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Saraswati Nadi : Indian Geography

Saraswati Nadi : Indian Geography
Saraswati Nadi

सरस्वती का अर्थ होता है , सरसयानी जिसमें जल हो तथा वतीयानी वाली अर्थात जलवाली | 



हम सदियों से गंगा यमुना और सरस्वती का नाम एक साथ लेते रहे हैं और यह भी मानते हैं कि तीनों नदियाँ इलाहाबाद के पास मिलती  हैं, लेकिन भौगोलिक रूप से केवल गंगा और यमुना दो नदियाँ हैंमिलती , सरस्वती नदी तो अदृश्य रूप में ही होती है |

सरस्वती नदी का उदगम

सरस्वती नदी को अन्नवती और उदकवती के रूप में भी जाना जाता  है। 
यह नदी हमेशा पानी से भरी रहती थी और इसके किनारों पर भोजन की प्रचुर उत्पत्ति होती थी। कहा जाता है कि यह नदी, पंजाब में सिरमौर राज्य के पहाड़ी हिस्से से निकलती है और अंबाला और कुरुक्षेत्र से गुजरते हुए करनाल जिले और पटियाला राज्य में प्रवेश करती है और सिरसा जिले की द्रिशवती (कांगर) नदी में विलीन हो जाती है।महाभारत में प्राप्त विवरण के अनुसार, सरस्वती की उत्पत्ति आदि बद्री नामक स्थान से हुई, जो हरियाणा के यमुनानगर से थोड़ा ऊपर और शिवालिक पहाड़ियों से थोड़ा नीचे है। आज भी लोग इस स्थान को तीर्थस्थल मानते हैं और वहां जाते हैं।

सरस्वती नदी का विलुप्त होने का कारण

वैज्ञानिक और भूगर्भीय खोजों से पता चला है कि किसी समय में भयंकर भूकंप आया था, जिसके कारण पहाड़ ऊपर उठ गए और सरस्वती नदी का पानी पीछे की ओर चला गया।