UPPCS – 1998 - 2000
भारत के प्राचीन धर्म - Buddhist, Jain, Vaishnava
(Bhagavata), Shaiva ( व्याख्यात्मक हल प्रश्न पत्र )
प्रश्न- निम्नलिखित चार स्थलों पर हुई बौद्ध संगीतियों का सही कालानुक्रम क्या है ?
1. वैशाली 2. राजगृह
3. कुण्डलवन 4. पाटलिपुत्र
(a
) 1 , 2 , 3 , 4
( b )
4 , 3 , 2 , 1
( c )
, 2 , 1 , 3 , 4
( d )
2 , 1 , 4 , 3
उत्तर ( d ) 2 , 1 , 4 , 3
* प्रथम बौद्ध संगीति का आयोजन अजातशत्रु के समय राजगृह की
सप्तकर्णी गुफा में हुई । इस संगीति की अध्यक्षता महाकस्सप ने की ।
* द्वितीय बौद्ध संगीति का आयोजन कालाशोक के शासन काल में
वैशाली में किया गया ।
* तृतीय बौद्ध संगति का आयोजन अशोक के शासन काल पाटलिपुत्र
में किया गया । इसकी अध्यक्षता मोग्गलिपुत्त तिस्य ने की ।
* चतुर्थ बौद्ध संगीति का आयोजन कुषाण शासक कनिष्क के शासन
काल में कश्मीर के कुण्डलवन में हुई । इसकी अध्यक्षता वसुमित्र ने की थी ।
प्रश्न- निम्नलिखित में से कौन
छठी शताब्दी ईसवी पूर्व में आजीविक धर्म संप्रदाय का गुरु था ?
( a )
महावीर
( b
) मक्खालि गोसाल
( c
) पूरण कस्सप
( d
) अजित केसकम्बलिन
उत्तर ( b ) मक्खालि गोसाल
* छठी शताब्दी ई ० पू ० में मक्खलि गोशाल आजीवक सम्प्रदाय की
स्थापना की थी ।
* पहले ये महावीर के शिष्य थे किन्तु बाद में मतभेद हो जाने
पर इन्होंने महावीर का साथ छोड़कर " आजीवक " नामक स्वतंत्र सम्प्रदाय
स्थापित किया । इनका मत नियतिवाद ( भाग्यवाद ) कहा जाता है । जिसके अनुसार संसार
की प्रत्येक वस्तु भाग्य द्वारा पूर्व नियन्त्रित एवं संचालित होती है ।
प्रश्न- किसके सिक्कों पर
संकर्षण एवं वासुदेव दोनों अंकित है ?
( a )
अगाथोक्लीज
( b
) हुविष्क
( c
) चन्द्रगुप्त द्वितीय
( d
) भागभद्र
उत्तर ( a ) अगाथोक्लीज
* अगाथोक्लीज ( अगथ्रुक्लेथ ) के कुछ सिक्के , हाल के
पुरातात्विक उत्खन्नों में अफगानिस्तान - रूस की सीमा पर स्थित अइखानुम नामक स्थान
से प्राप्त हुए हैं । इन पर एक ओर चक्रधर कृष्ण और दूसरी ओर हलधर बलराम ( संकर्षण
) का अंकन है ।
प्रश्न- निम्नलिखित में से कौन
- एक आलवार संत थे ?
( a ) कुलशेखर
( b
) सम्बन्दर
( c
) अप्पर
( d
) वेंकटनाथ
- उत्तर ( a ) कुलशेखर
* दक्षिण भारत में
वैष्णव धर्म का प्रचार आलवार सन्तों द्वारा हुआ । आलवार का अर्थ है " ज्ञानी
व्यक्ति " । आलवार ऐसे ज्ञानी सन्त थे , जो लोगों के हृदय पर आध्यात्मिक शासन करते थे ।
* आलवारों की पारम्परिक संख्या 12 मानी गयी है -
पोइकई , पूत्ततार , पेयालवार , तिरु , मलशई , अडालतोण्डरदिप्पोडि , तिरुप्पान , नम्माल , पेरियालवार, मधुर
कवि, कुलशेखर तथा तिरुमगई ।
प्रश्न- निम्नलिखित में से
किसके लिए वर्णन है कि उसने विदिशा में वासुदेव के सम्मान में गरूड़ - स्तम्भ
स्थापित किया ?
( a )
अन्तलिकित
( b
) भागवत
( c
) डेमेट्रिअस
( d
) हेलिओडोरस
उत्तर ( d ) ) हेलिओडोरस
* शुंग वंश के नवे शासक भागभद्र अथवा भागवत के शासन काल के 14 वें वर्ष
तक्षशिला के यवन नरेश एन्टियालकीड्स का राजदूत होलियोडोरस उसके विदिशा स्थित दरबार में उपस्थित हुआ ।
* उसने भागवत् धर्म ग्रहण कर लिया तथा विदिशा में गरुड़
स्तम्भ की स्थापना कर भागवत विष्णु की पूजा की ।
प्रश्न- अभिधम्म ग्रन्थ
कथावस्तु की रचना किसने की थी :
( a
) महाकस्सप
( b
) महिन्द
( c
) मिलिन्द
( d
) मोग्गलिपुत्त तिस्स
उत्तर ( d ) मोग्गलिपुत्त
तिस्स
* तृतीय बौद्ध
संगीति मौर्य शासक अशोक के शासन काल में पाटलिपुत्र में बुलायी गयी । इसकी
अध्यक्षता मोग्गलपुत्त तिष्य ने किया |
* उन्होंने " कथावत्थु ' नामक ग्रन्थ का संकलन किया जो अभिधम्म पिटक के
अन्तर्गत आता है ।
प्रश्न- प्राचीन रत्नगिरी
महाविहार कहाँ स्थित था :
( a
) बंगाल
( b
) बिहार
( c
) महाराष्ट्र
( d
) उड़ीसा
उत्तर ( c ) महाराष्ट्र
प्रश्न- निम्न में से कौन जैन
धर्म का संरक्षक था :
( a
) बिम्बिसार
( b
) कालाशोक
( c
) खारवेल
( d
) गौतमीपुत्र शातकर्णि
उत्तर ( c ) खारवेल
* चेदिवंश का शासक खारवेल जैन धर्म का अनुयायी था । उसने जैन
साधुओं को संरक्षण प्रदान किया |
* हाथी गुम्फालेख का उद्देश्य उदयगिरि पहाड़ी पर बनवाये गये
ऐसे ही भिक्षु आवासों का विवरण सुरक्षित रखना था ।
प्रश्न- बौद्ध संघों के आचरण के
नियमों का संकलन किस निम्न ग्रंथ में मिलता है ?
( a )
विनय पिटक
( b
) सुत्त पिटक
( c
) अभिधम्म पिटक
( d
) अंगुत्तर निकाय
उत्तर ( a ) विनय पिटक
* महात्मा बुद्ध की मृत्यु के उपरान्त उनकी शिक्षाओं को
संकलित कर तीन पिटकों में विभाजित किया गया :
1
. विनय पिटक - इसमें संघ सम्बन्धी नियम तथा दैनिक जीवन
सम्बन्धी आचार , विचारों विधि
निषेधों आदि का संग्रह है ।
2.
सुत्तपिटक - इसमें बौद्ध धर्म के सिद्धान्त तथा उपदेशों
का संग्रह है ।
3.
अभिधम्म पिटक - इसमें दार्शनिक
सिद्धान्तों का संग्रह है ।
प्रश्न- ' वज्रछेदिका ' नामक ग्रंथ किससे
संबंधित है ?
( a )
आयुर्वेद
( b
) कीमिया
( c
) महायान
( d
) पाशुपत
उत्तर ( c ) महायान
* वसुबन्धु कृत वज्रछेदिका ग्रन्थ बौद्ध धर्म महायान
सम्प्रदाय से सम्बन्धित है ।
* इसमें विज्ञानवाद ( योगाचार ) का विकास दिखाया गया है ।
प्रश्न- निम्नलिखित में से कौन
एक शैव आचार्य था ?
( a )
भूतयोगी
( b
) भ्रान्तयोगी
( c
) कुलशेखर
( d ) सुन्दरमूर्ति
उत्तर ( d ) सुन्दरमूर्ति
* दक्षिण भारत में भी शैव धर्म का प्रचार - प्रसार नायनारों
संतों द्वारा किया गया । नायनार सन्तों की संख्या 63 बतायी गयी है । जिनमें अप्पार, तिरुज्ञान , सम्बन्दर , सुन्दर मूर्ति , माणिक्क, वाचगर
आदि के नाम उल्लेखनीय है ।
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