प्राचीन भारत का इतिहास - सामान्य ज्ञान
प्रश्नोत्तरी MCQs. - व्याख्या सहित : UPSC IAS -2007-08
Q.1 निम्नलिखित चोल शासकों में जिसने बंगाल की खाड़ी को ' चोल झील ' का स्वरूप प्रदान कर दिया , वह कौन था ?
( a ) राजाराज प्रथम
( b ) राजेन्द्र प्रथम
( c ) अधिराज
( d ) कुलोत्तुंग
उत्तर- ( b ) राजेन्द्र प्रथम
व्याख्या - चोल शासक राजेन्द्र प्रथम ने बंगाल
की खाड़ी को ' चोल झील ' का स्वरूप प्रदान कर दिया था । राजाराज
प्रथम का पुत्र एवं उत्तराधिकारी राजेन्द्र प्रथम 1014 ई ० में चोल राजसिंहासन पर बैठा । राजेन्द्र अपने पिता के समान ही
साम्राज्यवादी प्रवृत्ति का था । राजेन्द्र प्रथम के सामरिक अभियानों का महत्त्वपूर्ण
कारनामा था -उसकी सेनाओं का गंगा नदी पार कर कलिंग एवं बंगाल तक पहुँच जाना ।
पूर्वी भारत में राजेन्द्र ने बंगाल के पाल शासक महीपाल को पराजित किया । गंगा
घाटी के अभियान की सफलता पर राजेन्द्र प्रथम ने ' गंगैकोण्डचोल ' की
उपाधि धारण की तथा इस विजय की स्मृति में कावेरी तट के निकट ' गंगैकोण्डचोलपुरम् ' नामक नई राजधानी का निर्माण करवाया ।
उसने सिंचाई हेतु ' चोलगंगम ' नामक एक बड़े तालाब का भी निर्माण
करवाया ।
स्रोत - प्राचीन भारत का इतिहास एवं
संस्कृति - के ० सी ० श्रीवास्तव
Q.2 जिस ग्रन्थ में ' पुरुष
मेध ' का उल्लेख हुआ है , वह है
( a ) कृष्ण यजुर्वेद
( b ) शुक्ल यजुर्वेद
( c ) शतपथ ब्राह्मण
( d ) पंचविश ब्राह्मण
उत्तर- ( c ) शतपथ ब्राह्मण
व्याख्या - ' पुरुष मेध '
का उल्लेख शतपथ
ब्राह्मण में हुआ है । प्राचीन इतिहास के साधन के रूप में वैदिक साहित्य में
ऋग्वेद के बाद शतपथ ब्राह्मण का स्थान है । शतपथ ब्राह्मण में गान्धार , शल्य , कैकय , कुरु , पांचाल , कोशल , विदेह आदि राजाओं के नाम का उल्लेख है ।
स्रोत
- प्राचीन भारत का इतिहास : NCERT
Q.3 प्रभासगिरि जिनका तीर्थ - स्थल ( Pilgrim spot ) है , वे हैं
( a ) बौद्ध
( b ) जैन
( c ) शैव
( d ) वैष्णव
उत्तर- ( b ) जैन
व्याख्या - प्रभासगिरि , जैन धर्म का तीर्थस्थल है । यह यमुना
नदी के तट पर कौशाम्बी के नजदीक अवस्थित है । यह इलाहाबाद से 62 किमी की दूरी पर अवस्थित है । प्राचीन
काल में यह कौशाम्बी का ही एक भाग था , जो घने जंगलों से घिरा हुआ था । यहाँ जैन धर्म के छठे तीर्थंकर भगवान
पद्मप्रभु साधना के लिए आये थे जिन्हें 6 माह के बाद ज्ञान की प्राप्ति हुई थी ।
Q.4 वह स्थान , जहाँ प्राक् अशोक ब्राह्मी लिपि का पता
चला है
( a ) नागार्जुनीकोण्डा
( b ) अनुराधापुर
( c ) ब्रह्मगिरि
( d ) मास्की
उत्तर- ( d ) मास्की
व्याख्या - मास्की में प्राक् अशोक ब्राह्मी
लिपि का पता चला है । अशोक के इतिहास की सम्पूर्ण जानकारी हमें उनके अभिलेखों से
मिलती है । अभिलेखों के द्वारा प्रजा को सन्देश देने की प्रेरणा अशोक को सम्भवतः
ईरानी शासक डेरियस ( दारा प्रथम ) से मिली थी । अब तक अशोक के 40 अभिलेख प्राप्त हुए हैं । इन सभी
अभिलेखों में तीन लिपियों का प्रयोग किया गया है — ब्राह्मी , खरोष्ठी , ग्रीक एवं आरमेइक । ग्रीक एवं आरमेइक
लिपि के अभिलेख अफगानिस्तान से , खरोष्ठी
लिपि उत्तर - पश्चिम पाकिस्तान से एवं
शेष साम्राज्य से ब्राह्मी लिपि के अभिलेख मिले हैं । अशोक ने राष्ट्रीय भाषा एवं
लिपि के रूप में पाली भाषा एवं ब्राह्मी लिपि का प्रयोग किया । मानसेहरा एवं
शहबाजगढ़ी से खरोष्ठी लिपि के शिलालेख प्राप्त हुए हैं ।
स्रोत - प्राचीन भारत का इतिहास : NCERT
Q 5. मध्य पाषाणिक ( Mesolithic ) प्रसंग में पशुपालन के प्रमाण जहाँ मिले , वह स्थान है
( a ) लंघनाज
( b ) बीरभानपुर
( C ) आदमगढ़
( d ) चोपनी माडो
उत्तर- ( C ) आदमगढ़
व्याख्या - प्रागैतिहासिक मध्य पाषाण काल ( The Mesolithic Age ) में सबसे पहले पशुपालन के प्रमाण
आदमगढ़ ( मध्य प्रदेश ) तथा बागोर ( राजस्थान ) से प्राप्त हुए हैं ।
स्रोत - प्राचीन भारत का इतिहास एवं
संस्कृति के ० सी ० श्रीवास्तव
Q 6. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए एवं नीचे दिये गए कूट से सही उत्तर चुनिए
1. मोहनजोदड़ो ,
हड़प्पा , रोपड़ एवं कालीबंगन सिन्धु घाटी सभ्यता
के प्रमुख स्थल हैं ।
2. हड़प्पा के लोगों ने सड़कों तथा नालियों के जाल के साथ नियोजित शहरों
का विकास किया ।
3. हड़प्पा के लोगों को धातुओं के उपयोग का पता नहीं था ।
( a ) 1 एवं 2 सही हैं
( b ) 1 एवं 3 सही हैं
( c ) 2 एवं 3 सही हैं ।
( d ) 1 , 2 एवं 3 सही हैं
उत्तर- ( a ) 1 एवं 2 सही हैं
व्याख्या - मोहनजोदड़ो , हड़प्पा , रोपड़ एवं कलीबंगन सिन्धु सभ्यता के
प्रमुख स्थल हैं । इसके अलावा चन्हूदड़ों , लोथल , कालीबंगन , बनवाली , रंगपुर , धौलावीरा , सुत्कागेंडोर , सुरकोटड़ा , राखीगढ़ी इत्यादि सिन्धु सभ्यता के
स्थल हैं । सैन्धव सभ्यता में सड़कें एक - दूसरे को समकोण पर काटती थीं । सड़कों
के दोनों किनारों पर पक्की नालियाँ बनाई जाती थीं , जिन्हें बड़ी ईंटों अथवा पत्थर के टुकड़ों से ढका जाता था । इस समय
सोने तथा चाँदी के आभूषण बनाए जाते थे । ताँबे के साथ टिन मिलाकर काँसा तैयार किया
जाता था । अत: हड़प्पा के लोगों को धातुओं का पता
था ।
स्रोत - प्राचीन भारत का इतिहास - डी ० एन ०
झा व श्रीमाली
Q 7. सेल्यूकस , जिसको अलेक्जेण्डर द्वारा सिन्ध एवं
अफगानिस्तान का प्रशासक नियुक्त किया गया था , को किस भारतीय राजा ने हराया था ?
( a ) समुद्रगुप्त
( b ) अशोक
( c ) बिन्दुसार
( d ) चन्द्रगुप्त
उत्तर- ( d ) चन्द्रगुप्त
व्याख्या - जिस समय चन्द्रगुप्त मौर्य
साम्राज्य निर्माण में तत्पर था , सिकन्दर
का सेनापति सेल्यूकस भी अपनी महानता की नींव डाल रहा था । सेल्यूकस ने 312 ई ० पू ० में बेबिलोन पर अपना अधिकार
स्थापित किया । 305-04 ई ० पू ० में काबुल के मार्ग से होते
हुए वह सिन्धु नदी की ओर बढ़ा और सिन्धु नदी पार करते ही उसका सामना चन्द्रगुप्त
मौर्य की सेना से हुआ । सेल्यूकस पंजाब और सिन्ध पर अधिकार करने के उद्देश्य से
आया था । सेल्यूकस ने सिन्धु नदी पार की और भारत के सम्राट चन्द्रगुप्त से युद्ध
छेड़ा । अन्ततः युद्ध का निर्णय मौर्यों के पक्ष में रहा और इसकी समाप्ति के बाद
दोनों के मध्य 303 ई ० पू ० में एक सन्धि हुई एवं वैवाहिक
सम्बन्ध स्थापित हो गए ।
स्रोत - प्राचीन भारत - NCERT
Q8. अष्टाध्यायी का लेखक था
( a ) वराहमिहिर
( b ) कालिदास
( c ) पाणिनि
( d ) बलराम
उत्तर- ( c ) पाणिनि
व्याख्या - अष्टाध्यायी के लेखक पाणिनि थे । यह
गणतन्त्रात्मक व्यवस्था की अच्छी जानकारी देती है । पाणिनि भारत के महान्
व्याकरणाचार्य थे तथा संस्कृत व्याकरण का उत्कर्ष इनके साथ ही माना जाता है । इनका
काल पाँचवीं सदी ई ० पू ० माना जाता है । अष्टाध्यायी आठ अध्यायों में विभक्त है ।
पूरे ग्रन्थ में 3995 सूत्र हैं । इनके व्याकरण की प्रमुख
विशेषताओं में वाक्यों में पदों का संकलन , पदों का प्रकृति प्रत्यय विभाग तथा पदों की रचना , सन्धि इत्यादि हैं ।
स्रोत - प्राचीन भारत – NCERT
Q 9. जो कला शैली भारतीय और यूनानी आकृति का
सम्मिश्रण है , उसे कहते हैं
( a ) शिखर
( b ) वेरा
( c ) गान्धार
( d ) नागर
उत्तर- ( c ) गान्धार
व्याख्या- भारतीय और यूनानी आकृति की मिश्रण
शैली गान्धार शैली है । इस कला शैली के प्रमुख संरक्षक शक एवं कुषाण थे । इस कला
का विषय मात्र बौद्ध होने के कारण इसे यूनानी - बौद्ध ( Greeco - Buddhist ) , इण्डो - ग्रीक ( Indo - Greek ) या ग्रीको रोमन ( Greeco Roman ) भी कहा जाता है ।
स्रोत - प्राचीन भारत का इतिहास एवं
संस्कृति - के ० सी ० श्रीवास्तव
Q 10. गोदावरी नदी के तट पर स्थित महाजनपद था
( a ) अवन्ति
( b ) वत्स
( c ) अस्सक
( d ) कम्बोज
उत्तर- ( c ) अस्सक
व्याख्या – बौद्ध ग्रन्थ ' अंगुत्तर
निकाय तथा जैन ग्रन्थ ' भगवती सूत्र ' में छठी शताब्दी ई ० पू ० में वर्णित 16 महाजनपदों में अस्सक या अश्मक नर्मदा
तथा गोदावरी नदियों के मध्य स्थित था , जिसकी राजधानी पैठण या पोतन अथवा पोटलि ( प्राचीन नाम प्रतिष्ठान )
थी । अवन्ति राज्य के साथ अस्मक महाजनपद का संघर्ष हमेशा चलता रहा । अन्तत :
अवन्ति राज्य द्वारा इस पर अधिकार कर लिया गया ।
स्रोत - प्राचीन भारत का इतिहास एवं
संस्कृति - के ० सी ० श्रीवास्तव
Q 11. निम्न स्थानों में किस एक स्थान पर सिन्धु घाटी सभ्यता से सम्बद्ध
विख्यात वृषभ - मुद्रा ( Bull
- seal ) प्राप्त
हुई थी ?
( a ) हड़प्पा
( b ) चन्हूदड़ो
( c ) लोथल
( d ) मोहनजोदड़ो
उत्तर- ( d ) मोहनजोदड़ो
व्याख्या - पाकिस्तान के सिन्ध प्रान्त के
लरकाना जिले में सिन्धु नदी के तट पर स्थित मोहनजोदड़ो ( राखालदास बनर्जी द्वारा 1922 ई ० में उत्खनित ) में अनेक वस्तुएँ
प्राप्त हुईं , जिसमें कूबड़ वाले ( ककुदमान ) बैल की
आकृति वाली मुहर भी प्राप्त हुई थी । मोहनजोदड़ो सबसे बड़ा सिन्धु नगर है । यहाँ
से विशाल स्नानागार , विशाल अन्नागार , विशाल कॉलेज भवन , सभागार , बुने हुए कपड़े का साक्ष्य , मन्दिर जैसे भवन , मानव
कंकाल , पशुपति महादेव मुहड़ , काँसे की नर्तकी इत्यादि की प्राप्ति
हुई है ।
स्रोत - प्राचीन भारत का इतिहास - झा एवं
श्रीमाली
Q 12. ' न्याय दर्शन ' का लेखक था
( a ) गौतम
( b ) कणाद
( c ) कपिल
( d ) बादरायण
उत्तर- ( a ) गौतम
व्याख्या - ' न्याय दर्शन '
के लेखक महर्षि
अक्षपद गौतम हैं । इसके अनुसार तर्क पर आधारित विचार से ही मोक्ष सम्भव है ।
इन्होंने ज्ञान के चार स्रोत
बतलाए हैं - प्रत्यक्ष , अनुमान , उपमान और शब्द । ये ईश्वर की चर्चा नहीं करते हैं । इस दर्शन के
प्रमुख ग्रन्थ ' गौतम का न्यायसूत्र ' है । इस दर्शन का पूर्ण विकास
उदयाचार्य के कुसुमाञ्जलि में ( 1200 ई
० ) में हुआ ।
स्रोत - प्राचीन भारत - NCERT
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