इल्तुतमिश द्वारा पूर्ण की गई
( c ) ऊपर की ओर इसकी परिधि क्रमशः कम होती गई है
( d ) प्रारम्भिक तीन मंजिलों की अधियोजना में भिन्नता है
उत्तर - ( d ) प्रारम्भिक तीन मंजिलों की अधियोजना में भिन्नता है
व्याख्या : कुतुबमीनार का निर्माण कुतुबुद्दीन ऐबक ने 1199
ई
० में प्रारम्भ किया किन्तु वह केवल एक मंजिल ही बनवा सका था । कुतुबमीनार का
निर्माण कार्य 1212 ई ० में इल्तुतमिश ने पूरा किया । यह
एक मीनार है जिसकी मूलतः चार मंजिल थी । 1370 ई ० में बिजली गिर जाने से इसकी चौथी मंजिल क्षतिग्रस्त हो गयी थी ।
फिरोजशाह तुगलक ने क्षतिग्रस्त चौथी मंजिल को तोड़वाकर इसकी जगह दो मंजिलें बनवा
दी जिससे इसकी ऊँचाई 238 फिट हो गयी । इसमें 360 सीढियाँ हैं ।
सोत - मध्यकालीन प्रशासन समाज एवं
संस्कृति प्रोफेसर , राधेश्याम
प्रश्न 14 - निम्नंकित घटनाओं का सही अनुक्रम क्या है ? दिये गये कूट से सही उत्तर - चुनिए
1. तैमूर का आक्रमण
2. अलाउद्दीन का देवगिरि पर आक्रमण
3. तुगरिल का विद्रोह
4.बहमनी राज्य की स्थापना
कूट :
( a ) 1 , 3 , 2 , 4
( b ) 3 , 2 , 4 , 1
( c ) 1 , 2 , 3 , 4
( d ) 4 , 2 , 3,1
उत्तर - ( b ) 3 , 2 , 4 , 1
व्याख्या : बलबन के शासन काल में 1279 ई ० में बंगाल के शासक तुगरिल का विद्रोह हुआ । 1295 ई ० में अलाउद्दीन ने देवगिरि पर
आक्रमण किया । 1347 ई ० में बहमनी राज्य की स्थापना हुई । 1398 ई ० में तैमूर का भारत पर आक्रमण हुआ ।
स्रोत - मध्यकालीन भारत , N.C.E.R.T
प्रश्न 15 - किस राजवंश के अन्तर्गत ' विजारत ' का सर्वाधिक विकास हुआ
( a ) इल्बरी वंश
( b ) खल्जी वंश में
( c ) तुगलक वंश में
( d ) लोदी वंश में
उत्तर - ( c ) तुगलक वंश में
व्याख्या : तुगलक काल भारत में विजारत की संस्था के लिए चरमोत्कर्ष का काल माना
जाता है । अफीफ लिखते हैं कि तुगलक काल
में वजीर पद का न केवल महत्व बढ़ा बल्कि फिरोज तुगलक के समय यह चरम शिखर पर जा
पहुँचा । परवर्ती तुगलक काल में सुल्तानों की निर्बलता के कारण वजीर और भी शक्तिशाली
होने लगे । यहाँ तक कि वे सामान्यतः शासन विभाग तथा सैनिक विभाग दोनों के ही
प्रधान बन बैठे ।
सोत - मध्यकालीन भारत , भाग -1 , हरिश्चन्द्र वर्मा
प्रश्न 16 - निम्नलिखित मुस्लिम शासकों में से कौन लूट में प्राप्त धन का 80 % राज्य -कर के रूप में लेता था :
( a ) बलबन
( b ) अलाउद्दीन खल्जी
( c ) मुहम्मद बिन तुगलक
( d ) सिकन्दर लोदी
उत्तर - ( b ) अलाउद्दीन खल्जी
व्याख्या : सल्तनत काल में लूट से प्राप्त धन को खुम्स कहा जाता था । शरीयत के
अनुसार भाग सुल्तान लेने का अधिकारी था तथा सैनिकों में बाँट दी जाती थी । किन्तु
अलाउद्दीन खिलजी ने उलेमाओं की इच्छा के विरुद्ध इस पुराने नियम में परिवर्तन कर
दिया उसने में भाग ( 80 %
) अपने लिये
रखा ई भाग ( 20 % ) सैनिकों को दिया । बाद में मुहम्मद बिन
तुगलक ने भी अलाउद्दीन की इसी परम्परा का पालन किया ।
स्रोत - मध्यकालीन प्रशासन , समाज एवं संस्कृति . प्रोफेसर
राधेश्याम
प्रश्न 17 - सूची -1 को सूची- II
से सुमेलित
कीजिए तथा सूचियों के नीचे दिए गए कूट से सही उत्तर
- का चयन कीजिए :
सूची- I ( लेखक ) सूची- II ( ग्रन्थ )
A. जियाउद्दीन बरनी 1. मुन्तखब - उत् तवारीख
B. इनबतूता 2. रेहला
C. बदायूंनी 3. स्टोरिया - द - मोगर
D. मनूची 4. तारीख - ए – फिरोजशाही
उत्तर - - सही सुमेलित क्रम निम्न है
लेखक ग्रन्थ
1. जियाउद्दीन बरनी तारीख -
ए - फिरोजशाही
2. इनबतूता रेहला
3. बदायूनी मुन्तखब
- उत् तवारीख
4. मनूची स्टोरिया
- द - मोगर
सोत - मध्यकालीन भारत , भाग -1 . हरिश्चन्द्र वर्मा
प्रश्न 18- उस इतिहासकार का नाम बताइए जिसने भारत का विवरण बिना यहाँ कभी आये
हुए ही लिखा है ?
( a ) शिहाबुद्दीन दल अमरी
( b ) अब्दुर रज्जाक
( c ) इब्न बतूता
( d ) अलबरूनी
उत्तर - ( a ) शिहाबुद्दीन दल अमरी
व्याख्या : अलबरुनी महमूद गजनवी के सेना के साथ 1018-19 ई ० में भारत आया था । इनबतूता दिल्ली सल्तनत में मोहम्मद बिन तुगलक
के शासन काल में आया था । अब्दुल रज्जाक फारस का राजदूत था विजय नगर साम्राज्य में
आया था ।
स्रोत - मध्यकालीन भारत का वृहत् इतिहास , खण्ड -1 , जे ० एल ० मेहता
प्रश्न 19 - बलबन की सार्वभौमिकता तथा राजकीय नीति को जानने के लिए मूल स्रोत है
( b ) इसामी
( c ) इब्न - बतूता
( d ) मिनहाज - उस - सीराज
उत्तर - ( a )
प्रश्न 20 - निम्नलिखित सुल्तानों में से कौन उलेमा
की इच्छाओं का पालन नहीं करता था ?
( a ) कुतुबुद्दीन ऐबक
( b ) शम्शुद्दीन इल्तुतमिश
( c ) अलाउद्दीन खल्जी
( d ) सिकन्दर लोदी
उत्तर - ( c ) अलाउद्दीन खल्जी
व्याख्या : अलाउद्दीन का दृष्टिकोण एक मध्यकालीन निरंकुश शासक का था और वह राज्य
की राजनीति में धर्माध उलेमा की सलाह के अनुकरण को अव्यवहारिक समझता था । उसे इस
बात की चिन्ता नहीं थी कि अन्तिम न्याय के दिन उसका क्या होगा । अलाउद्दीन ऐसे
आदेश देता था जो राज्य के लिए हितकर थे जो परिस्थिति देखते हुए तर्क संगत दिखाई
देते हैं ।
स्रोत - मध्यकालीन भारत , भाग -1 , एच ० सी ० वर्मा
प्रश्न 21 - दीवान - ए - मुस्तखराज का सम्बन्ध
किससे था ?
( a ) भू - राजस्व ( b ) न्याय
( c ) दान ( d ) बाजार
उत्तर - ( a ) भू - राजस्व
व्याख्या : अलाउद्दीन ने " दीवान - ए - मुस्तखराज " नामक एक विभाग
निर्मित किया । मुस्तखराज को राजस्व एकत्र करने वाले अधिकारियों के नाम बकाया राशि
की जाँच करने और वसूल करने का कार्य सौंपा गया ।
प्रश्न 22 - निम्नलिखित में से दक्षिण के किस राजा
को राय रायान ' की पदवी मिली थी ?
( a ) रुद्र प्रताप देव
( b ) महादेव
( c ) रामचन्द्र देव
( d ) वीर बल्लाल
उत्तर - ( c ) रामचन्द्र देव
व्याख्या : देवगिरि के द्वितीय अभियान के बाद व्यक्तिगत रूप से सुल्तान के प्रति
भक्ति प्रकट करने के लिए रामदेव और उसके संबंधियों को मलिक काफूर ने दिल्ली भेजा
अलाउद्दीन ने रामदेव का यथोचित स्वागत किया और उसके लिए राजधानी राजसी सुविधाओं की
व्यवस्था की । छह मास के निवास के बाद रामदेव को अपने राज्य में लौटने की अनुमति
दी गई और उसे " रामरायान " की पदवी और एक चन्दोबा देकर सम्मानित किया
गया । उसे एक लाख सोने के टंके दिये गये और नवसारी का जिला उसके राज्य में शामिल कर दिया गया ।
प्रश्न 23 - निम्नलिखित में से कौन - सा अधिकारी
अलाउद्दीन खल्जी के बाजार नियंत्रण से सम्बद्ध नहीं था ?
( a ) दिवान -ए -रियासत
( b ) शहना -ए -मंडी
( c ) बरीद -ए -मंडी
( d ) दरोगा -ए -मण्डी
उत्तर - ( d ) दरोगा -ए -मण्डी
व्याख्या : अलाउद्दीन खिलजी की बाजार नियन्त्रण से दिवान - ए - रियासत , शहना - ए - मण्डी तथा बरीद - ए मण्डी
सम्बद्ध थे । दरोगा -ए- मण्डी अलाउद्दीन के बाजार नियन्त्रण से सम्बद्ध नहीं था । शहना -
ए - मण्डी ही बाजार का दरोगा होता था ।
प्रश्न 24 - निम्नलिखित में से किस राजवंश के
सुल्तानों ने सामान्यतः खलीफा के नायब के रूप में अपना नाम सिक्कों पर अंकित
करवाया ?
( a ) - खिल्जी ( b ) लोदी
( c ) तुगलक ( d ) सैयद
उत्तर - ( c ) तुगलक
प्रश्न 25 - मोहम्मद बिन तुगलक के अन्तर्गत दीवान - ए - अमीर कोही किस विभाग की
देखभाल करता था ?
( a ) सेना
( b ) न्यायिक प्रशासन
( c ) धार्मिक विषय
( d ) कृषि की उन्नति
उत्तर - ( d ) कृषि की उन्नति
व्याख्या : मोहम्मद बिन तुगलक ने कृषि के देखभाल के लिए दिवान - ए - अमीर कोही (
कृषि विभाग ) की स्थापना किया ।
प्रश्न 26 - रतन नाम के हिन्दू को किसके शासन काल में राजस्व अधिकारी के रूप में
नियुक्त किया गया था ।
( a ) मोहम्मद बिन तुगलक
( b ) फिरोज तुगलक
( c ) गियासुद्दीन तुगलक
( d ) बहलोल लोदी
उत्तर - ( a ) मोहम्मद बिन तुगलक
व्याख्या : मुहम्मद बिन तुगलक के समय में हिन्दुओं की एक बड़ी संख्या प्रशासन के
महत्वपूर्ण पदों पर नियुक्त की गई थी । चुनार की शिलालेख, सुल्तान के एक हिन्दू मंत्री साई राज
का उल्लेख करता है । धारा नामक दक्षिण का नायब वजीर भी हिन्दू था । सेहवान ( सिन्ध
) के राजपाल का पद रतन को सौंपा गया था । मीरन राय गुलबर्गा का राज्यपाल नियुक्त
हुआ ।
स्रोत - दिल्ली सल्तनत , भाग 1 , के ० ए ० निजामी
प्रश्न 27 - निम्नलिखित में से किसकी रचना का श्रेय
स्वयं सुल्तान फिरोज शाह तुगलक को दिया जाता है ?
( a ) तारीख - ए - फिरोज शाही
( b ) सीरात - ए - फिरोज शाही
( c ) फुतुहात - ए - फिरोज शाही
( d ) फिकह - ए - फिरोज शाही
उत्तर - ( c ) फुतुहात - ए - फिरोज शाही
व्याख्या : फुतहाते - ए - फिरोजशाही को स्वयं सुल्तान फिरोजशाह तुगलक ने लिखा था
यद्यपि इस पुस्तक के नाम से अर्थ निकलता है " सुल्तान फिरोजशाह की फतहें (
विजये ) | परन्तु इसमें फिरोज के राज्य विस्तार के
प्रयत्नों का वर्णन नहीं किया गया है , अपितु उसके इस्लाम धर्म के प्रसार के लिए किये गये प्रयत्नों का
उल्लेख किया गया है |
स्रोत - मध्यकालीन भारत , एल ० पी ० शर्मा
प्रश्न 28 - ' अक्ता ' का अर्थ है :
( a ) एक प्रशासकीय अनुदान या माफी
( b ) नकद वेतन के बदले किसी खास भूभाग का राजस्व अधिन्यास
( c ) किसी भूभाग का अधिन्यास पारितोषिक एवं सेवा निवृत्ति वेतन स्वरूप
( d ) उपर्युक्त ( b
) एवं ( c ) दोनों
उत्तर - ( b ) नकद वेतन के बदले किसी खास भूभाग का
राजस्व अधिन्यास
व्याख्या : अक्ता जो अरबी शब्द है का भारत में प्रयोग नकद वेतन के बदले किसी खास
भू - भाग के राजस्व अधिन्यास से सम्बन्धित था । मुहम्मद गोरी ने सर्वप्रथम भारत
में इक्ता व्यवस्था को शुरू किया लेकिन इसे व्यवस्थित रूप इल्तुतमिश ने प्रदान
किया ।
प्रश्न 29 - निम्न में किस सुल्तान ने तुर्कान - ए
- चिहिलगानी का दमन किया ?
( a ) इल्तुतमिश
( b ) बलबन
( c ) अलाउद्दीन खिलजी
( d ) मुहम्मद तुगलक
उत्तर - ( b ) बलबन
व्याख्या : इल्तुतमिश ने गुलाम सरदारों का एक गुट
बनाया था जो तुर्क ए - चिहिलगानी के नाम से प्रसिद्ध हुआ । बलबन जो खुद तुर्क - ए
- चिहालगानी का सदस्य रहा , इस गुट को नष्ट कर दिया ।
स्रोत - मध्यकालीन भारत , एल ० पी ० शर्मा
प्रश्न 30 - निम्न में से किस सुल्तान ने खलीफा से खिलाफत प्राप्त किया ?
( a ) सुल्तान कुतुबुद्दीन
( b ) सुल्तान इल्तुतमिश
( c ) सुल्तान रजिया
( d ) सुल्तान गयासुद्दीन बलबलन
उत्तर - ( b ) सुल्तान इल्तुतमिश
व्याख्या : इल्तुतमिश दिल्ली का पहला तुर्क सुल्तान था जिसने खलीफा से सुल्तान
की खिलाफत प्राप्त की । उसने अपने सिक्कों पर बगदाद के खलीफा का नाम खुदवाया तथा
कथित गुलाम वंश के सम्पूर्ण युग में इल्तुतमिश के किसी भी उत्तराधिकारी को इस
प्रकार इस्लामी खिलाफत प्राप्त नहीं हुई ।
स्रोत - दिल्ली सल्तनत , आर्शीवादी लाल श्रीवास्तव
प्रश्न 31 - दीवान - ए - मुस्तखराज विभाग की स्थापना की गई थी
( a ) कृषि विभाग में सुधार करने के लिए
( b ) जागीरदारों की शक्ति कुचलने के लिए
( c ) डाक व्यवस्था में सुधार करने के लिए
( d ) बकाया लगान की वसूली के लिए
उत्तर - ( d ) बकाया लगान की वसूली के लिए
व्याख्या : कृषकों से भूराजस्व की बकाया रकम वसूल करने के लिए अलाउद्दीन खिलजी
ने दीवान - ए - मुस्तखराज नामक नया विभाग खोला था ।
प्रश्न 32 - दिल्ली का वह कौन - सा सुल्तान था जिसने भूमि की नाप की आज्ञा निरस्त
करके उसके स्थान पर गल्ला बटाई को अपनाया ?
( a ) बलबन
( b ) अलाउद्दीन खिलजी
( c ) गियासुद्दीन तुगलक
( d ) सिकन्दर लोदी
उत्तर - ( c ) गियासुद्दीन तुगलक
व्याख्या : गयासुद्दीन तुगलक ने भी भूराजस्व व्यवस्था की ओर विशेष ध्यान दिया ।
उसने भूमि को नापने की प्रणाली समाप्त कर बटाई प्रणाली लागू की | उसने अक्तादारों व वलियों को आदेश दिया
कि वे अपनी अक्ताओं व विलायतों में 10 या 11 से अधिक भूराजस्व की दर में वृद्धि न
करें ।
स्रोत - मध्यकालीन प्रशासन , समाज एवं संस्कृति , प्रो ० राधेश्याम
प्रश्न 33 - आगरा नगर की स्थापना की :
( a ) सिकन्दर लोदी ने
( b ) खिज खाँ ने
( c ) बहलोल लोदी ने
( d ) फीरोज तुगलक ने
उत्तर - ( a ) सिकन्दर लोदी ने
व्याख्या : सिकन्दर लोदी राजस्थान के शासकों पर नियन्त्रण रखने के लिए 1504 ई ० में आगरा नामक नवीन नगर बसाया ।
स्रोत - मध्यकालीन भारत , एल ० पी ० शर्मा
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