ये हैं नोबेल पुरस्कार विजेता 10 भारतीय, |
जानें अभिजीत
बनर्जी से पहले किस-किसको मिला नोबेल पुरस्कार
अब तक, भारत से संबंधित दस लोगों को विभिन्न श्रेणियों में नोबल पुरस्कार मिले हैं। आप जानना चाहेंगे उन्हें ?
Ten Indians who won Nobel Prize
रविंद्रनाथ टैगोर
रविंद्रनाथ टैगोर |
रवींद्रनाथ टैगोर
का जन्म 7 मई 1861 को हुआ था। वह एक
कवि, कहानीकार, गीतकार, संगीतकार, नाटककार, निबंधकार और
चित्रकार थे। टैगोर (रवींद्रनाथ टैगोर) को गुरुदेव के नाम से भी जाना जाता है।
रवींद्रनाथ साहित्य के लिए नोबेल पुरस्कार प्राप्त करने वाले पहले भारतीय थे।
उन्हें उनकी कविताओं की पुस्तक गीतांजलि के लिए साहित्य का 1913 का नोबेल
पुरस्कार दिया गया था।
टैगोर भारत के
पहले नोबेल पुरस्कार विजेता थे, जिन्हें साहित्य के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए इस
पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
1913 में जब टैगोर को
यह सम्मान मिला, तो वह यह
पुरस्कार पाने वाले पहले गैर-यूरोपीय थे।
सी वी रमन
सीवी रमन |
1888 में मद्रास में पैदा हुए, सीवी रमन का योगदान भौतिकी के विषय में था और उन्होंने प्रकाश से संबंधित प्रभावों की खोज कि जिसे रमन प्रभाव के नाम से जाना जाता है |
उन्हें 1930 में भौतिकी के क्षेत्र में यह पुरस्कार दिया गया था।
हरगोविंद खुराना
हरगोविंद खुराना |
प्रख्यात भारतीय
मूल के वैज्ञानिक हरगोविंद खुराना को 1968 में चिकित्सा के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार
मिला।
खुराना का शोध इस
विषय पर था कि शरीर पर एंटी-बायोटिक का किस तरह का प्रभाव होता है। पंजाब, भारत में जन्मे, खुराना ने बाद
में अमेरिका के प्रसिद्ध एमआईटी संस्थान में अध्ययन किया और अमेरिका में बस गए।
मदर टेरेसा
मदर टेरेसा |
अल्बानिया में जन्मी मदर टेरेसा को 1979 में नोबेल शांति पुरस्कार मिला। 1928 में वह आयरलैंड की एक संस्था लोरेटो सिस्टर्स में शामिल हुईं और 1929 में एक मिशनरी के रूप में कोलकाता आ गईं। उन्होंने बेसहारा और बेघर लोगों की बहुत मदद की। गरीबों और बीमारों की सेवा के लिए उन्होंने मिशनरीज़ ऑफ चैरिटी और निर्मल हृदय नामक एक संगठन का गठन किया जो कुष्ठ रोगियों, मादक पदार्थों और पीड़ितों के लिए है। यह संस्थान उनकी गतिविधियों का केंद्र बन गया।
मदर टेरेसा अपनी मृत्यु तक कोलकाता में ही रहीं | आज भी उनकी संस्था गरीबों एवं असहायों के लिए काम कर रही है।
सुब्रह्मण्यम चंद्रशेखर
सुब्रह्मण्यम चंद्रशेखर |
भौतिकी के लिए 1983 के नोबेल पुरस्कार के विजेता, डॉ. सुब्रह्मण्यम चंद्रशेखर, भौतिक विज्ञानी थे। उनकी शिक्षा चेन्नई के प्रेसीडेंसी कॉलेज में हुई। वह नोबल पुरस्कार विजेता सर सी.वी. रमन के भतीजे थें । चंद्रशेखर बाद में अमेरिका चले गए, जहां उन्होंने खगोल विज्ञान और सौर मंडल से संबंधित विषयों पर कई किताबें लिखीं।
चंद्रशेखर का जन्म 1910 में लाहौर में हुआ था | उन्होंने संयुक्त राज्य अमेरिका में अध्ययन किया था। उनका विषय एस्ट्रोफिजिक्स था और उन्हें 1983 में सितारों के आकार और कैसे सितारे बने, इस पर सैद्धांतिक रिसर्च के लिए नोबेल पुरस्कार मिला।
अमर्त्य सेन
अमर्त्य सेन |
प्रोफेसर अमर्त्य सेन अर्थशास्त्र के लिए 1998 का नोबेल पुरस्कार प्राप्त करने वाले पहले एशियाई हैं। शांतिनिकेतन में पैदा हुए इस विद्वान अर्थशास्त्री ने लोक कल्याणकारी अर्थशास्त्र की अवधारणा दी है। उन्होंने कल्याण और विकास के विभिन्न पहलुओं पर कई किताबें लिखी हैं। उन्होंने गरीबी और भूख जैसे विषयों पर बहुत गंभीरता से लिखा है। उन्होंने 1974 में बांग्लादेश में पड़े अकाल पर भी अपने विचार व्यक्त किये है।
भारतीय मूल के अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन को उनकी किताब द आर्गुमेंटेटिव इंडियन के लिए अच्छी तरह से जाना जाता था, लेकिन अर्थशास्त्र में उनका काम उल्लेखनीय रहा है।
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वी.ए.एस. नायपॉल
नायपॉल |
त्रिनिदाद और
टोबैगो में जन्मे, विद्याधर सूरज नायपाल के पूर्वज गिरमिटिया मजदूर के रूप में गोरखपुर से त्रिनिदाद गए ।
नायपॉल के
उपन्यासों में भारत को बहुत महत्व दिया गया था, लेकिन भारत के
प्रति उनका रवैया भी विवादित था।
ब्रिटेन में बसे
नायपॉल को साहित्य के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए 2001 में नोबेल से
सम्मानित किया गया था।
आरके पचौरी
राजेंद्र पचौरी |
राजेंद्र पचौरी का काम पर्यावरण के क्षेत्र में था और वे लंबे समय से टीईआरआई (टाटा एनर्जी रिसर्च इंस्टीट्यूट) से जुड़े हुए थे।
उनके शोध पत्र जलवायु परिवर्तन पर थे और उन्होंने 2007 में संयुक्त राष्ट्र की जलवायु परिवर्तन समिति के साथ शांति के लिए नोबेल प्राप्त किया।
वेंकट रामकृष्णन
वेंकट रामकृष्णन |
भारतीय मूल के
वेंकट रामकृष्णन का जन्म मदुरै में हुआ था । 2009 में, उन्हें राइबोसोम
की संरचना और कार्यप्रणाली के क्षेत्र में
अनुसंधान के लिए रसायन विज्ञान के लिए नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
कैलाश सत्यार्थी
कैलाश |
कैलाश सत्यार्थी
को 2014 का नोबेल शांति पुरस्कार मिला है। कैलाश को यह पुरस्कार
बच्चों के लिए किए गए उनके काम को देखते हुए दिया गया है।
अभिजीत बनर्जी
अभिजीत बनर्जी |
2019 के नोबेल
को भारतीय मूल के अभिजीत बनर्जी, उनकी पत्नी एस्थर डुफ्लो और माइकल क्रेमर को
दिया गया है। अभिजीत, एस्तेर और माइकल को वैश्विक गरीबी को कम करने
की दिशा में उनके प्रयासों के लिए यह पुरस्कार दिया गया है। अभिजीत का जन्म 21 फरवरी 1961 को कोलकाता में
हुआ था। उनकी मां निर्मला बनर्जी सेंटर फॉर स्टडीज इन सोशल साइंसेज, कोलकाता में
प्रोफेसर थीं। पिता दीपक बनर्जी प्रेसीडेंसी कॉलेज में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर
थे।
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