शाहजहाँ ( 1627 - 1658 ) |
बचपन का नाम - खुर्रम
माता - जगत गोंसाई ( जोधा बाई )
पुत्र - दाराशिकोह ,शाहशुजा , औरंगजेब ,मुराद
पुत्री - जहाँआरा , रोशनआरा , गौहरआरा
राज्याभिषेक - 1627 ई०
उपाधि - अबुल मुजफ्फर शहाबुद्दीन
मुहम्मद साहिब किरन-ए-सानी
मृत्यु - जनवरी , 1666 ई०
मकबरा - आगरा - ताजमहल मे
प्रमुख निर्माण
कार्य
- ताजमहल - आगरा
- मोती मस्जिद - आगरा के किले मे
- लालकिला - दिल्ली
- जामा मस्जिद - दिल्ली ( लाल किला के बाहर )
- दीवान-ए-आम
- दीवान-ए-खास
- शालीमार बाग - लाहौर
- शाहजहाँ ने 1636- 1637 ई० मे पाबोस और सिजदा प्रथा समाप्त कर दिया
- लगान वसूली कि ठेकेदारी प्रथा को शुरू किया
- इलाही संवत के स्थान पर हिजरी संवत प्रारम्भ किया
- गोहत्या पर से प्रतिबन्ध समाप्त कर दिया
- उसने आगरा के गिरजाघर को नष्ट करा दिया
* 1612 ई० मे शाहजहाँ का विवाह
आसफ खां की पुत्री अर्जुमन्द बानो बेगम से हुआ | इसका दूसरा नाम
मुमताज महल था | शाहजहाँ ने उसे “ मलिका –ए- जमानी “ की उपाधि दी थी |
* मुमताज महल की याद मे शाहजहाँ ने आगरा मे
ताजमहल का निर्माण करवाया | इसका निर्माण उस्ताद इसा खां की देखरेख मे
हुआ |
* ताजमहल का नक्शा
उस्ताद अहमद लाहौरी ने तैयार किया था |
* औरंगजेब शाहजहाँ का तीसरा बड़ा पुत्र था | शाहजहाँ ने उसे “ बहादुर “ की उपाधि दी थी |
* शाहजहाँ के पुत्रों मे दाराशिकोह सर्वाधिक
बुद्धिमान था | शाहजहाँ ने उसे “ शाहबुलंद इकबाल “ की उपाधि दी थी |
* शाहजहाँ के दरबार के प्रमुख चित्रकार - मुहम्मद फ़कीर , मीर हासिम
* शाहजहाँ ने
संगीतज्ञ लाल खां को गुणसमंदर की उपाधि दी थी |
* मीर जुमला ने शाहजहाँ को कोहिनूर हीरा भेंट
किया था |
* शाहजहाँ के शासन
के बीस वर्षों का इतिहास अब्दुल हमीद लाहौरी ने “ पादशाहनामा मे
लिखा |
* पंडित जगन्नाथ
शाहजहाँ के दरबारी कवि थें | इन्होने “ गंगा लहरी “ तथा “ रस गंगाधर “ की रचना की |
* शाहजहाँ के काल
मे दक्कन की भूमि कर व्यवस्था मे सुधार मुर्शीद कुली खां ने किया था |
* शाहजहाँ के
शासनकाल मे प्रमुख विदेशी यात्री टेवर्नियर , फ्रेंसिस बर्नियर
, पीटर मुंडी और निकोलो मनूची थें |
* मनूची उसके समय
के उत्तराधिकार युद्ध का प्रत्यक्षदर्शी था |
- शाहजहाँ के शासनकाल को स्थापत्य कला का स्वर्ण युग कहा जाता है
- शाहजहाँ ने मयूर सिंहासन का निर्माण बेबादल खां से करवाया तथा कोहिनूर हीरा को उसमे लगवा दिया
- शाहजहाँ बुद्धवार को न्याय करता था
- शाहजहाँ गोपनीय आदेशों को शाह बुर्ज से जारी करता था | वहाँ वह शहजादों और अमीरों के साथ विचार-विमर्श करता था
- 1858 ई० मे औरंगजेब ने उसे बंदी बना लिया और आगरा के किले के शाहबुर्ज मे रखा
- शाहजहाँ की अर्थी को साधारण नौकरों तथा हिजडों ने उठाया