नमस्कार दोस्तों , इस पोस्ट में UPSC (Prelims) IAS – 2007 – मौर्य
शासनकाल से आये हुए प्रश्नों को व्याख्या सहित हल किया गया है | प्रश्नों का व्याख्या मानक पुस्तकों से लिया गया
है |
छात्रों से अनुरोध है कि वो व्याख्या को भी पढ़ें
क्योंकि ये परीक्षा की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण हैं |
जो Students Civil services, Railway, UPSC, SSC,
Banking, State PSC, CDS, NDA, SSC CGL, SSC CHSL, Patwari, Samvida, Police, SI,
CTET, TET, Army, MAT, CLAT, NIFT, IBPS PO, IBPS Clerk, CET, Vyapam , Lekhpal ,
VDO etc. तथा अन्य प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे है उनके लिए “ IAS Pre 2007 - मौर्य शासनकाल “ के History Quiz रामबाण साबित होगी |
Written by : Arvind Kushwaha
UPSC (Prelims) IAS – 2007 - Solved Questions With Explanations
मौर्य शासनकाल | Mauryan reign (
व्याख्यात्मक हल प्रश्न पत्र )
प्रश्न 1- ब्राह्मी
लिपि को पढ़ने की विधि किसने खोज निकाली थी ?
( a ) जॉन एफ ० फ्लीट
( b ) जेम्स प्रिंसेप
( c ) अलेक्जेण्डर
कनिंघम
( d ) जॉन
मार्शल
उत्तर- ( b ) जेम्स प्रिंसेप
व्याख्या-
प्राचीन भारत के अभिलेखों में मुख्यः
ब्राह्मी , खरोष्ठी , ग्रीक , अरामेइक लिपियों का प्रयोग किया गया है । इनमें से सर्वप्रथम वर्ष 1837 में जेम्स प्रिंसेप नामक विद्वान ने
ब्राह्मी लिपि पढ़ने की विधि खोज निकाली , जिससे
अशोक के अभिलेख पढ़ने आसान हो गए ।
स्त्रोत- प्राचीन भारत- के ० सी ० श्रीवास्तव
प्रश्न 2- मेगस्थनीज
के अनुसार पाटलिपुत्र का नगर एक समिति द्वारा शासित था । इस समिति में कितने सदस्य
थे ?
(a ) दस
(b) पन्द्रह
(c ) तीस
(d ) चालीस
उत्तर- ( c ) तीस
व्याख्या-
* मौर्य युग में प्रमुख नगरों का प्रशासन
नगरपालिकाओं द्वारा चलाया जाता था । नगर शासन के लिए एक सभा होती थी , जिसका प्रमुख नागरक अथवा पुरमुख्य होता
था ।
* मेगस्थनीज ने पाटलिपुत्र की नगरपरिषद् की पाँच - पाँच सदस्यों वाली छः समितियों का उल्लेख किया है । एक
समिति में पाँच सदस्य और नगरपरिषद् में 30 सदस्य
हुआ करते थे ।
स्त्रोत- प्राचीन भारत के ० सी ० श्रीवास्तव
प्रश्न 3- निम्नलिखित
में से किसने कौटिल्य के अर्थशास्त्र की पाण्डुलिपि को सर्वप्रथम खोजा तथा उसका
अध्ययन किया ?
( a ) के० ए० एन० शास्त्री
( b ) वी०
के० थापर
( c ) आर०
शाम शास्त्री
( d ) जेम्स
फर्ग्यूसन
उत्तर- ( c ) आर० शाम शास्त्री
व्याख्या-
* कौटिल्य के अर्थशास्त्र की पाण्डुलिपि
को सर्वप्रथम आर० शाम शास्त्री द्वारा खोजा गया ।
* कौटिल्य द्वारा रचित अर्थशास्त्र को
भारत की राजनीति का पहला ग्रन्थ माना जाता है ।
* अर्थशास्त्र में 15 अधिकरण तथा 180 प्रकरण है ।
* इस ग्रन्थ में श्लोकों की संख्या 4000 बतायी गयी है ।
स्त्रोत प्राचीन भारत के० सी० श्रीवास्तव
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