ऑक्सीजन
- ऑक्सीजन हमारे लिए किस प्रकार उपयोगी है ? हमारी धरती के वायुमंडल में यदि ऑक्सीजन न होती तो कोई भी प्राणी जीवित नहीं रह पाता । ऑक्सीजन की अनुपस्थिति में कोई वस्तु जल भी नहीं सकती । आदमी तो क्या पेड़ - पौधे और जल में रहने वाले जीव - जन्तु भी ऑक्सीजन के बिना जीवित नहीं रह सकते । इसीलिए ऑक्सीजन को जीवनदायिनी गैस कहना गलत न होगा ।
- क्या आप जानते हो कि यह ऑक्सीजन गैस क्या है और हमारे लिए यह इतनी जरूरी क्यों है ? ऑक्सीजन एक गैस है । सबसे पहले इसकी खोज कार्ल स्कीले ( Carl Scheele ) और प्रीस्टले ने की थी । यह एक रंगहीन , स्वादहीन तथा गंधरहित गैस है । वायुमंडल में 21 प्रतिशत ऑक्सीजन है और शेष भाग में नाइट्रोजन व अन्य गैसें हैं । पृथ्वी की पपड़ी में यह धातुओं के आक्साइड़ों के रूप में संयुक्त अवस्था में 50 % तक पाई जाती है । - 183 डिग्री सेंटीग्रेड पर ऑक्सीजन को द्रव अवस्था में परिवर्तित कर सकते हैं । द्रव अवस्था में इसका रंग हल्का नीला हो जाता है । - 218 . 4 डिग्री सेंटीग्रेड पर इसे ठोस अवस्था में भी परिवर्तित कर सकते हैं ।
- प्रयोगशाला में यह पोटैशियम क्लोरेट और मैंगनीज डाइऑक्साइड के मिश्रण को गर्म करके प्राप्त की जाती है । वायुमंडल से हवा के आंशिक द्रवीकरण की विधि से इसे प्राप्त किया जाता है । हवा पर वायुमंडल के दबाव से लगभग 200 गुना अधिक दबाव डालकर इसे एक छोटे छिद्र द्वारा एक कोष्ठ में निकाल दिया जाता है । दबाव एकाएक घटता है और हवा ठंडी हो जाती है । द्रवीभूत होकर यह कोष्ठ में इकट्ठा होने लगती है । इसमें से नाइट्रोजन को विशेष विधि से अलग कर लेते हैं और ऑक्सीजन द्रव रूप में शेष रह जाती है ।
- ऑक्सीजन को एसीटिलीन गैस के साथ जलाकर उच्च तापमान की लौ प्राप्त की जाती है , जो धातुओं के जोडने और काटने के काम आती है । मिसाइलों , रॉकेटों और अंतरिक्षयानों को आकाश में ऊंचाई पर भेजने में ऑक्सीजन को ईंधन के रूप में प्रयोग में लाते हैं । रोगियों का दम घुटने पर ऑक्सीजन से कृत्रिम सांस दी जाती है । पहाड़ों पर चढ़ने और समुद्र की गहराइयों में जाने में भी ऑक्सीजन को सांस लेने के लिए इस्तेमाल किया जाता है । इसी से हमारे शरीर में भोजन का ऑक्सीकरण होता हैं , जिससे हमें उर्जा मिलती है । ऑक्सीजन की मदद से ही हम आग जलाते हैं और इससे ही पानी में रहने वाले प्राणी सांस लेकर जीवित रहते हैं ।
- शुद्ध ऑक्सीजन में हम सांस नहीं ले सकते , क्योंकि वह हमारी कोशिकाओं को हानि पहुंचाती है । सास लेने के लिए ऑक्सीजन में नाइट्रोजन आदि अन्य गैसों का मिला होना जरूरी है । ताजी हवा में हमें स्वस्थ रखने के लिए भरपूर ऑक्सीजन होती है । अत : ताजी हवा पाने के लिए हमें घर के दरवाजे और खिड़कियां खुली रखनी चाहिए । और मुंह ढककर नहीं सोना चाहिए । | भीड में हम इसलिए व्याकुल होने लगते हैं , क्योंकि वहां की हवा में ऑक्सीजन की कमी हो जाती है । जाड़े के दिनों में कमरे के भीतर जलती अंगीठी रखकर नहीं सोना चाहिए क्योंकि कोयले के जलने से कमरे की ऑक्सीजन , कार्बन डाइऑक्साइड और कार्बन मोनोआक्साइड में परिवर्तित हो जाती है । कार्बन मोनोआक्साइड विषैली गैस है , जो स्वास्थ्य के लिए बहुत हानिकारक है ।
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