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Foundation of Indian national congress: modern history



भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस की स्थापना के क्या कारण रहे तथा इसके उद्देश्य बताइए

उत्तर - 

भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस की स्थापना : 
ए . ओ . ह्यूम  नामक अंग्रेज  अधिकारी ने 28 दिसम्बर 1885 . में बम्बई में कांग्रेस की स्थापना की । उसने इस संस्था की स्थापना इसलिए की थी ताकि भारतीय जनता इस संस्था के माध्यम से अपनी आवश्यकताओं से सरकार को परिचित करा सके और अपने लक्ष्य की प्राप्ति के लिए वैध एवं संवैधानिक आन्दोलन के मार्ग पर चल सके जिससे 1857 ई . जैसे भयंकर सशस्त्र विद्रोह की पुनरावृत्ति न हो सके । 

उद्देश्य
कहा जाता है कि कांग्रेस की स्थापना के पीछे ए . ओ . ह्यूम  का प्रमुख उद्देश्य शिक्षित भारतीयों में जग रहे असंतोष की सुरक्षित निकासी के लिए एक सेफ्टी वाल्व  बनाना था । वे असन्तुष्ट राष्ट्रवादी शिक्षित वर्गो तथा असन्तुष्ट किसान जनता के आपसी मेल को रोकना चाहते थे । इस संस्था में आए सभी भारतीय सदस्यों का उद्देश्य भारतीय राष्ट्रीयता को देशव्यापी बनाना तथा उसे संगठित रूप में व्यक्त करना था । इसी संस्था ने राष्ट्रीय आन्दोलन को धीरे - धीरे बढ़ाया और इसी . संगठन के झण्डे के नीचे सारी जनता ने तब तक राहत की सांस नहीं ली जब तक कि भारत माँ की परतन्त्रता की बेड़ियों को पूरी तरह नहीं तोड़ दिया । 

कांग्रेस के उद्देश्य 

श्री वोमेश चन्द्र बनर्जी ( W . C . Banerjee ) ने प्रथम अधिवेशन में सभापति पद से कांग्रेस के निम्नलिखित मुख्य उद्देश्य बतलाए : 
( 1 ) सम्पूर्ण देश में सच्चे देशवासियों में पारम्परिक मैत्री बढ़ाना तथा सम्पर्क स्थापित करना । 
( 2 ) सामाजिक समस्याओं का अध्ययन । 
( 3 ) देशवासियों के मस्तिष्क में जातीयता , प्रान्तीय तथा साम्प्रदायिकता की सकीर्ण भावनाओ । को नष्ट करना तथा राष्ट्रीय एकता की भावना का विकास । 
( 4 ) देश के राष्ट्रीय कार्यकर्ताओं को एक मंच पर एकत्रित करना । 
1895 में कांग्रेस के पूना अधिवेशन के अध्यक्ष पद से कांग्रेस के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए श्री सुरेन्द्र बनर्जी ने कहा था कि भारतवासियों को ब्रिटिश सरकार की प्रगतिशीलता में विश्वास है । हमें ब्रिटिश शासन में भक्ति रखते हुए अपना कार्यक्रम इस प्रकार निश्चित करना चाहिए कि हम अतिशीघ्र अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर सकें । हमारा लक्ष्य भारत से ब्रिटिश शासन को समाप्त करना नहीं बल्कि ऐसा प्रयास करना है जिससे ब्रिटिश शासन का आधार विस्तृत बने तथा उसके स्वभाव को उदार बनाया जा सके ।