“ पाचन तंत्र क्या है ? “ को याद करने करने का जबरदस्त TRICK सिर्फ मेरे ब्लॉग पर - मजेदार वाक्यों द्वारा मात्र 1 मिनट में “Digestive System “ याद करें हमेशा के लिए –
जो Students Civil services, Railway, Bank, SSC, UPSSSC,
Police, Army, UPTET, CTET, Group C, Group D
तथा अन्य प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे है उनके लिए “Pachan Tantra ke vibhinn charan “ के Gk Tricks रामबाण साबित होगी
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Written by : Arvind Kushwaha
पाचन - तंत्र ( Digestive system ) : Trick के साथ
Trick -1 : भोजन का पाचन क्रमानुसार
मुख , आमाशय , पक्वाशय , छोटी आंत ,
बड़ी आंत , गुदा द्वार
याद करने का ट्रिक
“मुँह में आम पका है , छोटू बड़ा गधा है “
व्याख्या :
मुँह से हो गया मुख , आम से आमाशय , पका से पक्वाशय , छोटू से छोटी आंत ,
बड़ा से बड़ी आंत , गधा से गुदा द्वार
Trick 2: अग्न्याशय रस में पाए जाने वाले एन्जाइम
1. लाइपेज ( Lipase )
2. ट्रिप्सिन ( Trypsin )
3. एमाइलेज ( Amylase ) :
याद करने का ट्रिक
“ आग में लाइ , ट्री पर माई “
व्याख्या : आग से हो गया अग्न्याशय , लाइ से लाइपेज , ट्री से
ट्रिप्सिन , माइ से एमाइलेज
Trick 3 : छोटी आंत की दीवारों से आंत्रिक रस
निकलता है । इसमें निम्न एन्जाइम होते हैं
1. इरेप्सिन ( Erepsin )
2. लैक्टेज ( Lactase )
3. लाइपेज ( Lipase )
4. माल्टेज ( Maltase ) :
5. सुक्रेज ( Sucrase )
याद करने का ट्रिक :
“ आई love लैला माशूका “
व्याख्या : आ से आंत्रिक रस , इ से इरेप्सिन , लै से लैक्टेज , ला से लाइपेज , मा से माल्टेज , शूका से
सुक्रेज
Trick 4 : आमाशय में निकलने वाले जठर रस में
एन्जाइम होते हैं
* पेप्सिन
* रेनिन
याद करने का ट्रिक :
“ आज पेप्सी का रेन हुआ “
व्याख्या : आ से हो गया आमाशय , ज से जठर रस , पेप्सी से पेप्सिन , रेन से रेनिन
आइये अब हम जानते हैं पाचन तंत्र क्या है और पाचन
के विभिन्न चरण कैसे पूर्ण होते हैं - Step by step
1. मुख में पाचन ( Digestion in mouth ) –
* मनुष्य में भोजन का पाचन मुख से
प्रारम्भ हो जाता है और यह छोटी आंत तक जारी रहता है ।
* मुख में स्थित लार ग्रंथियों से
निकलने वाला एन्जाइम टायलिन भोजन में उपस्थित स्टार्च (Starch) को माल्टोज शर्करा में अपघटित कर देता
है |
* फिर माल्टेज नामक एन्जाइम माल्टोज
शर्करा को ग्लूकोज में परिवर्तित कर देता है ।
* लाइसोजाइम नामक एन्जाइम भोजन में
उपस्थित हानिकारक जीवाणुओं को नष्ट कर देता है ।
इसके बाद भोजन आमाशय में पहुंचता है ।
2. अमाशय ( Stomach ) में पाचन
* आमाशय में भोजन लगभग चार घंटे तक रहता
है । भोजन के आमाशय में पहुंचने पर पाइलोरिक ग्रंथियों से जठर रस ( Gastric juice ) निकलता है । यह हल्के पीले रंग का अम्लीय द्रव
होता है|
* आमाशय के आक्सिन्टिक कोशिकाओं से
हाइड्रोक्लोरिक अम्ल निकलता है , जो
भोजन के साथ आए हुये जीवाणुओं को नष्ट कर देता है तथा एन्जाइम की क्रिया को तीव्र
कर देता है ।
* आमाशय में निकलने वाले जठर रस में
एन्जाइम होते हैं
पेप्सिन एवं रेनिन
* पेप्सिन प्रोटीन को खंडित कर सरल
पदार्थो ( पेप्टोन्स ) में परिवर्तित कर देता है
* रेनिन दूध की घुली हुई प्रोटीन
केसीनोजेन ( Caseinogen )
को ठोस प्रोटीन
कैल्शियम पैराकेसीनेट ( Casein
) के रूप
में बदल देता है ।
3. पक्वाशय ( Duodenum ) में पाचन :
* भोजन को पक्वाशय में पहुँचते ही
सर्वप्रथम इसमें यकृत ( liver
) से
निकलने वाला पित्त रस ( bileduct
) आकर
मिलता है ।
* पित्त रस क्षारीय होता है और यह भोजन
को अम्लीय से क्षारीय बना देता है ।
* यहाँ अग्न्याशय से अग्न्याशय रस आकर
भोजन में मिलता है , इसमें तीन प्रकार के एन्जाइम होते हैं
1. ट्रिप्सिन ( Trypsin
) : यह
प्रोटीन एवं पेप्टोन को पॉलीपेप्टाइड्स तथा अमीनो अम्ल में परिवर्तित करता है ।
2. एमाइलेज ( Amylase
) : यह मांड
( starch ) को घुलनशील शर्करा ( sugar ) में परिवर्तित करता है ।
3. लाइपेज ( Lipase
) : यह
इमल्सीफाइड वसाओं को ग्लिसरीन तथा फैटी एसिड्स में परिवर्तित करता है ।
4. छोटी आँत ( Small Intestine ) में पाचन :
* यहाँ भोजन के पाचन की क्रिया पूर्ण
होती है एवं पचे हुए भोजन का अवशोषण होता है ।
* छोटी आंत की दीवारों से आंत्रिक रस
निकलता है । इसमें निम्न एन्जाइम होते हैं
1. इरेप्सिन ( Erepsin
) : शेष
प्रोटीन एवं पेप्टोन को अमीनो अम्ल में परिवर्तित करता है ।
2. माल्टेज ( Maltase
) : यह
माल्टोज को ग्लूकोज में परिवर्तित करता है ।
3. सुक्रेज ( Sucrase
) : सुक्रोज
( sucrose ) को ग्लूकोज एवं फुकटोज में परिवर्तित
करता है ।
4. लैक्टेज ( Lactase
) : यह
लैक्टोज को ग्लूकोज एवं गैलेक्टोज में परिवर्तित करता है ।
5. लाइपेज ( Lipase
) : यह
इमल्सीफाइड वसाओं को ग्लिसरीन तथा फैटी एसिडस में परिवर्तित करता है । -
* आंत्रिक रस क्षारीय होता है ।
* स्वस्थ मनुष्य में प्रतिदिन लगभग 2 लीटर आंत्रिक रस स्रावित होता है ।
a. अवशोषण ( Absorption
) :
पचे हुए भोजन का रुधिर में पहुँचना
अवशोषण कहलाता है । पचे हुए भोजन का अवशोषण छोटी आंत की रचना उद्धर्घ ( villi ) के द्वारा होती है ।
b. स्वांगीकरण ( Assimilation )
अवशोषित भोजन का शरीर के उपयोग में
लाया जाना स्वांगीकरण कहलाता है ।
5. बड़ी आँत एवं मल - परित्याग ( Deforcation ) :
अपच भोजन बड़ी आँत में पहुँचता है , जहाँ जीवाणु इसे मल में बदल देते हैं , जिसे गुदा ( anus ) द्वारा बाहर निकाल दिया जाता है ।
स्वाभाविक रूप से आपके पाचन में सुधार करने के तरीके
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