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GK TRICK - राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त की रचनाएं | maithili sharan gupt ki rachna

मैथिलीशरण गुप्त की रचनाओं को याद करने करने का जबरदस्त TRICK सिर्फ मेरे ब्लॉग पर   - दोहे और  वाक्यों द्वारा  इनके द्वारा रचित  नाटक , काव्यसंग्रह    मात्र 1  मिनट  में याद करें हमेशा के लिए -
Written by : Arvind Kushwaha


नमस्कार दोस्तों , AKWEBCLASS  में आपका स्वागत है  |  प्रतियोगी परीक्षा में हिंदी साहित्य Section  में  " लेखक की रचनाओं "  से कई  प्रश्न  पूछे जाते हैं |  इस  Article में हम Maithili sharan Gupt  की रचनाओं को एकदम आसान Magical Trick द्वारा चुटकियों में याद करेंगे | 
जो Students Civil services, Railway, Bank, SSC, UPSSSC, Police, Army, UPTET, CTET, Group C, Group D   तथा अन्य प्रतियोगी  परीक्षा की तैयारी कर रहे है उनके लिए    यह  Trick  रामबाण साबित होगा  |

राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त हिन्दी के प्रसिद्ध कवि थे। उन्हें साहित्य जगत में 'दद्दानाम से भी जाना जाता  था । हिन्दी साहित्य के इतिहास में वे खड़ी बोली के प्रथम महत्त्वपूर्ण कवि हैं | उनकी कृति भारत-भारती (1912)  भारत के स्वतन्त्रता संग्राम के समय में काफी महत्वपूर्ण एवं लाभकारी  सिद्ध हुई थी और और इसी वजह से  राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने उन्हें 'राष्ट्रकवि' की पदवी दी थी । उनकी जयन्ती 3 अगस्त को प्रति  वर्ष कवि दिवस' के रूप में मनाया जाता है । सन 1954 में भारत सरकार ने उन्हें पद्मभूषण पुरस्कार  से सुशोभित किया था ।
इस सेक्शन में हम उनके द्वारा कृत महाकाव्य , खंड काव्य और  नाटक को याद करेंगे | आइये अब उनके रचनाओं को जबरदस्त ट्रिक द्वारा हमेशा के लिए याद करें -

  • महाकाव्य- 
साकेतयशोधरा

याद करने का ट्रिक देखें : 

" शरण में महा साया "

Explanation :

शरण   - मैथिलीशरण 
महा    - महाकाव्य 
सा     - साकेत 
या     - यशोधरा 


  • खण्डकाव्य- 
जयद्रथ वध,  भारत-भारती,  पंचवटी,  द्वापर, सिद्धराज, नहुष, अंजलि और अर्घ्य, अर्जन और विसर्जन, काबा और कर्बला, किसा, कुणाल गी, गुरु तेग बहादुर, गुरुकुल , जय भारत, युद्ध,  झंकार ,  पृथ्वीपुत्र,  वक संहा , शकुंतला,  विश्व वेदना, राजा-प्रजा,   विष्णुप्रिया,  उर्मिलालीला


याद करने का Trick देखें 

" जयद्रथ राजा ने , युद्ध किया 
द्वापर में गुरु को , अर्ध्य दिया 
शक था विष्णु की , लीला में 
भारत के वटी , कबीला में 
नहुष ने कैसा संहार किया 
उर्मि ने क्यों  झंकार किया 
सिद्ध है भारत वेदों में  
करो पुत्र विसर्जन गेंदों में  "

Explanation  देखें 
जयद्रथ     -     जयद्रथ वध
राजा       -     राजा-प्रजा
युद्ध              -           युद्ध
द्वापर      -      द्वापर
गुरु       -      गुरुकुल
अर्ध्य          -             अंजलि और अर्घ्य
शक       -      शकुंतला
विष्णु      -      विष्णुप्रिया
लीला            -            लीला
भारत      -      भारत-भारती
वटी        -      पंचटी
कबीला           -            काबा और कर्बला
नहुष               -           नहुष
कैसा        -     किसा
संहार        -     वक संहा
उर्मि         -     उर्मिला
झंकार        -     झंकार
सिद्ध         -     सिद्धराज
भारत         -    जय भारत
वेदों                   -         विश्व वेदना
करो          -    कुणाल गी
पुत्र           -    पृथ्वीपुत्र
विसर्जन       -    अर्जन और विसर्जन




  • नाटक –

रंग में भंग , राजा-प्रजा  विरहिणी , सैरन्ध्री, स्वदेश संगीतहिड़िम्बा हिन्दू , चंद्रहास


याद करने का Trick :

" राजा प्रजा करे ,
देश के रंग में भंग 
चंदा हँसे विरहिणी पर 
हिंदू सैर करे ,हिडिम्बा संग "

Explanation देखें 

राजा प्रजा    -    राजा-प्रजा
देश          -   स्वदेश संगीत
रंग में भंग    -   रंग में भंग
चंदा हँसे      -   चंद्रहास
विरहिणी      -   विरहिणी
हिंदू          -   हिन्दू
सैर           -   सैरन्ध्री
हिडिम्बा       -   हिडिम्बा 



वैधानिक चेतावनी :
मेरे द्वारा बनाया गया ट्रिक " Maithili Sharan Gupt  ki rachnaye "  सिर्फ Students के लिए है | कोई भी सज्जन इसे अपने  पुस्तक, ब्लॉग या वेबसाईट और Youtube  पर Republish करने का प्रयत्न न करे अन्यथा कानूनी हर्जे खर्चे का स्वयं जिम्मेदार होगा 

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