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Akabar से सम्बन्धित Exam में पूछे जाने वाले Indian History के महत्वपूर्ण तथ्य : GK History

 अकबर: A Great Mughal  Emperor
अकबर से सम्बन्धित Exam में पूछे जाने वाले  भारतीय इतिहास के महत्वपूर्ण तथ्य 



जन्म
·        15 अक्टूबर , 1542 ई०
·        अमरकोट मे राणा वीरसाल के महल मे


राज्याभिषेक
·        14 फरवरी , 1556 ई०
·        पंजाब के गुरुदासपुर  जिले मे कालानौर नामक स्थान पर




संरक्षक
·        बैरम खां ( 1556 ई०  से 1560 ई० तक )

मकबरा
·        सिकंदरा ( आगरा )

राजकीय भाषा
·        फारसी

मृत्यु
·         21 अक्टूबर ,1605 ई० ( अतिसार रोग से )

अकबर द्वारा लड़े गए प्रमुख युद्ध
पानीपत का द्वितीय युद्ध
नवम्बर , 1556 ई०
मुगलो और हेमू के मध्य , जिसमे हेमू की पराजय हुई

हल्दीघाटी का युद्ध
18  जून , 1576
मुगलों और महाराणा प्रताप के मध्य , जिसमे प्रताप की  पराजय हुई | इस युद्ध मे मुगल सेना का नेतृत्व राजा मानसिंह ने किया  


प्रमुख निर्माण कार्य
·        बुलन्द दरवाजा का निर्माण – फतेहपुर सीकरी  – 1601 ई० मे
·        आगरा का किला
·        आगरा के किले मे जहाँगीरी महल
·        सिकंदरा मे अकबर का मकबरा ( निर्माण कार्य स्वयं अकबर ने प्रारंभ करवाया बाद मे अकबर की मृत्यु के बाद जहाँगीर ने निर्माण कार्य पूरा करवाया ) | इसकी बनावट बौद्ध विहार जैसी है |
·        पंचमहल – इसका नक्शा  बौद्ध विहार की तरह है
·        जोधाबाई का महल – फतेहपुर सीकरी
·        मरियम की कोठी  - फतेहपुर सीकरी
·        बीरबल का महल  -  फतेहपुर सीकरी
·        जामा मस्जिद    -   फतेहपुर सीकरी
·        शेख सलीम चिश्ती का मकबरा - फतेहपुर सीकरी
·        इस्लामशाह का मकबरा - फतेहपुर सीकरी



अन्य प्रमुख कार्य
·        अकबर ने 1562 ई० मे दास प्रथा समाप्त किया तथा बलपूर्वक इस्लाम स्वीकार कराने पर प्रतिबन्ध लगा दिया

·        1563 ई० मे हिंदुओं पर लगने वाला तीर्थ यात्रा कर समाप्त किया

·        1564 ई० को गैर मुस्लिमों पर लगने वाला जजिया कर समाप्त किया

·        अकबर ने 1567 ई० मे मनसबदारी प्रथा प्रारम्भ की

·        फतेहपुर सीकरी की स्थापना एवं राजधानी का आगरा से फतेहपुर स्थानांतरण

·        घोड़ों को दागने की प्रथा 1573  मे शुरू हुआ

·        अकबर ने धार्मिक चर्चा और विचार विमर्श के लिए 1575 ई० फतेहपुर सीकरी मे  इबादतखाना बनवाया | इबादतखाना मे बादशाह की अध्यक्षता मे सैयद, शेख और उलेमा धर्मिक चर्चा किया करते थें | अक्टूबर 1578 ई० मे सभी धर्म के लोगों के लिए इबादतखाने मे आने की स्वीकृति मिल गयी |

·        प्रान्तों के गठन की शुरुआत 1580 ई० से प्रारंभ हुआ | अकबर के शासनकाल मे प्रान्तों की संख्या 15 थी

·        1582  ई० मे दीन-ए-इलाही धर्म की स्थापना की दीन-ए-इलाही का पुरोहित अबुल फजल था

·        1583 ई० मे इलाही संवत की शुरुआत

·        अनुवाद विभाग की स्थापना



अकबर से सम्बंधित व्यक्ति
·        अकबर के समय के प्रसिद्ध चित्रकार  अब्दुसमद , दसवंत , बसावन थें

·        बसावन व्यंग चित्रों का विशेषज्ञ था

·        चित्रकार ‘ अब्दुसमद ‘ को अकबर ने मुल्तान का दीवान नियुक्त किया था | अब्दुसमद को हुमायू ने शीरी कलम की उपाधि दी थी

·        बीरबल  दीन-ए-इलाही धर्म स्वीकार करने वाला प्रथम एवं अन्तिम हिंदू था | बीरबल का वास्तविक नाम महेश दास था | अकबर ने बीरबल को कवि-प्रिय की उपाधि दी थी | बीरबल युसूफजाइयों के विद्रोह को दबाते समय मारे गए

·        अकबर ने जैन धर्म के हरिविजय सूरी को जगतगुरु की उपाधि दी थी

·        अकबर के दीवान राजा टोडरमल ने 1580 ई० मे ‘ दहसाला बंदोबस्त ‘ लागू किया

·        फैजी के निर्देशन मे महाभारत का फारसी भाषा मे ‘ रज्मनामा ‘ नाम से अनुवाद बदायूनी , नकीब खां , एवं अबुल फजल  ने किया था

·        पंचतंत्र का फारसी मे अनुवाद अबुल फजल ने किया

·        ‘अकबरनामा ‘ पुस्तक अबुल फजल ने लिखा था | अकबरनामा तीन भागों मे है जिसमे तीसरे भाग को ‘आइन-ए-अकबरी’ कहा जाता है

·        ‘नल-दमयंती ‘ की कहानी का फारसी मे अनुवाद फैजी ने किया था

·        फैजी ने गणित की पुस्तक ‘ लीलावती ‘ का फारसी मे अनुवाद किया

·        अकबर का राज कवि फैजी था जिसे अकबर ने ‘मलिक-उश-शोहरा ‘ कविराज की उपाधि दी थी

·        अब्दुल कादिर बदायूनी ने रामायण का फारसी मे अनुवाद किया था

·        अकबर के शासकाल के प्रारंभ मे महेश ठाकुर ने ‘ सर्वदेश वृतांत संग्रह ‘ नामक संस्कृत पुस्तक की रचना की जिसमे अकबर का वर्णन मिलता है

·        1579 ई० मे शेखमुबारक ने मजहर ‘ घोषणा पत्र ‘ लिखा जिसमे अकबर को नागरिक और धार्मिक मामलों का निर्णायक घोषित किया गया

·        तुलसीदास अकबर के समकालीन थें परन्तु अकबरनामा मे तुलसीदास का विवरण नहीं मिलता है

·        अकबर के पुत्रों  शहजादा मुराद और दानियाल की मृत्यु अत्यधिक मद्यपान करने से हुई

·        अकबर की उपमाता माहम अनगा ने दिल्ली मे ‘ खैरुल मनाजिल ‘ नामक मदरसे का निर्माण कराया था


अकबर के दरबार के नवरत्न
·        बीरबल                         हकीम खां            
·        मुल्ला दो प्याजा                 फैजी
·        राजा मानसिंह                   अबुल फजल
·        अब्दुल रहीम खानखाना            तानसेन
·        टोडरमल


अन्य तथ्य
       अकबर ने गुजरात विजय की स्मृति मे फतेहपुर सीकरी मे बुलन्द दरवाजा का निर्माण कराया


       अकबर का अन्तिम विजय अभियान असीरगढ़ विजय अभियान था


      हिंदी साहित्य को अकबर ने बहुत प्रोत्साहित किया इसलिए अकबर के काल को हिंदी साहित्य का स्वर्ण युग कहा जाता है


      अकबर ने राम सीता की आकृतियों से युक्त सिक्के चलाया


      अकबर ने सती प्रथा का विरोध किया


       अकबर के शासनकाल मे भारत आने वाला यात्री मान्डेल्सलो  था


     अकबर ने अपने शासनकाल के आठवें वर्ष मे दीवान-ए-वजीरत-ए-कुल का नया पद बनाया और उस पर मुजफ्फर खां को नियुक्त किया


      अकबर की मृत्यु के बाद उसे आधिकारिक रूप से अर्श आशियानी अर्थात स्वर्ग मे रहने वाला कहा गया


      अकबर ने स्वर्ण मन्दिर के निर्माण के लिए गुरु रामदास को 500 बीघा जमीन दी थी | अकबर ने एक वर्ष के लिए पंजाब मे लगान भी माफ कर दिया था

    अकबर ने एक साथ दो दो प्रधानमंत्री नियुक्त किये जाने की पद्धति स्थापित की | उसने 1560 ई०  मे दिल्ली के सूबेदार सिहाबुद्दीन तथा माहम अनगा को प्रधानमंत्री नियुक्त किया


     अकबर के शासनकाल मे प्रचलित चौकोर चांदी के सिक्के को जलाली कहा जाता था | स्वर्ण का सबसे प्रचलित सिक्का इलाही था जो दस रुपये के बराबर होता था | स्वर्ण का सबसे बड़ा सिक्का शंसब था |


      डा० स्मिथ के अनुसार दीन-ए-इलाही  अकबर की बुद्धिमत्ता का नहीं बल्कि मूर्खता का स्मारक था




KNOW  MORE ( और पढ़े )
अकबर मुगल वंश का तीसरा शासक था। अकबर को अकबर-ए-आज़म सम्राट अकबर के नाम से भी जाना जाता है। साम्राज्य की एकता बनाए रखने के लिए अकबर ने ऐसी नीतियां अपनाईंताकि गैर-मुस्लिमों की वफादारी की जीत हो सके। अपने शासनकाल के दौरानअकबर ने सभी धर्मों का सम्मान कियासभी जातियों के लोगों के साथ समान व्यवहार किया और उनके साथ मित्रता के संबंध स्थापित किए।
अकबर का जन्म 15 अक्टूबर 1542 को अमरकोट में हुआ था।
अकबर का जन्म पूर्णिमा के दिन हुआ था, इस कारण  उसका नाम बदरुद्दीन मोहम्मद अकबर रखा गया।
बद्र का अर्थ है पूर्णिमा और अकबर नाम  नाना शेख अली अकबर जामी से लिया गया  ।
अकबर का राज्याभिषेक 14 फरवरी 1556 ई.  को कलनौर,  पंजाब में हुआ था।
अकबर के शिक्षक अब्दुल लतीफ़ एक ईरानी विद्वान थे।
बैरम खान 1556 से 1560 ई. तक अकबर का संरक्षक बना रहा । अकबर की धाय माता  माहम  अनगा ने  बैरम खान के खिलाफ साजिश रचा  । उसने  बैरम को हज करने का आदेश दिया जहां 1561 ईस्वी में उसकी  हत्या कर दी गई थी।
पानीपत की दूसरी लड़ाई 1556 ई. में अकबर और हेमू के बीच हुई थी। 
हल्दीघाटी का युद्ध मुगल सम्राट अकबर और महाराणा प्रताप के बीच 18 जून 1576 ई. को लड़ा गया था। अकबर और राणा के बीच का यह युद्ध महाभारत युद्ध की तरह विनाशकारी साबित हुआ। ऐसा माना जाता है कि इस युद्ध में न तो अकबर और न ही राणा हारे थे। यदि मुगलों के पास अधिक सैन्य शक्ति थीतो राणा प्रताप के पास जुझारू शक्ति की कोई कमी नहीं थी। उन्होंने अंतिम समय तक अकबर के साथ समझौते को स्वीकार नहीं किया और जीवन को सम्मान के साथ जीते हुए लड़ाई लड़ते रहे। अकबर के सेनापति का नाम मानसिंह था।
उन्होंने हिंदू-मुस्लिम संप्रदायों के बीच की दूरी को कम करने के लिए दीन-ए-इलाही नामक धर्म की स्थापना की।
दीन-ए-इलाही धर्म का मुख्य पुजारी अकबर था।

दीन-ए-इलाही धर्म को स्वीकार करने वाला पहला और अंतिम हिंदू शासक बीरबल था।
गुजरात विजय के दौरान अकबर पुर्तगालियों से मिला और यहीं पर उसने पहली बार समुद्र देखा था। 
अकबर ने  जैन धर्म के जैनाचार्य हरिवजय सूरी को जगतगुरु की उपाधि दी थी।
अकबर के शासनकाल में राजस्व जब्ती  प्रणाली प्रचलित थी।
अकबर के दरबार का प्रसिद्ध संगीतकार तानसेन था।
अकबर के दरबार का प्रसिद्ध चित्रकार अब्दुस्समद था।
अकबर की शासन प्रणाली की मुख्य विशेषता मनसबदारी  प्रणाली थी।
सूफी संत शेख सलीम चिश्ती अकबर के समकालीन थें 
अकबर के दरबार का दरबारी कवि अबुल फजल  था।
अकबर के दरबार में नवरत्नों के नाम इस प्रकार थे 
अबुल फ़ज़ल राजा मानसिंहअब्दुल रहीम खान-ए-खानाफकीर अजियन-दिनमुल्ला दो प्याजाफैज़ीतानसेनराजा बीरबलराजा टोडरमल  ।
अकबरनामा और आइने अकबरी अबुल फजल ने लिखीं।
बीरबल को युसुफजई के विद्रोह को दबाने के दौरान मार दिया गया था।

अकबर ने बीरबल को कविप्रिय की  उपाधि दी।

1602 ई. मेंसलीम के निर्देश परअबुल फजल दक्षिण से आगरा जा रहा थारास्ते में वीर सिंह बुंदेल सरदार ने उसे मार डाला।
अकबर का मकबरा  सिंकदराबाद में है ।
मुगलों की आधिकारिक भाषा फारसी थी।
हिंदी साहित्य का स्वर्ण युग अकबर के काल को ​​कहा जाता है।
अकबर ने नरहरिको महापात्र की उपाधि दी।
अकबर ने गुजरात विजय के उपलक्ष्य में बुलंद दरवाजा बनवाया था।
अकबर ने अब्दुस्समद को शीरी कलम की उपाधि और मुहम्मद हुसैन कश्मीरी को जड़ी  कलम की उपाधि दी।
अकबर के कुछ महत्वपूर्ण कार्य:

दास प्रथा का उन्मूलन 
1562

अकबर को हरमदल से मुक्ति

1562

तीर्थ यात्रा कर समाप्‍त किया 

1563

जजिया कर समाप्‍त किया 

1564

फतेहपुर सीकरी की स्‍थापना और राजधानी को आगरा से फतेहपुर ले गया 

1571

इबादत खाने की स्‍थापना की 

1575

इबादत खाने में सभी धर्मों के लोगों के प्रवेश की अनुमति

1578

मजहर की घोषणा किया 

1579

दीन-ए-इलाही धर्म की स्‍थापना की 

1582

इलाही संवत की शुरुआत किया 

1583

राजधानी लाहौर स्‍थानांतरित की 

1585