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UPPCS Prelims 2005 – Maurya Saamrajy quiz | मौर्य शासनकाल हल प्रश्नपत्र

 

नमस्कार दोस्तों  UPPCS (Prelims)  – 2005 में   प्राचीन  भारतीय इतिहास (History of Ancient India ) के “ मौर्य साम्राज्य  “ से आये हुए प्रश्नों को व्याख्या  सहित हल किया गया है प्रश्नों का व्याख्या Civil services के  मानक पुस्तकों से लिया गया है |

जो Students Civil services, Railway, UPSC, SSC, Banking, State PSC, CDS, NDA, SSC CGL, SSC CHSL, Patwari, Samvida, Police, SI, CTET, TET, Army, MAT, CLAT, NIFT, IBPS PO, IBPS Clerk, CET, Vyapam , Lekhpal , VDO  etc.   तथा अन्य प्रतियोगी  परीक्षा की तैयारी कर रहे है उनके  लिए   “  UPPCS Pre 2005 –  Maurya saamrajy Maurya Empire) “ के History Quiz   रामबाण साबित होगी  |

Written by : Arvind Kushwaha

 

 उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग प्रारंभिक परीक्षा -2005

 मौर्य शासनकाल  | Maurya Empire

व्याख्यात्मक हल प्रश्न पत्र )

 

प्रश्न-  कौटिल्य के अर्थशास्त्र के अनुसार राजा की ओर से सिक्के ढलवाने वाले अधिकारी की संज्ञा थी :

( a ) लक्षणाध्यक्ष

( b ) पौतवाध्यक्ष

( c ) रूपदर्शक

( d ) संगृहीता

 

उत्तर ( a ) लक्षणाध्यक्ष

 व्याख्या-

* अर्थशास्त्र में राजकीय टकसाल का उल्लेख मिलता है जिसका अधीक्षक लक्षणाध्यक्ष होता था ।

* मुद्राओं का परीक्षण करने वाला अधिकारी रूपदर्शक कहा जाता था ।

स्रोत- भारत का इतिहास तथा संस्कृति , केoसीo श्रीवास्तव

 

प्रश्न-  निम्नलिखित में से किस स्रोत / स्रोतों से विदित होता है कि कलिंग में अशोक ने घमासान युद्ध किया ?

1-  अशोक का पृथक कलिंग शिलालेख

2-  अशोक का तेरहवाँ शिलालेख

3-  दीपवंश

4-  दिव्यावदान

नीचे के कूट से सही उत्तर का चयन कीजिए :

( a ) केवल 1

( b ) केवल 2

 ( c ) 1 , 2 एवं 3

( d ) 1 , 2 , 3 एवं 4

 

उत्तर ( b ) केवल 2

व्याख्या-

* मौर्य सम्राट अशोक अपने अभिषेक के आठवें वर्ष ( 261 पू ) कलिंग के विरुद्ध युद्ध छेड़ दिया ।

* कलिंग का वर्तमान राज्य दक्षिण उड़ीसा में स्थित था ।

* कलिंग युद्ध तथा उसके परिणामों के विषय में अशोक के तेरहवें अभिलेखों से विस्तृत सूचना प्राप्त होती है ।

* तेरहवें शिलालेख में इस युद्ध के भयानक परिणामों का उल्लेख इस प्रकार हुआ है : - इसमें एक लाख 50 हजार व्यक्ति बन्दी बनाकर निर्वासित कर दिये गये , एक लाख लोगों की हत्या की गई , कई गुना अधिक मर गये , युद्ध में भाग न लेने वाले ब्राह्मणों , गृहस्थियों तथा श्रमणों को अपने सम्बन्धियों के मारे जाने से महान कष्ट हुआ । सम्राट ने इस भारी नर संहार को स्वयं अपनी आंखों से देखा था ।

स्रोत- प्राचीन भारत का इतिहास तथा संस्कृति , केo सी o श्रीवास्तव

 

प्रश्न-  निम्नलिखित राजाओं में से किसने संघभेद करने वाले बौद्ध भिक्षु एवं भिक्षुणियों के लिए कठोर दण्ड का विधान किया था ?

( a ) अशोक

( b ) पुष्यमित्र शुंग

( c ) हर्ष

( d ) शशांक

 

उत्तर ( a ) अशोक

व्याख्या-

* तृतीय बौद्ध संगीति मौर्य शासक अशोक के काल में पाटलिपुत्र में बुलायी गयी ।

* तृतीय संगीति ने संघ - भेद रोकने के लिए अत्यन्त कड़े नियम बना दिये तथा बौद्ध धर्म का साहित्य निश्चित एवं प्रमाणिक बना दिया गया । इसी आधार पर अशोक ने संघ भेद रोकने सम्बन्धी अपनी राजाज्ञा प्रसारित की थी ।

* साँची के लघु स्तम्भ लेख में वह बौद्ध संघ में फूट डालने वाले भिक्षुओं तथा भिक्षुणियों को चेतावनी देता है : - जो कोई भिक्षु- भिक्षुणी संघ को भंग करेगा , वह श्वेत वस्त्र पहना अयोग्य स्थान पर रखा जायेगा । इस प्रकार यह आदेश भिक्षु संघ और  भिक्षुणी संघ में सूचित किया जाना चाहिए क्योंकि मेरी इच्छा है कि संघ समग्र होकर चिरस्थायी हो जाय ।

स्रोत- प्राचीन भारत का इतिहास तथा संस्कृति -  केo सी o श्रीवास्तव

 

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