अकबर से सम्बन्धित Exam में पूछे जाने वाले भारतीय इतिहास के महत्वपूर्ण तथ्य |
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अकबर मुगल वंश का तीसरा शासक था। अकबर को अकबर-ए-आज़म सम्राट अकबर के नाम से भी जाना जाता है। साम्राज्य की एकता बनाए रखने के लिए अकबर ने ऐसी नीतियां अपनाईं, ताकि गैर-मुस्लिमों की वफादारी की जीत हो सके। अपने शासनकाल के दौरान, अकबर ने सभी धर्मों का सम्मान किया, सभी जातियों के लोगों के साथ समान व्यवहार किया और उनके साथ मित्रता के संबंध स्थापित किए।
अकबर का जन्म 15 अक्टूबर 1542 को अमरकोट में हुआ था।
अकबर का जन्म पूर्णिमा के दिन हुआ था, इस कारण उसका नाम बदरुद्दीन मोहम्मद अकबर रखा गया।
बद्र का अर्थ है पूर्णिमा और अकबर नाम नाना शेख अली अकबर जामी से लिया गया ।
अकबर का राज्याभिषेक 14 फरवरी 1556 ई. को कलनौर, पंजाब में हुआ था।
अकबर के शिक्षक अब्दुल लतीफ़ एक ईरानी विद्वान थे।
बैरम खान 1556 से 1560 ई. तक अकबर का संरक्षक बना रहा । अकबर की धाय माता माहम अनगा ने बैरम खान के खिलाफ साजिश रचा । उसने बैरम को हज करने का आदेश दिया , जहां 1561 ईस्वी में उसकी हत्या कर दी गई थी।
पानीपत की दूसरी लड़ाई 1556 ई. में अकबर और हेमू के बीच हुई थी।
हल्दीघाटी का युद्ध मुगल सम्राट अकबर और महाराणा प्रताप के बीच 18 जून 1576 ई. को लड़ा गया था। अकबर और राणा के बीच का यह युद्ध महाभारत युद्ध की तरह विनाशकारी साबित हुआ। ऐसा माना जाता है कि इस युद्ध में न तो अकबर और न ही राणा हारे थे। यदि मुगलों के पास अधिक सैन्य शक्ति थी, तो राणा प्रताप के पास जुझारू शक्ति की कोई कमी नहीं थी। उन्होंने अंतिम समय तक अकबर के साथ समझौते को स्वीकार नहीं किया और जीवन को सम्मान के साथ जीते हुए लड़ाई लड़ते रहे। अकबर के सेनापति का नाम मानसिंह था।
उन्होंने हिंदू-मुस्लिम संप्रदायों के बीच की दूरी को कम करने के लिए दीन-ए-इलाही नामक धर्म की स्थापना की।
दीन-ए-इलाही धर्म का मुख्य पुजारी अकबर था।
दीन-ए-इलाही धर्म को स्वीकार करने वाला पहला और अंतिम हिंदू शासक बीरबल था।
गुजरात विजय के दौरान अकबर पुर्तगालियों से मिला और यहीं पर उसने पहली बार समुद्र देखा था।
अकबर ने जैन धर्म के जैनाचार्य हरिवजय सूरी को जगतगुरु की उपाधि दी थी।
अकबर के शासनकाल में राजस्व जब्ती प्रणाली प्रचलित थी।
अकबर के दरबार का प्रसिद्ध संगीतकार तानसेन था।
अकबर के दरबार का प्रसिद्ध चित्रकार अब्दुस्समद था।
अकबर की शासन प्रणाली की मुख्य विशेषता मनसबदारी प्रणाली थी।
सूफी संत शेख सलीम चिश्ती अकबर के समकालीन थें ।
अकबर के दरबार का दरबारी कवि अबुल फजल था।
अकबर के दरबार में नवरत्नों के नाम इस प्रकार थे -
अबुल फ़ज़ल, राजा मानसिंह, अब्दुल रहीम खान-ए-खाना, फकीर अजियन-दिन, मुल्ला दो प्याजा, फैज़ी, तानसेन, राजा बीरबल, राजा टोडरमल ।
अकबरनामा और आइने अकबरी अबुल फजल ने लिखीं।
बीरबल को युसुफजई के विद्रोह को दबाने के दौरान मार दिया गया था।
अकबर ने बीरबल को कविप्रिय की उपाधि दी।
अकबर ने बीरबल को कविप्रिय की उपाधि दी।
1602 ई. में, सलीम के निर्देश पर, अबुल फजल दक्षिण से आगरा जा रहा था, रास्ते में वीर सिंह बुंदेल सरदार ने उसे मार डाला।
अकबर का मकबरा सिंकदराबाद में है ।
मुगलों की आधिकारिक भाषा फारसी थी।
हिंदी साहित्य का स्वर्ण युग अकबर के काल को कहा जाता है।
अकबर ने नरहरिको महापात्र की उपाधि दी।
अकबर ने गुजरात विजय के उपलक्ष्य में बुलंद दरवाजा बनवाया था।
अकबर ने अब्दुस्समद को शीरी कलम की उपाधि और मुहम्मद हुसैन कश्मीरी को जड़ी कलम की उपाधि दी।
अकबर के कुछ महत्वपूर्ण कार्य:
दास प्रथा का उन्मूलन
1562
अकबर को हरमदल से मुक्ति
1562
तीर्थ यात्रा कर समाप्त किया
1563
जजिया कर समाप्त किया
1564
फतेहपुर सीकरी की स्थापना और राजधानी को आगरा से फतेहपुर ले गया
1571
इबादत खाने की स्थापना की
1575
इबादत खाने में सभी धर्मों के लोगों के प्रवेश की अनुमति
1578
मजहर की घोषणा किया
1579
दीन-ए-इलाही धर्म की स्थापना की
1582
इलाही संवत की शुरुआत किया
1583
राजधानी लाहौर स्थानांतरित की
1585