*

UPPCS Prelims 2003 – bhaarat ke praacheen dharm | बौद्ध , जैन , वैष्णव ( भागवत ) , शैव - Solved Paper in Hindi

उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग प्रारंभिक परीक्षा - 2003 

भारत के प्राचीन धर्म - Buddhist, Jain, Vaishnava (Bhagavata), Shaiva  

व्याख्यात्मक हल प्रश्न पत्र )

 

प्रश्न- बुद्ध ने किसकी इच्छा को ध्यान में रखकर स्त्रियों को संघ में प्रवेश की अनुमति दी थी :

( a ) प्रजापति गौतमी

( b ) माया

( c ) आम्रपाली

( d ) यशोधरा

 

उत्तर ( a ) प्रजापति गौतमी

* वैशाली में बुद्ध ने प्रथम बार महिलाओं को भी अपने संघ में प्रवेश करने की अनुमति प्रदान की तथा भिक्षुणियों का संघ स्थापित हुआ ।

* संघ में प्रवेश पाने वाली प्रथम महिला बुद्ध की सौतेली माँ प्रजापति गौतमी थी जो शुद्धोधन की मृत्यु  के बाद कपिलवस्तु से चलंकर वहाँ पहुँची थी ।

* बुद्ध पहले तो महिलाओं को संघ में लेने के विरोधी थे किन्तु गौतमी के अनुनय - विनय करने तथा अपने प्रिय शिष्य आनन्द के आग्रह पर उन्होंने इसकी अनुमति प्रदान कर दिया ।

 

प्रश्न- वज्रयान बौध धर्म में बोधिसत्व की पत्नी को किस नाम से जाना जाता है :

( a ) मातंगी

( b ) योगिनी

( c ) डाकिनी

( d ) तारा

 

उत्तर ( d ) तारा

* ईसा की पाँचवी या छठी शताब्दी से बौद्ध धर्म के ऊपर तंत्र - मंत्रों का प्रभाव बढ़ने लगा था जिसके फलस्वरूप ब्रजयान नामक नये सम्प्रदाय का जन्म हुआ । इसमें मंत्रो तथा  तांत्रिक क्रियाओं द्वारा मोक्ष प्राप्त करने का विधान प्रस्तुत किया गया है ।

* इसमें तारा आदि देवियों को महत्व प्रदान किया गया जो बुद्ध एवं बोधिसत्वों की पत्नियाँ थी ।

 

प्रश्न- प्रारंभिक जैन धर्म का इतिहास किस ग्रन्थ में मिलता है :

( a ) भगवती सूत्र में

( b ) कल्प सूत्र में

( c ) परिशिष्टपर्वन में

( d ) उक्त सभी में

 

उत्तर ( b ) कल्प सूत्र में

* जैन धर्म का इतिहास कल्पसूत्र से ज्ञात होता है । जिसकी रचना भद्रबाहु ने की थी ।

 

प्रश्न- जैन धार्मिक ग्रन्थ अंगों का संकलन सर्वप्रथम किस संगीति के अन्तर्गत् किया गया था :

( a ) वल्लभ

( b ) पाटलिपुत्र

( c ) वैशाली

( d ) मथुरा

 

उत्तर ( b ) पाटलिपुत्र

* महावीर स्वामी की मृत्यु के लगभग 160 वर्षी पश्चात् ई० पू० 30 के लगभग अपनी विच्छृंखल धर्म परम्पराओं को संग्रहीत और संगठित करने के हेतु जैन भिक्षुओं ने पाटलिपुत्र में अपनी प्रथम धर्म संगीति का आयोजन किया ।

* इसकी अध्यक्षता स्थूलभद्र ने की थी । इसमें 12 अंगों में जैन सिद्धांतों का संकलन किया गया ।

* भद्रबाहु के अनुयायियों ने इस समिति को अस्वीकार कर दिया ।

 

प्रश्न- भागवत धर्म के प्रवर्त्तक कृष्ण के गुरु थे :

( a ) घोर अंगिरस

( b ) वसुदेव

( c ) संकर्षण

( d ) प्रद्युम्न

 

उत्तर ( a ) घोर अंगिरस

 

प्रश्न- निम्नलिखित में से पाशुपत सम्प्रदाय का प्रवर्तक कौन था :

( a ) लकुलीश

( b ) कुशिक

( c ) गार्ग्य

( d ) सुबन्धु

 

उत्तर ( a ) लकुलीश

* पाशुपत सम्प्रदाय शैवों का सबसे प्राचीन सम्प्रदाय है जिसकी उत्पत्ति ई० पू० दूसरी शती में हुई थी । पुराणों के अनुसार इस सम्प्रदाय की स्थापना लकुलीश अथवा लकुली नामक ब्रह्मचारी ने की थी ।

* इस सम्प्रदाय के अनुयायी लकुलीश को शिव का अवतार मानते हैं

 

प्रश्न- ' नयनार ' कौन थे :

( a ) शैवधर्मावलम्बी

( b ) शाक्त

( c ) वैष्णवधर्मी

( d ) सूर्योपासक

 

उत्तर ( a ) शैवधर्मावलम्बी

* उत्तर भारत के साथ ही साथ दक्षिण भारत में भी शैव धर्म का प्रचार - प्रसार किया गया । दक्षिण भारत में शैव धर्म का प्रचार नयनार सन्तों द्वारा किया गया ।

* नयनार सन्तों की संख्या 63 बतायी गयी है जिनमें अप्पार , तिरूज्ञान , सम्बन्दर , सुन्दर मूर्ति , मणिवक , वाचगर आदि का नाम उल्लेखनीय है ।


कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें