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UPPCS Prelims 2006 – Maurya Saamrajy quiz | मौर्य शासनकाल हल प्रश्नपत्र

 

नमस्कार दोस्तों  UPPCS (Prelims)  – 2006 में   प्राचीन  भारतीय इतिहास (History of Ancient India ) के “ मौर्य साम्राज्य  “ से आये हुए प्रश्नों को व्याख्या  सहित हल किया गया है प्रश्नों का व्याख्या Civil services के  मानक पुस्तकों से लिया गया है |

जो Students Civil services, Railway, UPSC, SSC, Banking, State PSC, CDS, NDA, SSC CGL, SSC CHSL, Patwari, Samvida, Police, SI, CTET, TET, Army, MAT, CLAT, NIFT, IBPS PO, IBPS Clerk, CET, Vyapam , Lekhpal , VDO  etc.   तथा अन्य प्रतियोगी  परीक्षा की तैयारी कर रहे है उनके  लिए   “  UPPCS Pre 2006 –  Maurya saamrajy Maurya Empire) “ के History Quiz   रामबाण साबित होगी  |

Written by : Arvind Kushwaha

 

 उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग प्रारंभिक परीक्षा -2006

 मौर्य शासनकाल  | Maurya Empire

व्याख्यात्मक हल प्रश्न पत्र )

 

प्रश्न-  चन्द्रगुप्त मौर्य के समय पाटलिपुत्र का नगर प्रशासन एक समिति द्वारा संचालित था , जिसके सदस्यों की संख्या थी -

(a )  20

( b )  30

( c )  40

( d )  50

 

उत्तर ( b ) 30

 * मेगस्थनीज के अनुसार चन्द्रगुप्त मौर्य के समय  पाटलिपुत्र नगर का शासन 30 सदस्यों की एक समिति द्वारा संचालित होता था । इसे पाँच - पाँच सदस्यों की छः समितियों में  विभाजित किया गया था ।

* पहली समिति    -   उद्योग सम्बन्धी विषयों की निगरानी

* दूसरी समिति       -    विदेशियों के ठहरने , खाने एवं सुरक्षा  की व्यवस्था

* तीसरी  समिति      -          जन्म -मृत्यु का रिकार्ड

* चौथी  समिति        -       व्यापार एवं वाणिज्य

* पाँचवीं समिति        -     वस्तुओं के विक्रय का नियन्त्रण

* छठी समिति         -    बिक्री की गई वस्तुओं पर कर वसूलती थी

स्रोत- प्राचीन भारत का राजनैतिक तथा सांस्कृतिक इतिहास , आर० एन० पाण्डेय

 

प्रश्न-  बिन्दुसार के दरबार में सीरिया के शासक एन्तियोकस प्रथम के राजदूत के रूप में मेगस्थनीज के स्थान पर कौन आया ?

( a ) डायोडोरस

( b ) एरियन

( c ) डायोनिसियस

( d ) डायमेकस

 

उत्तर ( d )

* स्ट्रैबो के अनुसार सीरिया के शासक एन्तियोंकस प्रथम का राजदूत डायमेकस बिन्दुसार के दरबार में आया था ।

* बिन्दुसार ने सीरिया के शासक से मीठी शराब , अंजीर तथा एक  दार्शनिक की माँग की थी । सीरिया के शासक ने पहली दो बातें मान ली पर दार्शनिक भेजने में असमर्थता प्रकट की क्योंकि    यूनानी परम्पराओं के अनुसार दार्शनिक भेजना संभव नहीं था ।

 स्रोत- प्राचीन भारत का राजनैतिक तथा सांस्कृतिक  इतिहास , आर० एन० पाण्डेय

 

प्रश्न-  ' देवानांप्रिय ' की उपाधि धारण की थी :

( 1 ) अशोक ने

( 2 ) दशरथ ने

( 3 ) सम्प्रति ने

( 4 ) बृहद्रथ ने

नीचे के कूट से सही उत्तर का चयन कीजिए :

( a ) केवल 1

( b ) 1 एवं 2

( c ) 1 एवं 3

( d ) 1 , 2 , 3 एवं 4

 

उत्तर ( b )  1 एवं 2

* अशोक 273 ई ० पू ० के लगभग मगध के राज - सिंहासन पर बैठा । अभिलेख में सर्वत्र उसे देवानांप्रिय देवनाप्रियदासि ( देवताओं का प्रिय अथवा देखने में सुन्दर ) तथा राजा की उपाधियों से सम्बोधित किया गया है ।

* अशोक का पौत्र दशरथ भी अशोक की भांति ' देवानांप्रिय ' की उपाधि धारण की थी ।

स्रोत- प्राचीन भारत का इतिहास तथा संस्कृति , के० सी० श्रीवास्तव

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