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UPPCS Prelims 2001 – Maurya Saamrajy quiz | मौर्य शासनकाल हल प्रश्नपत्र

 

नमस्कार दोस्तों  UPPCS (Prelims)  – 2001-2002 में   प्राचीन  भारतीय इतिहास (History of Ancient India ) के “ मौर्य साम्राज्य  “ से आये हुए प्रश्नों को व्याख्या  सहित हल किया गया है प्रश्नों का व्याख्या Civil services के  मानक पुस्तकों से लिया गया है |

जो Students Civil services, Railway, UPSC, SSC, Banking, State PSC, CDS, NDA, SSC CGL, SSC CHSL, Patwari, Samvida, Police, SI, CTET, TET, Army, MAT, CLAT, NIFT, IBPS PO, IBPS Clerk, CET, Vyapam , Lekhpal , VDO  etc.   तथा अन्य प्रतियोगी  परीक्षा की तैयारी कर रहे है उनके  लिए   “  UPPCS Pre 2001-2002 –  Maurya saamrajy Maurya Empire) “ के History Quiz   रामबाण साबित होगी  |

Written by : Arvind Kushwaha

 

उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग प्रारंभिक परीक्षा -2001-2002  

 मौर्य शासनकाल  | Maurya Empire

व्याख्यात्मक हल प्रश्न पत्र )

 

प्रश्न-  चन्द्रगुप्त मौर्य के समय सौराष्ट्र का राज्यपाल कौन था :

( a ) बिन्दुसार

( b ) अशोक

( c ) वैश्य पुष्यगुप्त

( d ) यवनराज तुषाष्क

 

उत्तर ( c ) वैश्य पुष्यगुप्त

व्याख्या-

* सिंचाई की सुविधा के लिए चन्द्रगुप्त मौर्य ने सुराष्ट्र प्रान्त में सुदर्शन झील का निर्माण करवाया था । रूद्रदामन के जूनागढ़ लेख से पता चलता है कि इस झील के निर्माण का कार्य राज्यपाल पुष्यगुप्त वैश्य ने प्रारम्भ करवाया था तथा अशोक के राज्यपाल तुषास्प ने इसे पूरा करवाया था ।

स्रोत- प्राचीन भारत का इतिहास तथा संस्कृति , के० सी० श्रीवास्तव

 

प्रश्न-  बिन्दुसार की राजसभा में आने वाला सीरिया का राजदूत कौन था :

( a ) एथीनायस

( b ) डायोनिसस

( c ) डाइमेकस

( d ) मेगस्थनीज

 

उत्तर ( c ) – डाइमेकस

व्याख्या-

* स्ट्रैबो के अनुसार सीरिया के शासन एन्तियोक प्रथम का राजदूत डाइमेकस बिन्दुसार के दरबार में आया  था ।

* बिन्दुसार ने सीरिया के शासक से मीठी शराब , अंजीर तथा एक दार्शनिक की मांग की थी । सीरिया के शासक ने पहली दो मांगें तो मान ली पर दार्शनिक भेजने में असमर्थता प्रकट की क्योंकि यूनानी परम्परा ( कानून ) के अनुसार दार्शनिक भेजना सम्भव नहीं था ।

स्रोत - प्राचीन भारत का राजनीतिक एवं सांस्कृतिक इतिहास , डॉ ० आर ० एन ० पाण्डेय

 

प्रश्न-  मेगस्थनीज द्वारा भारतीय समाज के विभाजन में दूसरे  स्थान पर कौन है :

( a ) व्यापारी

( b ) कृषक

( c ) योद्धा

( d ) दार्शनिक

 

उत्तर ( b ) कृषक

व्याख्या-

*  मेगस्थनीज भारतीय समाज की चर्चा करते हुए  यह कहता है कि यह सात वर्गों में विभाजित था ।

* पहला वर्ग दार्शनिक एवं ब्राह्मणों का था । इनकी संख्या कम थी ।

* दूसरा वर्ग कृषकों का था । इनकी संख्या सर्वाधिक थी ।

* तीसरा वर्ग पशुपालकों एवं अखेटकों का था ।

* चौथे वर्ग में शिल्पी , व्यापारी , मजदूर तथा राज्य के सेवा करने वाले थे ।

* पांचवा वर्ग योद्धाओं का था ।

* छठा वर्ग निरीक्षकों का था ।

* सातवाँ वर्ग मंत्रियों एवं परामर्शदाताओं का था ।

स्रोत - प्राचीन भारत का राजनैतिक एवं सांस्कृतिक इतिहास , डा० आर० एन० पाण्डेय

 

प्रश्न-  चीनी यात्री भारत को क्या कहते थे :

( a ) काउ चांग

( b ) किंग तु

( c ) यंग ति

( d ) यिन तु

 

उत्तर ( d ) यिन तु

व्याख्या-

*  ईसा की प्रथम शताब्दी में चीन में बौद्ध धर्म का प्रवेश होने पर चीनियों ने भारत के लिए  तिएन - चू अथवा चुआंत् शब्द का प्रयोग किया है लेकिन ह्वेनसांग के बाद वहाँ पर यिन तु  शब्द का चलन हो गया ।

स्रोत - प्राचीन भारत , एन० सी० आर० टी०

UPPCS Pre 2000 – Maurya Saamrajy quiz | मौर्य शासनकाल

 

नमस्कार दोस्तों  UPPCS (Prelims)  – 2000 में   प्राचीन  भारतीय इतिहास (History of Ancient India ) के “ मौर्य साम्राज्य  “ से आये हुए प्रश्नों को व्याख्या  सहित हल किया गया है प्रश्नों का व्याख्या Civil services के  मानक पुस्तकों से लिया गया है |

जो Students Civil services, Railway, UPSC, SSC, Banking, State PSC, CDS, NDA, SSC CGL, SSC CHSL, Patwari, Samvida, Police, SI, CTET, TET, Army, MAT, CLAT, NIFT, IBPS PO, IBPS Clerk, CET, Vyapam , Lekhpal , VDO  etc.   तथा अन्य प्रतियोगी  परीक्षा की तैयारी कर रहे है उनके  लिए   “  UPPCS Pre 2000 –  Maurya saamrajy Maurya Empire) “ के History Quiz   रामबाण साबित होगी  |

Written by : Arvind Kushwaha

 

उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग प्रारंभिक परीक्षा -2000  - मौर्य शासनकाल  | Maurya Empire

व्याख्यात्मक हल प्रश्न पत्र )

 

प्रश्न- अशोक के तृतीय शिलालेख में जिन तीन पदाधिकारियो के नाम हमें मिलते हैं , वे हैं :

( a ) युक्त , राजुक एवं प्रादेशिक

( b ) धम्ममहामात्र , स्त्रि अध्यक्ष एवं ब्रजभूमिक

( c ) नगरव्यवहारिक , अनतमहामात्र एवं प्रेदष्टा

( d ) सजहार्ता , सन्निधाता एवं आटविक

 

उत्तर ( a ) युक्त , राजुक एवं प्रादेशिक

व्याख्या -

* अशोक के तृतीय शिलालेख में तीन पदाधिकारियों के नाम मिलते हैं - युक्त . राजुक तथा प्रादेशिक ।

* अशोक के बारहवें शिलालेख में भी तीन पदाधिकारियों के नाम मिलते हैं - धम्म महामात्र , स्त्रि-अध्यक्ष महामात्र तथा ब्रजभूमिक महामात्र ।

स्रोत- प्राचीन भारत का इतिहास तथा संस्कृति , के० सी० श्रीवास्तव

 

प्रश्न- निम्नलिखित में से अशोक का कौन शिलालेख पाँच यवन राज्यों में धर्म प्रचारकों के भेजने का वर्णन करता है ?

( a ) द्वितीय शिलालेख

( b ) तृतीय शिलालेख

( c ) चतुर्थ शिलालेख 

( d ) तेरहवां शिलालेख

 

उत्तर ( d ) तेरहवां शिलालेख

व्याख्या -

* अशोक ने बौद्ध धर्म के प्रचारार्थ विदेशों में भी प्रचारकों को भेजा । तेरहवें शिलालेख में पाँच यवन राजाओं के नाम मिलते हैं जिनके राज्यों में उनके धर्म प्रचारक गये थे-

( 1 ) अन्ति योग ( सीरियाई नरेश )

( 2 ) तुरभय ( मिस्री नरेश )

( 3 ) अन्तिकिनि ( मेसीडोनियन राजा )

( 4 ) मंग ( एपिरस )

( 5 ) अलिक सुन्दर ( सिरीन )

स्रोत - प्राचीन भारत का इतिहास तथा संस्कृति , के ० सी ० श्रीवास्तव

 

प्रश्न- मौर्य काल में वाणिज्य अधीक्षक कहलाता था :

( a ) सीताध्यक्ष

( b ) पौतवाध्यक्ष

( c ) शुल्काध्यक्ष

( d ) पण्याध्यक्ष

 

उत्तर ( d ) पण्याध्यक्ष

व्याख्या -

* पण्याध्यक्ष , वाणिज्य अधीक्षक कहलाता था ।

स्रोत- प्राचीन भारत का इतिहास तथा संस्कृति , के ० सी ० श्रीवास्तव

 

प्रश्न- मौर्य प्रशासन में ' सीता ' से तात्पर्य था :

( a ) बंजर भूमि

( b ) राजकीय भूमि का राजस्व

( c ) चुंगी

( d ) शिल्पकारों पर लगाया गया कर

 

उत्तर ( b ) राजकीय भूमि का राजस्व

व्याख्या -

* अर्थशास्त्र में राजस्व का विस्तृत वर्णन किया गया है । खानों , वनों , चारागाहों , व्यापार , दुर्ग आदि से होने वाली आय से राजस्व में और वृद्धि की जाती थी । राजा की अपनी भूमि या भूसंपदा से होने वाली आय को सीता कहा जाता था ।

 

प्रश्न- कौटिल्य के ' अर्थशास्त्र में वर्णित प्रणय कर का अर्थ था :

( a ) एक आपात कर

( b ) अंतर्जातीय प्रणय सम्बन्धों पर लगाया गया कर

( c ) विधवा प्रणय सम्बन्धों पर लगाया गया कर

( d ) नियोग पर लगाया गया कर

 

उत्तर ( a ) एक आपात कर

व्याख्या -

* मौर्यकाल के समय आपत्ति के समय प्रणय कर लिया जाता था ।

 

प्रश्न- मौर्य शासन - व्यवस्था में रूपदर्शक ' नामक अधिकारी था :

( a ) चाँदी तथा अन्य धातुओं का परीक्षक

( b ) गणिकाओं का प्रभारी

( c ) रंगमंच का प्रबंधक

( d ) सिक्कों का परीक्षक

 

उत्तर ( d ) सिक्कों का परीक्षक

व्याख्या -

* अर्थशास्त्र में राजकीय टकसाल का भी उल्लेख मिलता है जिसका अधीक्षक लक्षणाध्यक्ष " होता था ।

* मुद्राओं का परीक्षण करने वाला अधिकारी " रूप दर्शक " कहा जाता था ।

स्रोत- प्राचीन भारत का इतिहास तथा संस्कृति , के ० सी ० श्रीवास्तव

 

प्रश्न- निम्नलिखित में से किसे मिस्र के टॉलेमी फिलाडेल्फ्स ने राजदूत के रूप में भारत भेजा था ?

( a ) डायोनिसियस

( b ) मेगस्थनीज

( c ) प्लिनी

( d ) पॉलिबियस

 

उत्तर ( a ) डायोनिसियस

व्याख्या -

* प्लिनी हमें बताता है कि मिस्र के राजा टालमी द्वितीय फिलाडेल्फस ( 285-247 ईसा पू ० ) ने " डाइनोसियस "  नामक एक राजदूत मौर्य दरबार में भेजा था ।

* स्ट्रैबो के अनुसार सीरिया के राजा ने डाइमेकस नामक अपना एक राजदूत बिन्दुसार की राज्यसभा में भेजा था । यह मेगस्थनीज के स्थान पर आया था ।

स्रोत - प्राचीन भारत का इतिहास तथा संस्कृति , के ० सी ० श्रीवास्तव

 

प्रश्न- श्वेत लोहे का संदर्भ देकर किसने प्राचीनकाल में भारत में विकसित लौह प्रौद्योगिकी का साक्ष्य प्रस्तुत किया है ?

 ( a ) कर्टियस

( b ) डेरियस

( c ) कौटिल्य

( d ) टॉलेमी

 

उत्तर ( a ) कर्टियस

 

प्रश्न- निम्नलिखित में से कौन मेगस्थनीज द्वारा वर्णित मौर्यसमाज के सात वर्गों में सम्मिलित नहीं थे ?

( a ) दास

( b ) योद्धा

( c ) शिल्पकार

( d ) कृषक

 

उत्तर ( a )  दास

व्याख्या -

* यूनानी लेखक मेगस्थनीज भारतीय समाज में दास प्रथा के प्रचलित होने का उल्लेख नहीं करता जो इस बात का प्रमाण है कि भारत में दासों की दशा यूनान तथा रोम के दासों से कहीं अच्छी थी ।

स्रोत- प्राचीन भारत का इतिहास तथा संस्कृति , के ० सी ० श्रीवास्तव